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महावितरण का दावा : प्रशासन कर्मचारियों के साथ
अमरावती / प्रतिनिधि दि.1 – पिछले वर्ष कोरोना के काल में बिजली ग्राहकों की सेवा में दिन-रात कर्तव्य निभानेवाले महावितरण के अभियंता, कर्मचारी फिलहाल गंभीर आर्थिक संकट के चलते मजबूरन बकाया बिजली बिल की वसूली व बकायेदारोें की बिजली खंडित करने की कार्रवाई कर रहे है. इस दौरान उन्हें गालीगलौच, धक्कामुक्की अथवा मारपीट तथा कार्यालय की तोडफोड कर नुकसान हुआ तो तत्काल फौजदारी कार्रवाई की जायेगी. इस तरह की सूचना जिले के सभी क्षेत्रीय कार्यालयोें को दी गई है. महावितरण के अनुसार जिले में फरवरी महिने में इस तरह के 15 अपराध दर्ज किये गये है. जिसमें आरोपी को 2 से 10 वर्ष तक की कैद का प्रावधान है.
महावितरण ने कहा है कि जहां एक ओर सूचारु आपूर्ति के लिए काफी प्रतिकुल परिस्थिति में दिनरात सेवा देने वाले अभियंता व कर्मचारियों को दूसरी ओर बिजली बिल वसूली के लिए मारपीट अथवा कार्यालय में हंगामा करने जैसी दुर्दैवी घटनाओं का सामना न करना पडे, ऐसी अपेक्षा व्यक्त हो रही है. अगर ऐसा करने पर सरकारी काम में बाधा लाना (धारा 353), कर्मचारियों के साथ विवाद करना (धारा 504), धमकी देना (धारा 506), मारपीट करना (धारा 332 व 333), कार्यालय में जबर्दस्ती प्रवेश कर तोडफोड करना (धारा 427), सरकारी संपत्ति का नुकसान करना, कार्यालय में हंगामा करना (धारा 143, 148 व 149), अनधिकृत भीड इकट्ठा करना (धारा 141 व 143) आदि प्रकारों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत कार्रवाई की व्यवस्था है. इन विविध धाराओं के तहत 2 से 10 वर्ष तक कैद की सजा का प्रावधान है. जिले में 1 फरवरी से बिजली बिल वसूली मुहिम शुरु की गई है. इस मुहिम के दौरान अमरावती शहर विभाग में 4, अमरावती ग्रामीण विभाग में 7, अचलपुर में 1 तथा मोर्शी विभाग में 3 जगह वसूली के बदले विद्युत आपुर्ति खंडीत करने का विरोध करते हुए महावितरण कर्मचारियों को विद्युत ग्राहकों से मारपीट होने की घटना घटती हुई है. महावितरण कर्मचारी विद्युत सेवा देने के लिए जिस तरह बाधित है, इसी तरह वसूली की जिम्मेदारी भी उनकी है. वह अपनी जिम्मेदारी निभाते समय उनसे मारपीट करना यह निंदनीय है, ऐसा महावितरण ने कहा है. ऐसे घटनाओं की गंभीर दखल लेते हुए महावितरण प्रशासन की ओर से ऐसे ग्राहकों पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिये गए है. अधिक्षक अभियंता दिलीप खानंदे व सभी विभागीय कार्यकारी अभियंताओं ने इन कर्मचारियों से भेंट कर उनसे प्रत्यक्ष बातचित कर उनका मनोबल बढाने का प्रयास किया गया है.