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पैसों की बारिश नहीं करवाई, तो जान से मार डाला

रमेश मेश्राम हत्याकांड में सामने आयी जादू-टोनेे की वजह

* ग्रामीण अपराध शाखा पुलिस ने नागपुर से पकडे 5 आरोपी
अमरावती/दि.16 – गत रोज चांदूर रेल्वे पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत रमेश मेश्राम नामक 62 वर्षीय व्यक्ति की उसके ही खेत में बनी झोपडी से लाश बरामद हुई थी. लाश की रक्तरंजित अवस्था को देखते हुए पुलिस ने प्राथमिक अनुमान लगाया था कि, रमेश मेश्राम के सिर पर किसी भारी वस्तु से वार कर उसे मौत के घाट उतारा गया है. पश्चात पुलिस ने मामले की सघन जांच करते हुए 24 घंटे के भीतर नागपुर से 5 आरोपियों को अपनी हिरासत में लिया. इसके साथ ही इस हत्याकांड की वजह भी सामने आ गई. जिसके तहत यह पता चला कि, रमेश मेश्राम जादू-टोना व झाड फुंक करने का काम किया करता था और उसने आरोपियों से यह कहते हुए करीब 2 लाख रुपए लिए थे कि, वह पैसों की बारिश करवाएगा. परंतु रमेश मेश्राम ऐसा करने में नाकाम रहा, तो आरोपियों ने इससे चिढकर उससे अपने पैसे वापिस मांगे और इसी बात को लेकर हुए झगडे में रमेश मेश्राम के सिर पर फावडा दे मारा. जिससे रमेश मेश्राम की मौके पर ही मौत हो गई.
इस मामले में मिली जानकारी के मुताबिक चांदूर रेल्वे निवासी उज्वल रमेश मेश्राम ने पुलिस को सूचित किया था कि, उसके पिता रमेश मेश्राम 14 अगस्त को किसी व्यक्ति का फोन आने के बाद अपने घर से खेत जाने निकले थे. जहां से जब वे पूरी रात वापिस नहीं लौटे, तो उसने 15 अगस्त को खेत पर जाकर देखा. जहां पर खेत में बनी झोपडी में उसके पिता रक्तरंजित अवस्था पडे दिखाई दिए. ऐसे में उसने तुरंत अपने पिता को इलाज हेतु अस्पताल में भर्ती कराया. जहां पर डॉक्टरों ने उसके पिता को मृत घोषित कर दिया. यह शिकायत मिलते ही चांदूर रेल्वे पुलिस ने तुरंत घटनास्थल पर पहुंचकर पंचनामा किया. जहां पर झोपडी में पूजापाठ का साजोसामान और कुछ देविदेवताओं के फोटो सहित 50 हजार रुपए मूल्य के पुराने व बंद हो चुके कोरे करंसी नोट का बंडल पडा दिखाई दिया. जिसे देखकर स्पष्ट प्रतित हो रहा था कि, घटनास्थल पर कोई जादू-टोने अथवा टोटके जैसी तांत्रिक पूजा की गई थी. इसे लेकर की गई जांच व पूछताछ में पता चला कि, रमेश मेश्राम अक्सर ही गांव में झाड फुंक एवं टोने टोटके का काम किया करता था. वहीं रमेश मेश्राम के बेटे उज्वल मेश्राम ने पुलिस को बताया कि, घटनावाले दिन उसके पिता सेे नागपुर में रहने वाले कमलाकर उर्फ कमलेश बाबुराव मेश्राम (45) ने आकर मुलाकात की थी और वह उन्हें अपना काम करके देने की बात कहते हुए घर से लेकर गया था. यह जानकारी मिलते ही चांदूर रेल्वे पुलिस ने कमलेश मेश्राम की नागपुर जाकर तलाश की और उसे खोज निकाला. साथ ही उसकी निशानदेही पर नागपुर में ही रहने वाले कमलाकर साहेबराव चरपे (44), मयूर प्रमोद मग्गीरवार (26), राजेश अभिमन्यू येसनपुरे (29) व अकरम शाह याकूब शाह (23) को भी अपनी हिरासत में लिया. इन सभी आरोपियों ने पुलिस को बताया कि, रमेश मेश्राम ने उन्हें अपने जादू-टोने के दम पर पैसों की बारिश करवाने का झांसा दिया था और इसके लिए उनसे काफी बडी रकम भी ली थी. लेकिन पैसा लेने के बाद वह हमेशा ही टालमटोल किया करता था. पश्चात उसने 14 अगस्त को अमावस रहने के चलते पैसों की बारिश करने हेतु पूजा-अर्चना करने का संदेश दिया था. जिसके चलते सभी आरोपी नागपुर से फोरविलर वाहन लेकर चांदूर बाजार स्थित रमेश मेश्राम के खेत पर पहुंचे. जहां पर पूजा-अर्चना की तैयारी करते हुए रमेश मेश्राम ने जमकर शराब पी और शराब के नशे में धूत होकर आरोपियों के साथ गालिगलौज करनी शुरु की. जिससे चिढकर आरोपियों ने रमेश मेश्राम के साथ जमकर मारपीट की और उसके सिर पर फावडे के डंडे से भरपूर वार किया. जिससे रमेश मेश्राम की मौके पर ही मौत हो गई. जिसके बाद सभी आरोपी घटनास्थल से फरार हो गए थे. परंतु चांदूर रेल्वे पुलिस और ग्रामीण अपराध शाखा पुलिस के संयुक्त पथक ने महज 10 घंटे के भीतर इस हत्याकांड की गुत्थी को सफलतापूर्वक सुलझा लिया और पांचों आरोपियों को वारदात में प्रयुक्त फोरविलर वाहन के साथ हिरासत में लिया.
यह कार्रवाई ग्रामीण पुलिस अधीक्षक अविनाश बारगल, अपर पुलिस अधीक्षक शशिकांत सातव, चांदूर रेल्वे के उपविभागीय पुलिस अधिकारी सचिंद्र शिंदे के मार्गदर्शन तथा ग्रामीण अपराध शाखा के पुलिस निरीक्षक किरण वानखडे एवं चांदूर रेल्वे पुलिस स्टेशन के थानेदार सतीश पाटिल के नेतृत्व मेें पीएसआई तस्लीम शेख, मूलचंद्र भांबुरकर, सुयोग महापुरे एवं पुलिस कर्मचारी सचीन मिश्रा, शकील चव्हाण, पुरुषोत्तम यादव, मंगेश लकडे, चंद्रशेखर खंडारे, सचीन मसांगे, रवि पाटिल व रवि भुताडे के पथक द्बारा की गई.

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