* सेवानिवृत्त लिपिक की सीओ को चेतावनी
चांदूर बाजार-/ दि.3 नगर परिषद विद्यालय के सेवानिवृत्त लिपिक रमेश छोटेलाल उसरबसे ने नप के मुख्याधिकारी को चेतावनी दे दी कि, अगर उनके घर पर बुलडोजर चलाया, तो पत्नी समेत खुद को जिंदा जला लेंगे. उत्तर प्रदेश में अतिक्रमण हटाते समय एक महिला ने खुद को अपनी बच्ची के साथ जला ली थी, यह घटना फिर से न दोहराई जाए, ऐसी चेतावनी सेवानिवृत्त कर्मी ने मुख्याधिकारी को दी है.
जानकारी के अनुसार नप विद्यालय से सेवनिवृत्त लिपिक रमेश उसरबसे वर्ष 1970 से उनके पिता व्दारा पालिका की जगह पर बनाए गए लिपिक के मकान में रह रहे है. उनके पिता स्व. छोटेलाल उसरबसे नगर परिषद में सफाई कर्मचारी थे. नगर परिषद ने एक खेत खरीदकर सफाई कर्मचारी को मकान दिये थे. मगर रमेश उसरबसे को जगह नहीं मिल पायी. नगर परिषद ने रमेश को 1700 फीट जमीन देने का प्रस्ताव मंजूर किया, लेकिन आज तक रमेश को जमीन नहीं मिली. जिस जगह वह रह रहा है, वह जगह भी उसके नाम नहीं किया. हकिकत में रमेश के पिता ने उस घर का पंजीकृत मृत्युपत्र भी पोते के नाम कर दिया है. इस वजह से असेसमेंट और नगर परिषद का टैक्स भरे जाने की रसिद भी जोडी है. इसके बाद भी नगर परिषद ने वह जगह और मकान 15 दिनों के अंदर खाली करने का नोटीस थमा दिया. इस बात से गुस्से में आये सेवानिवृत्त रमेश उसरबसे ने मुख्याधिकारी को नोटीस के बदले ज्ञापन सौंपकर चेतावनी दी है. इस ज्ञापन की प्रतिलिपिया प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, सांसद, पालकमंत्री, विभागीय आयुक्त, जिलाधिकारी और पुलिस अधिक्षक को भिजवाई है.
नोटीस पर नप को ज्ञापन
नगर परिषद ने पालिका के पुराने बैल बाजार की जगह पर नया कॉम्प्लेक्स बनाया है. रमेश उसरबसे इसी कॉम्प्लेक्स पीछे पिता व्दारा बनाए गए मकान में रहता है. रमेश का कहना है कि, उसकी मकान की जगह से कोई परेशानी नहीं आयेगी, इस परिसर में मुख्य रास्ते का काम पूरा हो चुका है. वह सडक उसकी मकान से 50 मीटर दूरी पर है. रमेश में ज्ञापन में दुख व्यक्त किया है कि, वह जगह स्थायी तौर पर उसके नाम नहीं की गई. रमेश के मकान के पास अतिक्रमित जगह पर कुछ लोगों को पालिका ने घरकुल योजना के तहत घर बनाकर दिये है. रमेश ने मांग की है कि, उसे भी यह जगह अधिकृत तौर पर दी जाए, श्रम साफल्य योजना-आंबेडकर वाल्मिकी योजना या प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत घरकुल बनाकर देने की मांग ज्ञापन के माध्यम से की है.