मुस्लिमों व दलितों के वोट नहीं मिलते, तो कांग्रेस का डिब्बा गोल हो जाता
विधायक बच्चू कडू ने साधा निशाना
अमरावती /दि.28- यदि विगत लोकसभा चुनाव ने कांग्रेस को दलित व मुस्लिम समाज के वोट नहीं मिले होते, तो कांग्रेस सहित महाविकास आघाडी का पूरी तरह से डिब्बा गोल हो गया होता और कांग्रेस प्रत्याशियों की जमानत तक जब्त हो जाती. इस आशय का प्रतिपादन करते हुए प्रहार शेतकरी संगठन के मुखिया व विधायक बच्चू कडू ने कांग्रेस सहित मविआ के घटक दलों पर निशाना साधा.
बता दें कि, विधायक बच्चू कडू की संकल्पना से गठित परिवर्तन महाशक्ति नामक तीसरी आघाडी को लेकर शरद पवार गुट वाली राकांपा के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटिल ने आलोचना की थी. जिस पर पलटवार करते हुए विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, यदि हमारे मैदान में उतरने से उनका नुकसान हो रहा है, तो इससे समझा जा सकता है कि, उनकी यानि कांग्रेस व मविआ की कुवत क्या है.
* दुकानें बढी, तो उधार लेने में अच्छा रहता है
– मनसे प्रमुख राज ठाकरे पर विधायक कडू ने कसा तंज
इसके साथ ही अपनी पार्टी का संगठनात्मक विस्तार करने हेतु विगत दो दिनों से अमरावती के दौरे पर रहते हुए विदर्भ के सभी 11 जिलों के अपने पदाधिकारियों की बैठक ले रहे मनसे प्रमुख राज ठाकरे पर भी निशाना साधते हुए विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, यदि गांव में कोई एक ही दुकान है, तो इससे मक्तेदारी यानि मोनोपली बढ जाती है. वहीं एक की बजाय 10 दुकानें हो जाये, तो ग्राहकों के पास अच्छे पर्याय उपलब्ध हो जाते है. साथ ही एक दुकान की उधारी बाकी रखते हुए दूसरे दुकान से उधारी में माल लेना संभव हो जाता है. यह बात राजनीति के क्षेत्र मेें भी लागू होती है. अत: सभी राजनीतिक दलों की दुकानदारी बढनी चाहिए, ताकि आम जनता का थोडा भला हो सके. इसके अलावा मनसे प्रमुख राज ठाकरे द्वारा लाडली बहन योजना को लेकर की गई आलोचना का जवाब देते हुए विधायक बच्चू कडू ने कहा कि, संभवत: राज ठाकरे को राज्य की आर्थिक स्थिति का अनुमान ही नहीं है. क्योंकि लाडली बहन योजना की वजह से राज्य की आर्थिक स्थिति उतनी खराब नहीं होने वाली, जितनी सरकारी अधिकारियों व विधायकों को दिये जाने वाले वेतन व भत्तों के खर्च से हो रही है. विधायक बच्चू कडू के मुताबिक एक जिलाधीश पर प्रतिमाह 7 लाख रुपए तथा एक विधायक पर प्रतिमाह साढे तीन लाख रुपए का खर्च सरकारी तिजोरी से किया जाता है. सबसे पहले इस खर्च में कटौती किये जाने की सख्त जरुरत है.