कोरोना प्रादुर्भाव कायम रहा तो दसवीं, बारहवीं परीक्षा पर भी संकट
संभावित टाईम-टेबल बदलने का डर
अमरावती प्रतिनिधि/दि.२० – राज्य में कोरोना मरीजों के बढते आंकडों ने दस महिने के प्रतिक्षा के बाद शुरु हुए शिक्षक क्षेत्र के सामने फिर संकट रखा किया है. संक्रमण का बढता आलेख इसी तरह कायम रहा, तो दो दिन पहले राज्य माध्यमिक व उच्च माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्बारा घोषित किये कक्षा दसवीं व बारहवीं की लिखित परीक्षा के संभावित टाईम-टेबल पर संकट निर्माण होने का डर शिक्षा बोर्ड के अधिकारियों ने व्यक्त किया है. विशेष यह कि, कोरोना से फिर परीक्षा पद्धती में अथवा टाइम-टेबल में बदलाव हुआ तो कम मानव संसाधन पर काम करने वाले शिक्षा बोर्ड को भी नियोजन के लिए कसरत करनी पडेगी.
कोरोना की पृष्ठभूमि पर इस समय पहली बार परीक्षा फरवरी-मार्च की बजाय अप्रैल-मई इस समयावधि में होगी. बारहवीं की लिखित परीक्षा 23 अप्रैल से 21 मई 2021 इस समयावधि में, तथा दसवीं की लिखित परीक्षा 29 अप्रैल से 20 मई इस समयावधि में होगी. किंतु पिछले 8 दिनों से राज्य में कोरोना मरीजों की संख्या में रोज वृद्धि हो रही है. जिससे विदर्भ का अमरावती, अकोला और यवतमाल में बाधित क्षेत्र घोषित किया गया है. औरंगाबाद जिले में शुरु रहने वाली कक्षा 5 वीं से 8 वीं तक की शालाएं कोरोना के डर से फिर बंद कर ऑनलाइन क्लासेस शुरु किये है.
कोरोना मरीजों की वृद्धि का अब तक का आलेख देख मरीजों की संख्या में वृद्धि कुछ महिने बढते जारी है, शिक्षा बोर्ड की परीक्षाओं को अभी दो महिने का समयावधि है. फिर भी कोरोना मरीजों की संख्या में ऐसी ही वृद्धि कायम रही तो लिखित परीक्षा लेना मुश्किल होगा. पिछले वर्ष कोरोना व लॉकडाउन के चलते बारहवीं व दसवीं परीक्षा के रिजल्ट देरी से लगे. लॉकडाउन के चलते दस महिने से ज्यादा शाला, महाविद्यालय बंद थे. परिणाम स्वरुप 2021 की परीक्षा अप्रैल-मई इस समयावधि में लेने का निर्णय राज्य सरकार ने लिया है. किंतु अब फिर एक बार चिंता निर्माण होने की बात शिक्षा बोर्ड के एक बडे अधिकारी ने बताई.
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पालकों में भविष्य को लेकर चिंता
कक्षा 10 वीं व 12 वीं यह विद्यार्थियों की शिक्षा की आगामी दिशा तय करने की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण वर्ष रहते है. किंतु कोरोना मरीजों की बढती संख्या ने टाईम-टेबल में बदलाव हुआ तो विद्यार्थियों के अभ्यास का नियोजन बिगडेगा. इसके अलावा लिखित परीक्षा यह 3 घंटे की रहने से संक्रमण के डर से पालक चिंतित हुए है.