समय रहते ध्यान देना जरुरी
अमरावती – /दि.30 कोविड संक्रमण की चपेट में आ चुके मरीजों में रक्त शर्करा का प्रमाण काफी अधिक बढा हुआ दिखाई दे रहा है. जिसके चलते अन्य बीमारियों के साथ-साथ आंखों की बीमारियों का प्रमाण भी काफी अधिक बढ गया है. शरीर में रक्तशर्करा का प्रमाण बढ जाने को वैद्यकीय भाषा में मधुमेह यानि डायबिटीज कहा जाता है. जिसका कोई स्थायी इलाज नहीं है. बल्कि इसे नियंत्रण में रखने हेतु केवल नियमित औषधोपचार ही एकमात्र उपाय है.
बदलती जीवनशैली की वजह से अनियमित नींद व खानपान की बदली हुई आदतों के चलते डायबिटीज की बीमारी का प्रमाण बढ गया है. वहीं विगत 2 वर्ष के दौरान कोविड संक्रमण की चपेट में आ चुके मरीजों मेें भी स्वास्थ्य संबंधी विभिन्न तरह की समस्याएं देखी जा रही है. जिसके तहत इन मरीजों में डायबिटीज होने का प्रमाण बढ गया है और डायबिटीज की वजह से आंखों की बीमारियां व समस्याएं बढ रही है. इसमें सबसे अधिक प्रमाण आंखों के पिछले पर्दे वाली रक्तवाहिणियों के दोषग्रस्त होने का ही है. इसे डायबिटीक रैटीनोपैथी कहा जाता है. साथ ही डायबिटीक मरीजों में काफी कम उम्र के समय ही मोतीयाबिंदू होने का प्रमाण भी देखा जाता है.
रक्त में शक्कर का प्रमाण बढने से आंखों की बीमारियां
रक्त में शक्कर का प्रमाण अधिक हो जाने के चलते डायबिटीक रैटीनोपैथी, मोतीयाबिंदू, बार-बार चष्मे का नंबर बदलना, रांजनवाडी, आंख आना जैसी बीमारियां होती है. साथ ही ऐसे मरीजों में काच बिंदू होने का प्रमाण भी बढ जाता है.
बढता डायबिटीज चिंता का विषय
तेजी से बदलती जीवनशैली के चलते युवाओं में भी डायबिटीज की बीमारी का प्रमाण दिखाई देने लगा है. जिसकी वजह से अन्य बीमारियों की समस्याएं बढ गई है. साथ ही साथ अब आंखों की बीमारियां भी बढने लगी है. यहीं वजह है कि, डायबिटीज को बीमारियों का घर भी कहा जाता है.
सतर्कता जरुरी
डायबिटीज की बीमारी रहने वाले मरीजों के लिए नियमित औषधोपचार के साथ ही नियमित व्यायाम व योग्य आहार लेना जरुरी है. साथ ही डायबिटीज ना हो, इसके लिए रोजाना सुबह व्यायाम करने, अधिक से अधिक पैदल चलने और खानपान पर ध्यान देने की जरुरत है.
स्क्रीन टाईम का भी परिणाम
इन दिनों छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग नागरिक तक हर कोई मोबाइल व लैपटॉप से चीपका रहता है. विशेष तौर पर युवा पीडि पूरा दिन अपने मोबाइल व लैपटॉप पर बिताते है. ऐसे में उनका स्क्रीन टाईम काफी अधिक बढ गया है. लंबे समय तक मोबाइल या लैपटॉप की स्क्रिन पर नजरे गडाए बैठे रहने की वजह से आंखों पर विपरित परिणाम होता है. इसकी वजह से भी आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है.