अमरावती

अगर सरकार नहीं बदलती तो दिव्यांग मंत्रालय की स्थापना भी नहीं होती-

दिव्यांग सम्मेलन में पूर्व राज्यमंत्री बच्चू कड़ु ने कहा

दिव्यांग कल्याण विभाग दिव्यांगच्या दारी अभियान अंतर्गत हुआ कार्यक्रम
अमरावती/ दि. 21 – हमें अचानक ही गुवहाटी जाने का मौका मिला, खोके के नाम से हमें बदनाम किया गया. मगर हमें कोई फर्क नहीं पड़ता. क्योंकि ‘‘बदनाम हुए तो क्या हुआ, जो हुआ अच्छे के लिए हुआ’’ अगर सरकार नहीं बदलती तो दिव्यांगो के लिए स्वतंत्र रुप से कार्य करने वाले मंत्रालय की स्थापना भी नहीं हो सकती थी. हम आभारी है. मुख्यमंत्री एकनाथजी शिंदे के जिन्होनें दिव्यागों के हित को देखते हुए अलग से दिव्यांग मंत्रालय की स्थापना कर सरकार की योजनाओं को सीधे दिव्यांगो तक पहुंचाने में मदद की. इस तरह के वक्तव्य पूर्व राज्यमंत्री व विधायक ओमप्रकाश उर्फ बच्चू कड़ू ने उपस्थितों से कही. वे स्थानीय डफरीन अस्पताल के सामने स्थित नेमानी इन हॉल में सोमवार की सुबह दिव्यांग सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. इस समय उनके साथ मंच पर विभागीय आयुक्त डॉ. निधी पांडे, जिलाधीश सौरभ कटियार,जिप सीओ अविश्यांत पंडा, मनपा आयुक्त देवीदास पवार, प्रादेशिक उपायुक्त समाज कल्याण विभाग सुनिल वारे, जिला शल्य चिकित्सक डॉ. दिलीप सौंदले, जिला स्वास्थ अधिकारी डॉ. हर्षल क्षिरसागर, जिला समाज कल्याण अधिकारी जिप राजेन्द्र जाधवर, किशोर बोरकर, प्रशासकिय अधिकारी अनिल भटकर, व अन्य मान्यवर उपस्थित थे.
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 9 बजे दिव्यांगो का पंजीकरण से हुई. सुबह 9 बजे सभी दिव्यांगो ने अपने आवेदन भरे, सुबह 10 बजे कार्यक्रम का उद्घाटन मान्यवरों के हाथों दीप प्रज्जवलन कर किया गया.
अपने अध्यक्षीय भाषण के दौरान विधायक बच्चू कड़ू ने कहा कि हमने दिव्यांगो के लिए अलग से मंत्रालय स्थापीत करने की मांग 15 वर्ष पहले ही की थी. मुझे उध्दवजी ठाकरे सरकार में राज्यमंत्री बनाया गया. हमने जब भी दिव्यांगो के लिए कार्य किया. मगर दिव्यांगो के लिए अलग से मंत्रालय नहीं बन पाया. सरकार बदली तब राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे बने उन्होनें की दिव्यांगो के लिए अलग की स्थापना कराई जिसके लिए उनकी तारीफ करना लाजीमी है. पुरे भारत में महाराष्ट्र एकमात्र ऐसा राज्य है जहां दिव्यांगो को 5 प्रतिशत निधी प्राप्त होती है. यह बहुमान किसी भी राज्य को नहीं जाता है. उन्होनें कहा कि 2 अक्टुबर को मेरी शादी हुई. उस शादी के दौरान हमने दिव्यांगो को 300 साईकिल का वितरण किया. जब से ही हमने दिव्यांगो के लिए कार्य करना प्रारंभ कर दिया. विधायक कडू ने जानकारी देते हुए ुकहा कि जब मैं दिव्यांगो के लिए कोई काम कराने के लिए मंत्रालय में जाता था. तब वहां के अधिकारियों को पता नहीं था कि मैं विधायक हुं. इस लिए दिव्यांगो के लिए मंत्रालय में काम कराने में कापी परेशानी होती थी. मगर एकनाथ शिंदे व्दारा स्वतंत्र दिव्यांग मंत्रालय स्थापित करने के बाद अब दिव्यांगो की सारी परेशानी दुर हो जाएगी. कार्यक्रम स्थल पर विधायक बच्चू कड़ु ने पुरे 5 घंटे रुक कर दिव्यांगो की समस्याओं की जानकारी ली. कार्यक्रम का आभार प्रदर्शन प्रशासकिय अधिकारी अनिल भटकर ने किया.

स्वतंत्र दिव्यांग मंत्रालय स्थापीत करने वाला महाराष्ट्र पहला राज्य
कार्यक्रम में उपस्थितों को संबोधित करते हुए जिलाधीश सौरभ कटियार ने कहा कि अगर दिव्यांगो के हित में कार्य करने वाला पहला राज्य के रुप में महाराष्ट्र राज्य की पहचान बनी है. जिसके लिए विधायक बच्चू कड़ू ने काफी प्रयास किए है. जिलाधीश कटियार ने दिव्यांगो को संबोधित करते हुए कहा कि आपने यहां पर जो अपना पंजीयन कराया है. अपनी समस्याओं को प्रशासन के सामने रखा है. उस को 1 सप्ताह के भितर दुर ुकरने का प्रयास प्रशासन की ओर से किया जाएगा. यहां जो उपस्थित हुए, जो नहीं भी उपस्थित हुए उन सभी दिव्यांगो की समस्याओं को दुर करने का प्रयास किया जाएगा. सभी दिव्यांगो की समस्याएं दुर करने के लिए प्रशासन प्रयासरत है. इसके लिए समाज कल्याण विभाग, जिला परिषद, अमरावती महानगरपालिका की प्रशंसा करनी चाहिए. कार्यक्रम के दौरान जिले में काम करने वाले एनजीओ, संस्थाएं व प्रेस मिडिया का भी जिलाधीश ने आभार मानते हुए कहा कि इनके व्दारा ही प्रशासन की सारी योजनाएं जरुरतमंद लोगों तक पहुंचती है.

विभिन्न स्टॉलों का लिया लाभ
दिव्यांग कल्याण विभाग दिव्यांगांच्या दारी अभियान अंतर्गत दिव्यांग सम्मेलन में जिप, समाज कल्याण, पीडीएमसी, जिला सरकारी अस्पताल, मनपा सहित संबंधित सभी विभागों को विभिन्न स्टॉल लगे हुए थे. जिसमें सम्मेलन में हजारों की संख्या में उपस्थित दिव्यांगो ने विभिन्न स्टॉलों का लाभ लेकर अपना पंजीयन कराया.

बड़ी संख्या में दिव्यांग बंधु हुए शामील
सोमवार को हुए कार्यक्रम में सुबह से ही पंजीयन कराने व कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए जिले के कई ग्रामीण इलाकों से बड़ी संख्या में दिव्यांगों का आना शुरू था. कार्यक्रम में हाल यह था कि सभागृह में लोगों को बैठने के लिए तक जगह नहीं थी. जिसके कारण डफरीन रोड तक काफी लोग जमा होने से व वाहनों की गर्दी से यहां पर यातायात बड़ी संख्या में बाधित हो रहा था.

नहीं पहुंचे अन्य जनप्रतिनिधि
समाज कल्याण विभाग, जिला परिषद व मनपा तथा दिव्यांग कल्याण विभाग की ओर से आयोजित दिव्यांग कल्याण विभाग दिव्यांगांच्या दारी अभियान अंतर्गत सोमवार को आयोजित सम्मेलन में जिले की सांसद नवनीत राणा, डॉ. अनिल बोंडे, सांसद रामदास तड़स सहित विधायक किरण सरनाई, धिरज लिंगाडे, एड. यशोमती ठाकूर , प्रविण पोटे, रवि राणा, सुलभा खोड़के, राजकुमार पटेल, बलवंत वानखड़े, प्रताप अडसड सहित देवेन्द्र भुयार का नाम भी निमंत्रण पत्रिका में प्रकाशित किया गया था. किंतु इन जनप्रतिनिधियों के कार्यक्रम में उपस्थित न रहना यह भी चर्चा का विषय बना रहा.

मुकबधिरों के लिए दिव्यभाषिक बने तिवारी
पुरे कार्यक्रम में मुकबधिर बंधु बड़ी संख्या में उपस्थित थे. मान्यवरों के भाषण को समझने के लिए इस समय कार्यक्रम में विधानसभा व लोकसभा में ब्राँड एम्बेसेडर के रुप में कार्य करने वाले मनोज सुरेश तिवारी ने दुभाषिक का कार्य किया. जिसकी वजह से मुकबधिर बंधुओं ने भी कार्यक्रम में होने वाले भाषण को समझ कर खुब तालियां बजाई.

 

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