अमरावती

आत्महत्या का विचार आया तो तत्काल इस नंबर पर फोन करें

जिले में आत्महत्या के मामले ज्यादा बढे

* समुपदेशन की प्रभावी जरुरत है
अमरावती/दि.18 – जिले में किसान आत्महत्या रोकने के लिए बडे ही जोरशोर से स्वास्थ्य विभाग ने 3 वर्ष पूर्व प्रेरणा प्रकल्प शुरु किया. इसके लिए 104 क्रमांक पर समुपदेशन किया जाता है. मगर सोमवार की शाम 7 बजे आत्महत्या का विचार आया, इस वजह से इस कार्यालय पर फोन किया गया. उपस्थित किए गए प्रश्न का समाधानकारक जवाब मिला. उस क्रमांक पर बडे पैमाने में फोन आते है, ऐसा बताया गया.
अमरावती जिले में हर वर्ष अतिवृष्टि और अकाल के कारण कई किसान निराश हो गए. इन किसानों के पास जाकर अधिकारी-कर्मचारी उनका मनोधैर्य बढाते है. परंतु कोरोना काल में इस जनजागृति के लिए ध्यान नहीं दिया गया. जिसके कारण जिले में वर्ष भर में 321 किसानों ने अपनी इहलिला समाप्त कर ली. प्रेरणा प्रकल्प के 104 क्रमांक पर संपर्क करने पर समुपदेशन किया जाता है. मगर मानसिक बीमारी के बारे में शिकायत, समस्या हो, तो दवा नहीं मिलती. उसके लिए जिला अस्पताल में जाकर इलाज कराए, ऐसी सलाह दी जाती है. अमरावती, यवतमाल, वर्धा, अकोला, बुलढाणा, वाशिम, औरंगाबाद, नांदेड, परभणी, बीड, जालना, उस्मानाबाद, हिंगोली और लातूर इन जिलों में प्रेरणा प्रकल्प शुुरु है.

* क्या है प्रेरणा प्रकल्प
प्रेरणा प्रकल्प से मानसिक बीमारी व्यक्ति पर सरकारी अस्पताल में मुफ्त दवा इलाज किया जाता है. जरुरी दवाएं प्रदान की जाती है. किसान आत्महत्या रोकने के लिए इस प्रकल्प की शुरुआत की गई. इस प्रकल्प के टोल फ्री क्रमांक 104 पर संपर्क साधा जा सकता है. इसके बाद इस क्रमांक के माध्यम से समुपदेशन किया जाता है. राज्य के आत्महत्या प्रभावित 14 जिलों में किसान आत्महत्या रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 3 वर्ष पूर्व प्रेरणा प्रकल्प शुरु किया है.

* निराशा आयी तो क्या
जिस कारण से निराशा, तनाव आता है, उससे दूर रहे. ऐसी सलाह मानसोपचार तज्ञ देते है. तनाव आने पर दोस्त, रिश्तेदार के सानिध्य में वक्त बीताएं. आत्महत्या का विचार आते ही डॉक्टर से संपर्क साधे. जिसके कारण निश्चित ही निराशा के गर्त से बाहर निकल सकते है.

* आत्महत्या के प्रमुख कारण
– सिंचाई का अभाव
– लगातार बिजली कटौती
– उत्पादन में गिरावट
– बाजार में कम दाम
– बैंक और निजी कर्ज

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