अमरावतीमहाराष्ट्र

दुपहिया की किंमत एक लाख से अधिक, इन्शुरन्स नहीं होगा तो जुर्माना कितना?

एक बार बीमा निकालने के बाद दूसरी बार नहीं निकाला जाता

* पुराने वाहन को भी नहीं किया जाता नाम पर
अमरावती/दि. 20– दुपहिया वाहनों की किंमत एक लाख रुपए से अधिक हो गई है. फिर भी नई दुपहिया लेनेवालो की संख्या दिनोंदिन बढ रही है. नई दुपहिया लेते समय बीमा की रकम शोरुम संचालक द्वारा ली जाती है. लेकिन वह बीमा समाप्त होने के बाद उसकी तरफ अनदेखी की जाति है. इस कारण बीमा समाप्त होने के बाद दुपहिया की चोरी होने पर अथवा उसकी कोई दुर्घटना होने पर वाहन संचालक को बडी परेशानी का सामना करना पडता है.

दुपहिया रही तो बीमा अब आवश्यक हो गया है. अनेक बार यातायात पुलिस के रोकने पर संबंधित वाहन चालक के लाईसेन्स और बीमा की माहिती पुछी जाती है. दुपहिया की दुर्घटना होगी और बीमा न रहा तो संबंधित का भारी नुकसान होता है. इस कारण दुपहिया का इन्शुरंस अब तक नहीं हुआ होगा तो निकाल लेना चाहिए. बीमा किस तरह निकालना इस बाबत संभ्रम रहा तो ऑफलाईन अथवा ऑनलाईन बीमा निकल सकता है. शहर आयुक्तालय क्षेत्र के वर्ष 2023 में कुल 456 वाहनों की चोरी हुई. यह दुपहिया वाहन घर के सामने से, अपार्टमेंट से, उडानपुल के निचे से अथवा अपार्टमेंट से चोरी हुए है. चोरी हुए इन 456 दुपहिया वाहनों में से केवल 102 वाहन मिल पाए है. डिटेक्शन का यह प्रमाण केवल 22 प्रतिशत है. दुपहिया वाहनों की किंमत 60 हजार से लेकर एक से डेढ लाख रुपए तक पहुंच गई है. कुछ दुपहिया वाहन को 2 लाख रुपए से भी अधिक मूल्य के है. मोटार वाहन कानून के मुताबिक थर्ड पार्टी इन्शुरंस निकालना अनिवार्य है. न रहने पर वाहन का पासिंग ही नहीं होता. इस कारण कमसे कम पहले वर्ष यह बीमा निकाला जाता है.

* इन्शुरंस की तरफ अनदेखी क्यों?
कुल दुपहिया धारको में से करीबन 40 से 50 प्रतिशत से अधिक वाहन संचालक वाहनों का इन्शुरंस नहीं निकालते. पुलिस भी ड्राइविंग लाईसेंस भी देखती रहने से नूतनीकरण करने की तरफ अनदेखी होती है.

* वाहनों का बीमा अनिवार्य
मोटार वाहन कानून के मुताबिक प्रत्येक वाहन का बीमा अनिवार्य है. चालक द्वारा हर वर्ष बीमा का नूतनीकरण करना अपेक्षित रहता है. लेकिन उदासिनता के कारण अनेक दुपहिया सवार बीमा न निकालते हुए दुपहिया तेज रफ्तार से चलाते है.
– मनीष ठाकरे, एसीपी, शहर यातायात शाखा.

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