* शासन निर्णय के तरफ अनदेखी
अमरावती/दि.30– सोयाबीन सत्र के पूर्व ही भाव गिर गये. सत्र शुरू होते ही 4 हजार रूपए तक सोयाबीन बेचा गया. गारंटी भाव से कम मूल्य में सोयाबीन की बिक्री हो रही है. इस कारण शासन द्बारा अंतर का अनुदान देने की मांग हो रही है, ऐसी परिस्थिति में किसानों द्बारा सोयाबीन उपज मंडी में बेचकर अडतिया से पक्की रसीद लेना आवश्यक है.
जिले में इस बार ढाई लाख हेक्टेयर क्षेत्र में सोयाबीन है. बुआई को तीन सप्ताह देरी होने के बाद जुलाई में अतिवृष्टि और अगस्त में बारिश न होने से 1 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की फसलों का नुकसान हुआ है. इसके अलावा औसतन उत्पादन भी कम हुआ है. उत्पादन कम होने से मांग बढकर भाव बढेंगे, ऐसी किसानों की अपेक्षा गलत साबित हुई है. सोयाबीन का सत्र शुरू होते ही प्रति क्विंटल भाव 4 हजार रूपए तक पहुंच गए. कम भाव मिलने से किसानों का उत्पादन खर्च भी निकला नही है. इस कारण दिवाली के मुहाने पर किसान आर्थिक परेशानी में आ गए है. ऐसी परिस्थिति में शासन द्बारा के अंतर की राशि देने की मांग होने लगी है. यदि शासन ने अनुदान दिया तो किसानों को सबूत के तौर पर पक्की रसीद देनी पडेगी.
*सोयाबीन के भाव क्यों गिरे ?
डीओसी की मांग कम और भाव गिर गये. इसके अलावा शासन द्बारा विदेशी तेल पर आयात शुल्क कम किए जाने से तेल के भाव गिर गये और सोयाबीन के भी भाव कम हो गये. साथ ही नये सोयाबीन में नमी अधिक है.
* शासन का अनुदान आया तो चाहिए पक्की रसीद
सोयाबीन के इस बार शासन ने 4600 रूपए प्रति क्विंटल गारंटी दाम घोषित किए है. इस कारण उपज मंडी परिसर में इससे कम भाव में सायेाबीन की खरीदी नहीं की जा सकती. लेकिन हल्के दर्जे का माल दर्शाकर व्यवसायी किसानों के हस्ताक्षर रसीद पर लेते हैं.
* सोयाबीन का मूल्य कम (प्रति क्विंटल)
7 अक्तूबर 4100 से 4570
10 अक्तूबर 4000 से 4514
12 अक्तूबर 4000 से 4451
16 अक्तूबर 4150 से 4450
18 अक्तूबर 4100 से 4553
20 अक्तूबर 4200 से 4650
23 अक्तूबर 4450 से 4677
26 अक्तूबर 4250 से 4561
28 अक्तूबर 4550 से 4700
30 अक्तूबर 4650 से 4750