अमरावती/दि.19-शहर के सडकों की दुर्दशा के लिए निजी कंपनियां जिम्मेदार है. बिना अनुमति के सडक की खुदाई की जाने से महापालिका का राजस्व तो डूब रहा है, साथही सडक की दुर्दशा के लिए मनपा को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है. इसलिए बिना अनुमति से सडक की खुदाई की तो तुरंत मामला दर्ज करने के निर्देश दिए गए है.
गणेश पंडाल हो या अन्य धार्मिक या राजनीतिक कार्यक्रम, इसके लिए बिनधास्त रास्ता खोदा जाता है. इतनाही नहीं तो सडक खोदकर उसपर पंडाल खडा कर पूरी सडक और गली बंद की जाती है. हालांकि इसके लिए प्रशासन की इजाजत लेना जरूरी है. मनपा के नियमों में बिना अनुमति के सडक खोदने वालों के खिलाफ मामला दर्ज करने का प्रावधान है.
* अनुमति आवश्यक
सडक खोदने के लिए संबंधित नागरी या ग्रामीण स्थानीय स्वराज्य संस्था के निर्माण विभाग की पूर्व अनुमति लेना आवश्यक है. इसके लिए संबंधितों ने किसी भी काम के प्रयोजन हेतु सडक की खुदाई करना है तो उसका कारण बताना अनिवार्य है.
* 6 माह में एक भी कार्रवाई नहीं
-किसी सडक की खुदाई होने पर उस स्थान पर कार्यकारी अभियंता, उपअभियंता और कनिष्ठ अभियंता ने जाकर निरीक्षण करना चाहिए.
-खुदाई काम होने के बाद तुरंत रास्ता पूर्ववत कैसे होगा, इसकी जिम्मेदारी भी लोकनिर्माण विभाग पर निश्चित की गई है. हालांकि, शहर में इस प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं हुई है.
* किससे लें अनुमति?
महानगरपालिका क्षेत्र में संबंधित जोन के लोकनिर्माण विभाग के उपअभियंता से लिखित अनुमति लेना अनिवार्य है. इसके लिए अनुमति कार्यकारी अभियंता-2 इस कार्यालय से भी मिल सकती है.
बिना अनुमति के सडक खोदने पर दंडात्मक कार्रवाई के साथ-साथ पुलिस थाना में संबंधितों के खिलाफ शिकायत दर्ज करने का प्रावधान है. इस संदर्भ में शिकायत आने पर निश्चित रूप से कार्रवाई की जाती है. गणेशोत्सव दौरान भी पंडाल के लिए रास्ता न खोदने की सख्त सूचना है. नल कनेक्शन के लिए सडक खोदनी है तो महापालिका से पूर्व इजाजत लेना चाहिए.
-रवींद्र पवार, प्रभारी कार्यकारी अभियंता
महापालिका.