नुकसान भरपाई देने का समय आया तो कंपनी का सर्वर डाउन
तहसील के 48000 किसान बीमा मिलने की प्रतीक्षा में
हमें नुकसान भरपाई देने से वंचित रखा जा रहा है किसानों की प्रतिक्रिया नांदगांव खंडेश्वर-दि. 20 इस साल अतिवृष्टि व बाढ के कारण खेत का बहुत नुकसान हुआ है. अनेक स्थानों पर किसानों के हाथ में आया मुंह का कोर वापसी की बारिश ने छीन लिया है. किसानों ने बडे प्रमाण में फसल बीमा निकाला है. अमरावती जिले में एग्रीकल्चर इन्शुरन्स कंपनी के माध्यम से किसानों ने बीमे की रकम भरी है. किंतु बडे प्रमाण पर किसानों का नुकसान होने के बाद भी नुकसान भरपाई संबंध में किसान केवल फसल बीमा कंपनी के कार्यालय व कृषि विभाग के कार्यालय के चक्कर काट रहे है. किसान बीमा मिलेगा इसकी प्रतीक्षा कर रहे है.
फसल बीमा कंपनी ने सर्वे करने का काम और दूसरी निजी कंपनी को सौंपा है. जिसके कारण शासन केवल कागजी घोडे नचाने का काम कर रहे हे व किसानों को बीमा के लाभ से वंचित रख रहे है. ऐसी प्रतिक्रिया किसानों ने व्यक्त की है.
* ई-फसल जांच ने चलाई अधिकांश किसानों पर तलवार
15 अक्तूबर तक ई -फसल जांच मोबाइल द्बारा जिस फसल का बीमा भरा है. उसका पंजीयन करना आवश्यक था. परंतु पंजीयन करने गये अधिकांश किसानों का बीमा भरे फसल क्षेत्र ई-फसल जांच वेबसाईट पर योग्य बताई है. परंतु प्रत्यक्ष में क्षेत्र कम दिखाया जा रहा है. बीमा भरा दो हेक्टर का, दिखा रहे है एक हेकटर ऐसा अधिकांश किसानों के साथ हुआ है. तलाठी के पास जाने पर उन्हें उसका कुछ भी समझ में नहीं आ रहा.
* ई- फसल जांच की अवधि बढाई
इस दौरान अब ई-फसल जांच की अवधि बढाई गई है. ऐसा आदेश राज्य के ई-फसल जांच प्रकल्प समन्वयक जमाबंद आयुक्त पुणे के श्रीरंग तांबे ने निकाले है. पहले मुदत 15 अक्तूबर थी अब बढाकर 22 अक्तूबर की गई है.
* यह गलती किसकी ?
फसल बीमा संबंध का इस वर्ष का महाराष्ट्र शासन का शासन आदेश बताता है कि बीमा पावती पर होने पर फसल और फसल ई- फसल जांच पर रहनेवाले फसल जिसमें यदि तफावत दिखाई दी तो किसानों को बीमा नहीं दिया जा सकता.