अमरावतीमहाराष्ट्र

पानी में सल्फेट अधिक होगा तो होगे टकले

बोअरिंग का पानी हानीकारक, सावधानी रखे

अमरावती /दि. 20– सिर के बाल गिरने की समस्या केवल महिलाओं को नहीं बल्कि पुरुष और छोटे बच्चों में भी दिखाई देती है. हर किसी के बाल गिरने के कारण अलग-अलग है. लेकिन पानी में सल्फेट का प्रमाण अधिक रहा तो बाल गिरने की समस्या निर्माण हो सकती है.
हर किसी के सिर के बाल गिरने के विविध कारण रहते है. लेकिन पानी कौनसा और उसमें के रासायनिक घटक महत्वपूर्ण रहते है. कुछ लोग स्नानक के लिए बोअरिंग के पानी का इस्तेमाल करते है. विशेषत: बोअरवेल के पानी के घटक बाल को कमजोर करते है. इससे बाल गिरने की शुरुआत बढ जाती है. इस कारण यदि स्नान के लिए कोई बोअरिंग के पानी का इस्तेमाल करते होगे तो समय पर सतर्क होने की आवश्यकता बोअरिंग के पानी का स्नान के लिए इस्तेमाल करना बंद होना आवश्यक है. प्रत्येक स्थल का पानी अलग-अलग रहता है. कहीं क्षार अधिक तो कहीं कम और कहीं सल्फेट कम-ज्यादा रहता है. ऐसी स्थिति बोअर के पानी की रहती है. नल से आनेवाला पानी इस्तेमाल के लायक रहता है. लेकिन अधिकांश स्थल पर नल की पाइप लाइन न पहुंचने से वे लोग बोअर के पानी का इस्तेमाल करते है. लेकिन ऐसे समय उस पानी के टीडीएस की जांच करना आवश्यक है.

* बाल गिरने से सिर पर तनाव
पहले सिर के बाल गिरने की समस्या आयु के एक विशेष चरण में देखने मिलती थी. अब युवावस्था में ही अनेकों के बाल गिरने की समस्या है. अनेक युवक 25 साल की आयु में ही टकले दिखाई देते है. इस कारण अनेक युवकों के शादी के प्रस्ताव युवती के परिजन ठुकराते दिखाई देते है.

* स्नान के लिए कौनसा पानी इस्तेमाल करोगे?
टीडीएस कम रहा पानी त्वचा के लिए सौम्य रहता है. स्नान के लिए फिल्टर किया पानी भी इस्तेमाल किया जाता है. क्लोरिन और अन्य रसायन का प्रमाण कम होने के लिए फिल्टर का इस्तेमाल करें. ज्यादा गर्म पानी इस्तेमाल करने के टाले. कोमट पानी का इस्तेमाल त्वचा की नमी कायम रखता है.

* पानी के इस घटक के कारण समस्या
बोअरवेल के पानी में खनिज का प्रमाण अधिक रहने से उसका सिर के बाल पर नकारात्मक परिणाम होता है. इसमें कैल्शियम, मैग्नेशियम, आयर्न, सल्फेटस् और क्लोराईडस् आदि घटकों का प्रमाण अधिक रहता है. इस कारण सिर की त्वचा में खुजली और बालो में चिकनाहट आ जाती है.

* पानी में टीडीएस कितना चाहिए?
सिर के बाल के लिए इस्तेमाल योग्य पानी के लिए टीडीएस 200 ‘पीपीएम’ के भीतर रहना चाहिए. जिस पानी का टीडीएस 300 पीपीएम से अधिक है. उसमें कैल्सियम, मैग्नेशियम, क्लोराईड और सल्फेट जैसे खनिज का प्रमाण अधिक रहता है.

* नाईट्रेट का प्रमाण अधिक रहने पर विपरित परिणाम
बाल गिरने की घटना में पानी महत्वपूर्ण कारण साबित हो सकता है. पानी में नाईट्रेट जैसे घटक का प्रमाण अधिक रहने से जहरिला प्रभाव हो सकता है. पानी और त्वचा से संबंधित जांच करना आवश्यक है.
– डॉ. विजेंद्र सावजी, त्वचा रोग तज्ञ.

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