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अगर उन्हें सीएम ठाकरे का नेतृत्व मान्य नहीं, तो वे मंत्री पद से इस्तीफा दें

पालकमंत्री ठाकुर के बयान पर बोले पूर्व सांसद अनंत गुढे

* कहा : पवार के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद अब काफी छोटा, उन्हें तो प्रधानमंत्री बनना चाहिए
अमरावती/दि.12- किसी भी राज्य की सरकार में मंत्री परिषद द्वारा मुख्यमंत्री के नेतृत्व के तहत काम किया जाता है और सभी मंत्री एक तरह से मुख्यमंत्री के नेतृत्व को मान्य करते हुए उनकी टीम के तौर पर काम करते है. यदि किसी मंत्री को नेतृत्व से किसी तरह की कोई समस्या है, तो उसे चाहिए कि, वह अपने मंत्री पद से इस्तीफा देकर सरकार से अलग हो जाये और अपने पसंदीदा नेता के मुख्यमंत्री बनने का इंतजार करे. यह बात राज्य की महिला व बालविकास मंत्री तथा जिला पालकमंत्री यशोमति ठाकुर पर भी लागू होती है. अत: अगर यशोमति ठाकुर को लगता है कि, सीएम उध्दव ठाकरे के कार्यकाल में राज्य का चित्र ठीक नहीं है और सरकार द्वारा उनके लिहाज से सही काम नहीं किया जा रहा, तो उन्हें चाहिए कि, वे इस मंत्रिमंडल और सरकार से तुरंत अलग हो जाये. इस आशय का प्रतिपादन जिले के पूर्व सांसद व शिवसेना के संपर्क प्रमुख अनंत गुढे ने किया.
बता दें कि, दो दिन पूर्व राष्ट्रवादी कांग्र्रेस पार्टी के मुखिया शरद पवार अमरावती के दौरे पर थे और उन्होंने शिवाजी शिक्षा संस्था के कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. इसी कार्यक्रम के दौरान अपने विचार व्यक्त करते हुए पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा था कि, आज यदि शरद पवार राज्य के मुख्यमंत्री रहे होते, तो राज्य का चित्र ही कुछ अलग रहा होता. मंत्री यशोमति ठाकुर के इस बयान को लेकर शिवसेना की ओर से काफी तीखी प्रतिक्रिया दी जा रही है और इसी विषय को लेकर अमरावती मंडल के साथ विशेष तौर पर बातचीत करते हुए पूर्व सांसद अनंत गुढे ने उपरोक्त प्रतिपादन किया.
इस समय पूर्व सांसद अनंत गुढे ने यह भी कहा कि, शरद पवार का नेतृत्व हमेशा ही निर्विवाद रहा है और वे इस समय देश के सबसे अनुभवी व कुशल नेता है. इस बात में हमें कोई संदेह नहीं है. ऐसे में हम तो चाहते है कि, शरद पवार जैसे नेता को युपीए का अध्यक्ष होना चाहिए और उनके नेतृत्व में लोकसभा का आगामी चुनाव लडते हुए उन्हें प्रधानमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित किया जाना चाहिए. समूचा महाराष्ट्र शरद पवार को देश के प्रधानमंत्री के पद पर देखने हेतु विगत कई वर्षों से बेहद आतूर है. पवार इससे पहले चार बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके है और देश की राजनीति में उनके कद के हिसाब से अब मुख्यमंत्री का पद उनके लिए काफी छोटा है. अत: कांग्रेस की नेता रहनेवाली यशोमति ठाकुर को चाहिए कि, वे अपनी पार्टी में शरद पवार का नाम युपीए अध्यक्ष व प्रधानमंत्री पद के प्रत्याशी हेतु प्रस्तावित करे, तब माना जायेगा कि, यशोमति ठाकुर सच में शरद पवार के नेतृत्व कौशल की मुरीद व कद्रदान है, अन्यथा हमें यह मानने में कोई गुरेज नहीं कि, यशोमति ठाकुर ने बीते दिनों केवल पवार साहब को खुश करने के लिए उनके मुंह पर उनकी झूठी तारीफ की थी.
पूरे विवाद को लेकर मचे हंगामे के बाद गत रोज पालकमंत्री यशोमति ठाकुर ने एक नया बयान जारी करते हुए कहा कि, उनके द्वारा कही गई बात का गलत मतलब निकाला गया है. इस ओर ध्यान दिलाये जाने पर पूर्व सांसद अनंत गुढे ने कहा कि, राजनीति में अक्सर नेताओं द्वारा यही किया जाता है. पहले कोई बयान दे देते है और फिर बात खुद पर उलटने के उपरांत कहा जाता है कि, उनकी बात का गलत मतलब निकाला गया है. यशोमति ठाकुर ने एक सार्वजनिक मंच से खुलेआम कहा कि, आज यदि पवार साहब राज्य के मुख्यमंत्री रहे होते, तो राज्य का चित्र कुछ अलग रहा होता. इस बयान का सीधा और एक ही मतलब निकलता है कि, राज्य के मौजूदा मुख्यमंत्री उध्दव ठाकरे के कार्यकाल में यशोमति ठाकुर के हिसाब से चित्र सही नहीं है. जबकि इस सरकार में खुद मंत्री के तौर पर यशोमति ठाकुर भी शामिल है. ऐसे में यशोमति ठाकुर को चाहिए कि, वे तुरंत ही अपने मंत्रिपद से इस्तीफा देकर इस सरकार से अलग हो जाये और जब उनका कोई पसंदीदा नेता राज्य का मुख्यमंत्री बने, तब वे मंत्री के तौर पर काम करे.

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