एक ही पटरी पर दो ट्रेन आ गई तो कैसे पता चलेगा?
कुछ ट्रेनों को ही कवच तकनीक, दुर्घटना का खतरा कायम
अमरावती/दि.13- मध्य रेलवे विभाग की गिनती की ही ट्रेनों में कवच तकनीक बैठाई गई है. बडनेरा व अमरावती रेलवे स्टेशन से अधिकांश ट्रेनों में यह यंत्रणा न रहने से एक ही पटरी पर दो ट्रेन आने पर दुर्घटना घटित होने के अलावा दूसरा कुछ नहीं होगा. इस कारण भारतीय रेलवे को इस काम को गति देना आवश्यक है.
बडनेरा रेलवे स्टेशन जंक्शन के रुप में पहचाना जाता है. जहां से करीबन 60 ट्रेन देश के विभिन्न राज्यों तक दौडती है. अधिकांश ट्रेनों में कवच तकनीकी यंत्रणा नहीं है. विदर्भ से दौडने वाली कुछ ट्रेन को छोडा जाए तो अन्य सभी ट्रेन इस कवच सुरक्षा से वंचित है. बडनेरा रेलवे स्टेशन काफी भीडभाड वाला है. अप और डाउन मिलाकर 60 से अधिक ट्रेन इस स्टेशन से होकर गुजरती है. मुंबई-हावडा मुख्य रेलमार्ग पर बडनेरा रेलवे स्टेशन है. देश के हर कोने तक यहां से यात्री सफर करते हैं. दक्षिण रेलवे विभाग ने कवच तकनीकी यंत्रणा निर्मिती का काम का भी होता रहने की जानकारी है. विदर्भ से दौडने वाली एक अथवा दो ट्रेनों में ही यह यंत्रणा है. बडनेरा-अमरावती रेलवे स्टेशन से अधिकांश ट्रेनों में कवच तकनीकी यंत्रणा नहीं बैठाई गई है. नवजीवन एक्सप्रेस, महराष्ट्र एक्सप्रेस, विदर्भ एक्सप्रेस, आजादहिंद एक्सप्रेस, ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस आदि ट्रेन इस यंत्रणा के बगैर ही दौडती है.
* ट्रेन रवाना होने के पूर्व किस तरह की सावधानी बरती जाती है?
रेलवे स्टेशन से ट्रेन रवाना होने के पूर्व ट्रेन की ब्रेक यंत्रणा की जांच होती है. इस पर रेल प्रशासन काफी सावधानीपूर्वक ध्यान देता है. इसके अलावा कुछ निश्चित व बडे रेलवे स्टेशनों पर मालगाडी रहे अथवा एक्सपे्रस ट्रेन आदि ट्रेनों की मशीन के जरिए चक्कों की जांच की जाती है. इसके लिए स्वतंत्र विभाग काम करता रहता है.
* यात्रियोें की सुरक्षा को प्राथमिकता
भारतीय रेलवे की तरफ से कवच यंत्रणा बैठाने का काम तेजी से श्ाुरु है. इस यंत्रणा के माध्यम से प्रत्येक यात्रियों को सुरक्षा मिलेगी. यात्रियों की सुरक्षा पर रेलवे प्राथमिकता से ध्यान देता रहता है.
– पी. के. सिन्हा,
स्टेशन मास्टर, बडनेरा