अमरावतीमहाराष्ट्र

सत्ता मिलने पर एक ही बार में ‘सबको’ सुधार देंगे

अमरावती की प्रचार सभा में गरजे मनसे प्रमुख राज ठाकरे

* मनसे प्रत्याशी पप्पू पाटिल के प्रचार हेतु सायंस्कोर पर हुई सभा
* राज ठाकरे ने शरद पवार व उद्धव ठाकरे सहित मविआ पर जमकर साधा निशाना
अमरावती/दि.7– अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड रहे मंगेश उर्फ पप्पू पाटिल के प्रचार हेतु गत रोज स्थानीय सायंस्कोर मैदान पर मनसे प्रमुख राज ठाकरे की जनसभा आयोजित की गई थी. जिसमें हुंकार भरते हुए मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने राकांपा नेता शरद पवार व शिवसेना उबाठा के पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे सहित महाविकास आघाडी को जमकर आडे हाथ लेने के साथ ही विदर्भ के विकास सहित अन्य कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपनी बात रखी और कहा कि, कभी पूरे देश को दिशा दिखाने वाला महाराष्ट्र आज दुर्दशा का शिकार है. जिसके लिए हमारे जनप्रतिनिधियों की जनमानी जिम्मेदार है. साथ ही हमारे नेताओं द्वारा अपनी मनमानी को जारी रखने के लिए हमें जाति व धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है. इन सभी बातों को लेकर हमें सावधान व सतर्क रहने की जरुरत है. इस समय राज ठाकरे ने यह दावा भी किया कि, यदि महाराष्ट्र की जनता उन्हें एक बार राज्य की सत्ता सौंपती है, तो वे सबकुछ सुधार देंंगे और सबको बराबर लाइन पर भी लेकर आएंगे.
बीती शाम स्थानीय सायंस्कोर मैदान पर मनसे प्रत्याशी मंगेश उर्फ पप्पू पाटिल के प्रचार हेतु आयोजित जनसभा में मनसे प्रमुख राज ठाकरे सहित मनसे नेता नितिन सरदेसाई व विजय राउत, अमरावती निर्वाचन क्षेत्र से मनसे प्रत्याशी पप्पू पाटिल, अकोट निर्वाचन क्षेत्र के प्रत्याशी सुनील ढोबले, महिला आघाडी की शरयू पांजनकर, अमरावती के जिलाध्यक्ष राज पाटिल, प्रवीण डांगे व कपिल निर्गन, अकोला के जिलाध्यक्ष पंकज साबले, शहराध्यक्ष गौरव बांते, धीरज तायडे व राम दुर्गे आदि मनसे नेता उपस्थित थे. इस जनसभा को संबोधित करते हुए मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने विगत कुछ वर्षों के दौरान राजनीतिज्ञों की लगातार बदलती निष्ठा तथा राजनीतिक विचारधारा के लगातार होते पतन पर भी अपनी चिंता जताते हुए कहा कि, अपने व्यक्तिगत स्वास्थ्य के लिए लगातार दल बदल करने वाले नेताओं को इस बार के विधानसभा चुनाव में जनता ने घर पर बिठाना चाहिए. साथ ही विदर्भ के साथ अपने पुराने पारिवारिक संबंधों का हवाला देते हुए मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि, सभी सत्ताधारियों ने केवल विदर्भ के विकास को लेकर बडी-बडी बातें ही की है. लेकिन हकीकत में विदर्भ के विकास हेतु कोई काम नहीं किया गया. जिसके चलते कभी पूरी तरह से सुजलाम-सुफलाम रहने वाला विदर्भ क्षेत्र इस समय दुर्दशा का शिकार है तथा रोजगार व उद्योगों का अभाव रहने की वजह से विदर्भ के शहर लगातार पिछड रहे है. क्योंकि यहां के युवाओं को रोजगार हेतु मुंबई व पुणे जैसे महानगरों का रुख करना पडता है.
इस समय अपने संबोधन में मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने यह भी कहा कि, कोई दंगा फसाद होने पर ही हिंदू समाज के सभी घटक हिंदुओं के तौर पर एकजूट होते है, लेकिन चुनाव आते ही हम सभी लोग अलग-अलग जातियों में विभाजीत हो जाते है. इस बात का कांग्रेस जैसे दलों तथा शरद पवार जैसे नेताओं द्वारा भरपूर फायदा उठाया जाता है. साथ ही शरद पवार और उद्धव ठाकरे जैसे नेताओं द्वारा की जाने वाली तुष्टिकरण की राजनीति की वजह से ही गठ्ठा वोट बैंक वाली प्रवृत्ति को बढावा मिलता है और इसका फायदा उठाकर विशिष्ट धर्म के लोगों द्वारा पूरे राज्य में धिंगाना मचाया जा रहा है. इस समय अमरावती संसदीय क्षेत्र में विगत लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी नवनीत राणा की हार के बाद समुदाय विशेष के लोगों द्वारा अश्लिल हाव भाव के साथ किये गये जल्लोष का उल्लेख करते हुए राज ठाकरे ने कहा कि, कुछ राजनेताओं द्वारा अपनाई जाती ढुलमूल नीतियों के चलते ही कुछ लोगों की कितनी अधिक हिम्मत हो गई है. साथ ही इन दिनों मस्जिदों पर लगे लाउड स्पीकर और जगह-जगह बन रहे अनधिकृत प्रार्थना स्थलों का विषय भी बेहद गंभीर होता जा रहा है. यदि राज्य की जनता द्वारा मनसे को राज्य की सत्ता दी जाती है, तो एक भी मस्जिद पर लाउड स्पीकर दिखाई नहीं देगा और पूरे राज्य में कही पर भी अनधिकृत प्रार्थना स्थल को भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
इसी विषय को लेकर अपनी बात रखते हुए राज ठाकरे ने कहा कि, यदि मस्जिदों पर लगे लाउड स्पीकर नहीं हटाये जाते है, तो मनसे ने मस्जिदों के सामने हनुमान चालीसा का पाठ करने की चेतावनी दी थी. उस समय राज्य में उद्धव ठाकरे की सरकार थी. जिन्होंने हमारे द्वारा आंदोलन किये जाने के बाद मनसे के 17 हजार कार्यकर्ताओं के खिलाफ अपराधिक मामलें दर्ज किये है. लेकिन मनसे द्वारा किये गये आंदोलन के बाद मस्जिदों पर लगे लाउड स्पीकरों की आवाज कम हो गई. इसी तरह मुंबई के समुद्र में अनधिकृत रुप से एक मजार बनाई जा रही थी. जिसे लेकर मनसे द्वारा आपत्ति उठाये जाते ही उस मजार को रातोंरात तोड दिया गया. ऐसे में हम सभी ने इस बार पर विचार करना चाहिए कि, कुछ लोगों की यह सब करने की हिम्मत कैसे होती है और उन्हें यह सब करने के लिए प्रोत्साहन कहा से मिलता है.
इस समय राकांपा प्रमुख शरद पवार को बारामती का संत की उपाधी देते हुए मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने कहा कि, इसी बारामती के संत ने हिंदू समाज को बांटने के लिए ओबीसी व मराठा विवाद को हवा दी. हर कोई जानता है कि, मराठा आरक्षण को लेकर कुछ भी नहीं हो सकता. लेकिन इसके बावजूद हर कोई केवल अपने-अपने व्यक्तिगत स्वार्थ के लिए मराठा आरक्षण के मुद्दें को हवा दे रहा है.

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