मुफ्त वैक्सीन नहीं लगा रहे, तो पैसे देकर कौन खरीदेगा?
अमरावती/दि.1 – जिले में 18 वर्ष से अधिक आयुवाले लोगों को कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन के 31 लाख 38 हजार 559 डोज लग चुके है. यह जिले की जनसंख्या और अनुपात के लिहाज से 82 फीसद है, यानी जिले के अधिकांश लोगों ने अब तक कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन का कम से कम एक डोज तो लगवा ही लिया है. किंतु इसके बावजुद कई ऐसे लोग भी है, जिन्होंने विगत एक वर्ष के दौरान सरकार की ओर से बार-बार आवाहन एवं जनजागृति के प्रयास किये जाने के बावजूद भी अब तक कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन का एक भी टीका नहीं लगवाया है, जबकि यह वैक्सीन पूरी तरह से नि:शुल्क तौर पर लगायी जा रही है. वहीं अब सरकार ने वैक्सीन की निजी अस्पतालों व दवाखानों के जरिये बिक्री करने का निर्णय लिया है. ऐसे में सवाल पूछा जा रहा है कि, जब कुछ लोग मुफ्त में मिलनेवाली वैक्सीन ही नहीं लगवा रहे, तो इसे खरीदकर कौन लगायेगा, क्योेंकि जिन्हें वैक्सीन लगवाने थी, वे तो पहले ही मुफ्त में वैक्सीन लगवा चुके है और नहीं लगवानेवाले लोग अब भी टीका नहीं लेने की जिद पर अडे हुए है.
टीकाकरण की स्थिति
पहला डोज – 19,79,525
दूसरा डोज – 11,65,038
बूस्टर डोज – 12,996
एक भी डोज नहीं लेने वाले – 10,000
70 प्रतिशत टीकाकरण पूर्ण
श्रेणी व आयु गुटनिहाय टीकाकरण
हेल्थ केयर वर्कर्स – 46,463
फ्रंट लाईन वर्कर्स – 88,995
15 से 18 वर्ष – 67,386
18 से 45 वर्ष – 15,75,367
45 से 60 वर्ष – 7,68,736
60 वर्ष से अधिक – 6,01,612
क्या कहते हैं दवा विक्रेता
इस समय टीकाकरण सबसे अधिक महत्वपूर्ण है और तीसरी लहर में इसके फायदे भी दिखाई दिये है. अब संक्रमितों के इलाज पर होनेवाला खर्च भी कम हुआ है. यदि हर एक व्यक्ति तक वैक्सीन पहुंचाना है, तो वैक्सीन की मेडिकल दुकानों के जरिये बिक्री करने का निर्णय स्वागतयोग्य है. मेडिकल दुकानों में वैसे भी सभी तरह की प्रतिबंधात्मक वैक्सीन व दवाईया बिक्री हेतु उपलब्ध रहती ही है.
– प्रमोद भरतीया
सचिव, जिला मेडिकल एसो.
- सरकार का निर्णय अपने आप में बेहतरीन है. यदि मेडिकल स्टोर में वैक्सीन उपलब्ध होती है, तो कोई भी व्यक्ति अपनी सुविधा के हिसाब से वैक्सीन खरीदकर उसे किसी भी डॉक्टर के जरिये लगवा सकेगा. साथ ही हम भी सरकार के निर्देशानुसार सभी तरह का रिकॉर्ड रखेंगे.
– सौरभ मालाणी
जिला मेडिकल एसो.