अमरावतीविदर्भ

बेघरों को घर नहीं दे सकते, तो किस मुंह से वोट मांगे

विधानसभा में विधायक बच्चू कडू हुए आक्रामक

अनुदान में कमी व फर्क का मुद्दा गूंजा
नागपुर/दि.24- राज्य विधानमंडल के शीतसत्र में तीसरे दिन घरकुल आवास योजना के विषय पर विधायक बच्चू कडू ने ग्राम विकास मंत्री को जमकर आडेहाथ लिया. साथ ही शहरी व ग्रामीण क्षेत्र की आवास योजनाओं के अनुदान में रहने वाले फर्क को उन्होंने सदन के सामने रखते हुए कहा कि, यदि बेघरों को हम घर नहीं दे सकते तो हमें उनके पास जाकर वोट मांगने का भी कोई अधिकार नहीं है.
विधायक बच्चू कडू ने इस विषय को लेकर हुई चर्चा मेंं बताया कि, केंद्र सरकार व्दारा चलाई जाने वाली प्रधानमंत्री आवास योजना में शहरी क्षेत्र को घरकुल के लिए 2 लाख 50 हजार रुपए मिलते है. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में उसके लिए केवल 1 लाख 18 हजार रुपए दिए जाते है. शहरी क्षेत्र में केवलास दो मानक होते है. जिसके तहत 3 लाख रुपए से कम आय व जगह के पीआर कार्ड के आधार पर ही घरकुल मिल जाता है. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में घरकुल के लिए 21 शर्ते लादी गई है. सरकार व्दारा सबसे पहले इस फर्क को दूर किया जाना आवश्यक है. इसके साथ ही शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में घरकुल के उदिष्टों में भी काफी फर्क है. केंद्र सरकार व्दारा शहरी क्षेत्र के लिए पीएम आवास योजना चलाई जाती है. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में रमाई, शबरी व यशवंत घरकुल योजना को चलाया जाता है. शहरी क्षेत्रों में पीएम आवास योजना के लिए सर्वाधिक लक्ष्य तय किए गए है. जहां पर लाभार्थी कम और लक्षांक ज्यादा वाली स्थिति है. वहीं ग्रामीण क्षेत्र में हालात इससे उलट है, जहां पर लक्षांक कम है और लाभार्थी अधिक है. इसके साथ ही 21 मानकों की शर्त भी है. इसके अलावा ओबीसी व कुछ अल्पसंख्यकों की स्थिति काफी बिकट है, जिन्हे किसी भी योजना के तहत घरकुल का लाभ नहीं मिल सकता.
विधायक बच्चू कडू ने यह भी बताया कि, इस वर्ष अतिवृष्टि के चलते मिट्टी से बने 954 मकान गिरे, जिनमें 50 लोगों की मौत हो गई. ग्रामीण क्षेत्र में ढहने वाले इन मिट्टी के घरों को कडक नियमों व जाति संबंधी शर्तो की वजह से ही घरकुल का लाभ नहीं दिया जा सकता था. यदि ऐसा ही चलता रहा तो हम किस मुंह से ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर लोगों से वोट मांगे.

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