अमरावतीमहाराष्ट्र

सुबह खुली हवा में बाहर घूमोगे तो पडोगें बीमार

खराब हवा के कारण हो रहा हैं बीमारी का खतरा, सावधानी आवश्यक

अमरावती/दि. 10– बडे महानगरों की तरह अमरावती की हवा दिनोंदिन प्रदूषित हो रही हैं. शहर के हो रहे विस्तार में दिनोंदिन चलनेवाले निर्माण और विकास कार्य के साथ वाहनों की बढती संख्या के कारण प्रदृषण का स्तर मर्यादा पार कर रहा हैं. इसमें होनेवाली पेडों की अवैध कटाई और कम होती जा रही हरियाली के कारण प्रदूषण का खतरा बढ रहा हैं. दिवाली में शहर का क्वॉलिटी इंडेक्स 150 से 200 से अधिक था. बढते प्रदूषण के कारण विभिन्न बीमारी बढती जा रही हैं. सादी खांसी जो दो-तीन दिन में ठिक हो जाती थी वह एक-दो माह चल रही हैैं और मुसीबत साबित हो रही हैं.

शहर में दो स्थानों पर मॉनिटरिंग स्टेशन पर वायु प्रदूषण का इंडेक्स 95 से 140 रहता हैं. महिने में एक अथवा दो दिन ही इंडेक्स स्तर बढता हैं. औसतन 95 से 104 रहता हैं. हवा की गुणवत्ता का निर्देशांक 50 तक रहा तो अच्छा और वह 51 से 100 तक रहा तो समाधानकारक माना जाता हैं. अमरावती शहर में हरे-भरे पेड रहने से शहर की एअर क्वॉलिटी समाधानकारक हैं. प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए पेडों की संख्या में बढोत्तरी करना, शहर में साईकिल का इस्तेमाल बढाना, बैटरी पर चलने वाले वाहन बढाना, सार्वजनिक वाहनों का इस्तेमाल करना आदि जैसी विविध उपाययोजना चलानी चाहिए.

* क्यों बढा एअर क्वॉलिटी का इंडेक्स?
– धूल : औद्योगिकीकरण न रहे जिले में सडकों की धूल, निर्माण स्थल पर हो रही धूल यह हवा की गुणवत्ता खराब करने के लिए कारणीभूत हैं.
– कचरा जलाना : शहर में अनेक नागरिक और मनपा कर्मचारी कचरे को न उठाते हुए उसे जला देते हैं. इससे निकलनेवाला धुआं हवा की गुणवत्ता खराब करता हैं.
– वाहनों की बढती संख्या : शहर में वाहनों की संख्या दिनोंदिन बढती जा रही हैं. इन वाहनों से निकलनेवाला धुआं हवा की गुणवत्ता खराब करता हैं.

* खराब हवा के कारण इन बीमारियों का खतरा
– सांस की बीमारी : वायु प्रदूषण यह पहले ही सांस की बीमारी रहने वालों के लिए हानिकारक रहता हैं. साथ ही सांस के नए रोग बढ सकते हैं. दमा, ब्रोंकायटिस, टीबी का खतरा बढता हैं.
– आंखों के विकार : प्रदूषण के कारण आंखों में जलन होकर खाज छूट सकती हैं. प्रदूषण के लंबे संपर्क में रहने से क्रॉनिक ड्राय सिड्रोम हो सकता हैं. इसमें आंखे आंसू निर्माण नहीं करती.

* शहर का एअर क्वॉलिटी इंडेक्स समाधानकारक
शहर में दो स्थानों पर हवा की गुणवत्ता गिनी जाती हैं. श्री. शिवाजी विज्ञान महाविद्यालय परिसर और विद्यापीठ रोड शहर का एअर क्वॉलिटी इंडेक्स समाधानकारक हैं. नागरिक प्रदूषण न होने सहायता करें इसके लिए अधिक से अधिक पेड लगाएं. संभव हो तो सफर के लिए सार्वजनिक वाहन का इस्तेमाल करें.
– संजय पाटिल, प्रादेशिक प्रदूषण मंडल अधिकारी.

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