अमरावती

सफलता प्राप्त करना हो तो कठिन यात्रा से गुजरना होगा

अभिनेत्री शर्वरी जमेनिस का आह्वान, कत्थक कार्यशाला में किया मार्गदर्शन

अमरावती /दि. २७ यदि आप सफलता प्राप्त करना चाहते हो तो आपको एक कठिन यात्रा से गुजरना होगा. किसी भी कार्य में निरंतरता होनी चाहिए. कत्थक नृत्य की यात्रा भी कठिन होती है. लेकिन इसके लिए लंबे अभ्यास की आवश्यकता होती है. अचानक सफलता पाना इतना आसान नहीं है. लेकिन अगर आप लगातार प्रयास करते रहे तो आपको सफलता जरूर मिलेगी, यह बात हिंदी और मराठी फिल्म अभिनेत्री और कत्थक नृत्यांगना शर्वरी जमेनिस ने कही. संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ के प्रादेशिक कला विभाग की ओर से २५ और २६ फरवरी को नृत्य शैली में खलनायक पर आधारित गतभाव विषय पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला में वे बोल रही थी. कार्यशाला का उद्घाटन अवसर पर बतौर अध्यक्ष प्र-उपकुलगुरु डॉ. प्रसाद वाडेगांवकर, प्रमुख अतिथि कार्यशाला की प्रशिक्षक अभिनेत्री शर्वरी जमेनिस, कुलसचिव डॉ.तुषार देशमुख, प्रादर्शिक कला विभाग के समन्वयक रमेश जाधव, हेमंत नृत्य कला मंदिर अमरावती के मोहन बोडे, चला हवा येऊ द्या फेम अभिनेता अंकुर वाडवे प्रमुखता से उपस्थित थे. दीप प्रज्वलन व भगवान नटराज की मूर्ति पूजन से कार्यक्रम की शुरुआत हुई. हेमंत नृत्य कला मंदिर के डॉ.मोहन बोडे ने अभिनेत्री शर्वरी जमेनिस का परिचय दिया. कार्यक्रम की प्रस्तावना विभाग के समन्वयक आर.एस. जाधव ने रखी. संचालन प्रा.सुवर्धा गाडगे तथा आभार प्रदर्शन डॉ.मोहन बोडे ने किया.
* कला हमारे जीवन के अंत तक रहती है
इस अवसर पर शर्वरी जमेनिस ने मार्गदर्शन करते हुए कहा कि, अभिनय क्षेत्र में पैसा है, शोहरत बहुत है, लेकिन मुझे संतुष्टि चाहिए थी और उसके लिए मैंने नृत्य से समझौता किया. छात्राओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि, कत्थक नृत्य की यात्रा कठिन है. इस कला को विकसित करने में कम से कम पांच साल लगेंगे. लेकिन निराश मत होईए, कला हमारे जीवन के अंत तक रहती है. उन्होंने उपस्थित छात्रों को विश्वास दिलाया कि, सफलता प्राप्त करने में समय लगता है. इसके लिए निरंतर बने है. सफलता अवश्य मिलेगी.
* विदर्भ के कलाकारों में काफी क्षमता है
अभिनेत्री शर्वरी जमेनिस के कत्थक कला के रूप में कलाकार छात्रों को प्रशिक्षित किया. इस अवसर पर भाग लेने वाले छात्रों ने उत्साहपूर्वक प्रतिसाद दिया. विदर्भ के कलाकारों में काफी क्षमता है. लेकिन उन्हें एक अवसर की जरूरत है. उन्होंने आशा व्यक्त की कि, इस कार्यशाला के माध्यम से उन्हें मिले अवसर के कारण वे भविष्य में अपनी कला का बेहतर प्रदर्शन कर सकेंगे.

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