अमरावतीमहाराष्ट्र

लोकांत में बैठकर एकांत में जाना है तो अहंकार को त्यागना होगा

सुश्री मंगलाश्री का प्रतिपादन

* 1008 श्री संत सीतारामदास बाबा पुण्यतिथि पर श्रीराम कथा
* गुरूकृपा सत्संग समिति व एकवीरा देवी संस्थान का आयोजन
अमरावती/ दि. 4-हम अपने जीवन में संसार रूपी जीवन जीते है. जिसमें आनेवाले कई प्रसंगों के चलते हम लोगों में रहते हुए भी खुद को हमेशा महसूस करते हैं. अगर हम लोगों से दूर एकांत में जाकर खुद को जानने और पहचानने की कोशिश करना चाहते हैं तो पहले हमें खुद के अंधकार को दूर करना होगा, ऐसा प्रतिपादन सुश्री मंगलाश्री ने व्यक्त किया.
स्थानीय एकवीरा देवी प्रांगण में गुरूकृपा सत्संग समिति एकवीरा देवी संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में महामंडलेश्वर 1008 प. पू. मां कनकेश्वरी देवी की प्रेरणा से 1008 संत सीतारामदास बाबा पुण्यतिथि महोत्सव के उपलक्ष्य में श्रीराम कथा महायज्ञ का आयोजन किया गया है. कथा के तीसरे दिन वे उपस्थितों को संबोधित कर रही थी. सुश्री मंगलाश्री ने आगे संबोधन करते हुए कहा कि तुलसीदास ने रामकथा को शशि किरण के समान कहा है. काशी के गंगा स्नान की महत्ता है. जो मनुष्य गंगा स्नान को छोडकर स्वर्ग में भी जायेगा तो सारे देवता देखकर हंसते हैं कि यह मूर्ख गंगा स्नान को छोडकर यहां स्वर्ग में क्या करने आया है.
भगवान शिव से ऋषि अगस्त ने केवल भक्ति ही मांगी थी. शिव- सती कथा व दंडकारण्य में श्रीराम दर्शन की महिमा का विवरण किया. शिव ने सती मैया को श्रीराम से मिलते हुए बताया कि हमारे इष्टदेव हमेशा परीक्षा लेते हैं. लेकिन भक्ति हमेशा परीक्षा देती है. जीवन में शिव पार्वती के स्वभाव का वर्णन करते हुए उन्होंने कहा कि पति पत्नी के रिश्तों को उन्होंने समझाने की कोशिश की. साथ ही शिव -पार्वती के विवाह प्रसंग का वर्णन किया.
कथा में मुख्य यजमान अशोककुमार जाजु परिवार, उपमुख्य यजमान सरलादेवी सिकची परिवार, दैनिक यजमान प्रवीणकुमार करवा के साथ राम जन्मोत्सव यजमान पुखराज व्यास परिणाम, राम जानकी विवाह यजमान चंद्रकांता भंडारी, कांता शर्मा, सुंदरकांड यजमान, स्व. सुलोचना देवी शाह खोलापुर, राजराज्याभिषेक यजमान अनुराधा वाडी, संत सीतारामदास बाबा महारूद्राभिषेक यजमान विजयकुमार खंडेलवाल, कांता शर्मा, लीला शर्मा, सुभद्रा शर्मा, सरोज शर्मा, सुनीता शेखावत, चेतन भटकर, अस्मिता भटकर, संगीता राठी, उमा जाजू, सुरेखा राठी, गीता डागा, लीला करवा, लता साहू, शाारदा साहू, कल्पना मेश्राम, खुशी मेश्राम, उषा गुप्ता, पूजा त्रिवेदी, अनुराधावाडी, विद्या भूतडा, रेखा जाजू, इंदुकांता सुदा, सुमित्रा जाजू, निरूपा म्हाला, उषा मंत्री, किरण मूंधडा, पुष्पा बजाज, सुनीता वैश्य, अनिता भूतडा, उषा भूतडा, निशा भूतडा, रजनी शाहपुरे, उज्वला घोंगडे, पुष्पा करवा, पूनम चांडक, शांता राठी, रमेश शेंदुरसे, रमेश महल्ले, वामन वैद्य, अरूण करवा, पप्पूलाल बिनकर, विजय खंडेलवाल, सुरेशचंद्र मूंधडा, नंदकिशोर उगले, शिवरतन हेडा, श्रीधर पंचवटे, कमलसिंह ठाकुर, अश्विन चौधरी, भास्कर पाटिल, मोहन साहू, बाबाराव कायबर, प्रकाश सोमवंशी, राधाकिसन कलंत्री आदि बडी संख्या में उपस्थित थे.्

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