अमरावती

अस्पतालों में ही नियमों की अनदेखी, कैसे रूकेगी तीसरी लहर

लोगबाग बिना मास्क लगाये घूम रहे, सोशल डिस्टंसिंग की उड रही धज्जियां

अमरावती/दि.1 – इस समय यद्यपि कोविड संक्रमण की दूसरी लहर का असर काफी कम हो गया है. किंतु तीसरी लहर के आने का खतरा लगातार बना हुआ है. ऐसे में जिला प्रशासन द्वारा बार-बार कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों के पालन को लेकर दिशानिर्देश जारी किये जा रहे है. लेकिन खुद जिला सामान्य अस्पताल में ही कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का कोई पालन नहीं हो रहा. बल्कि यहां पर इलाज हेतु आनेवाले मरीज और उनके रिश्तेदार बिना मास्क लगाये बेधडक व बेखटके इधर से उधर घुमते दिखाई देते है. साथ ही यहां सोशल डिस्टंसिंग का भी किसी तरह से कोई पालन नहीं होता. इसके अलावा लोगबाग अस्पताल परिसर में इधर-उधर थूकते भी दिखाई दे रहे है. ऐसे में सबसे बडा सवाल यहीं है कि, यदि खुद मरीजों के इलाज हेतु जिम्मेदार अस्पताल में कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों की इस कदर अनदेखी हो रही है, तो कोविड संक्रमण की तीसरी लहर को कैसे व किस तरह रोका जा सकेगा.
उल्लेखनीय है कि, कोविड संक्रमण की पहली लहर को हलके में लेने का परिणाम इस संक्रमण की दूसरी लहर के रूप में सामने आया था और संक्रमण की दूसरी लहर काफी भयावह थी. जिस पर काबू पाने के लिए प्रशासन एवं स्वास्थ्य महकमे को काफी उठापटक करनी पडी. जिसके बाद जैसे-तैसे कोविड संक्रमण की स्थिति काफी हद तक नियंत्रण में आ गई, लेकिन अब भी यह खतरा पूरी तरह से खत्म नहीं हुआ है. वही अब संभावना जतायी जा रही है कि, आगामी अक्तूबर माह में कोविड संक्रमण की तीसरी लहर आ सकती है. जिसमें कोविड वायरस का डेल्टा प्लस नामक नया वेरियंट कहर मचा सकता है. ऐसे में एक ओर तो जिला प्रशासन व स्वास्थ्य महकमे द्वारा तमाम जरूरी उपाय किये जा रहे है. किंतु वहीं दूसरी ओर जिला सामान्य अस्पताल में ही कोविड प्रतिबंधात्मक नियमों का जमकर उल्लंघन हो रहा है. ऐसे में जिला आपत्ति व्यवस्थापन प्राधिकरण द्वारा इस ओर भी ध्यान दिये जाने की सख्त जरूरत है.

ओपीडी हाउसफुल

जिला सामान्य अस्पताल में 24 से 30 अगस्त तक सात दिनों के दौरान 6 हजार 549 बाह्यरूग्णों की जांच की गई. जिसमें 24 अगस्त को 1 हजार 29, 25 अगस्त को 1 हजार 334, 26 अगस्त को 1 हजार 5, 27 अगस्त को 973, 28 अगस्त को 883, 29 अगस्त को 290 तथा 30 अगस्त को 1 हजार 35 मरीज जांचे गये है.

कईयों नहीं लगाये टीके

इन दिनों जिला सामान्य अस्पताल में आनेवाले मरीजों एवं उनके रिश्तेदारों की जबर्दस्त भीडभाड है. इसमें से अधिकांश लोग अपने नाक व मुंह पर मास्क नहीं लगाते. साथ ही इन लोगों द्वारा सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का पालन भी नहीं किया जाता. इसके अलावा इनमें से अनेकों ने अपनी गलतफहमी अथवा डर के चलते कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन का टीका भी नहीं लगाया है.

डेंग्यू व मलेरिया के मरीज बढे

विगत डेढ वर्ष के दौरान स्वास्थ्य विभाग द्वारा अपनी पूरी ताकत एवं स्त्रोत कोविड संक्रमण पर नियंत्रण पाने में खर्च कर दी गई. किंतु अन्य बीमारियों की ओर अनदेखी होने के चलते अमरावती शहर सहित जिले के ग्रामीण इलाकों में डेंग्यू, चिकन गुनिया व मलेरिया जैसी बीमारियों ने पांव फैलाना शुरू कर दिया. इस समय तक इन संक्रामक बीमारियों के करीब 164 मरीज पाये जा चुके है. जिससे अब इन बीमारियों के खतरे की वजह से सभी लोगों में भय का माहौल है.

अस्पताल भी बन सकता है सुपर स्प्रेडर

इस समय मौसम में होनेवाले बदलाव की वजह से वायरल फीवर के मरीज लगातार बढ रहे है. जिसके चलते अस्पताल की ओपीडी में आनेवाले मरीजों की संख्या बढ रही है. इसमें भी यदि नियमों का कडाई से पालन नहीं होता है, तो अस्पताल ही बीमारियो का सुपर स्प्रेडर साबित हो सकता है.

  • अस्पताल के सभी कर्मचारी नियमों के पालन की ओर पूरा ध्यान दे रहे है तथा मरीजों सहित उनके रिश्तेदारों को मास्क लगाने तथा सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का पालन करने हेतु कहा जा रहा है. इसके अलावा भीडभाड को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा रक्षकों को आवश्यक दिशानिर्देश दिये गये है और सोशल डिस्टंसिंग के नियमों का भी कडाई से पालन करवाया जा रहा है.
    – डॉ. श्यामसुंदर निकम
    जिला शल्य चिकित्सक, अमरावती.

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