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आयजी मीणा करेंगे पुलिस फायरिंग मामले की जांच

डीजी ऑफिस से जारी हुए है जांच करने के आदेश

* अकोला पुलिस की फायरिंग को डिपार्टमेंट ने लिया गंभीरता से
* अमरावती में छिपे चोर को पकडने अकोला पुलिस ने की थी फायरिंग
* अमरावती पुलिस को नहीं दी गई थी कोई भी पूर्व सूचना
अमरावती/दि.16- गत रोज अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय अंतर्गत रहनेवाले गाडगेनगर पुलिस थाना परिसर के लक्ष्मीनगर में चोरी व सेंधमारी की कई वारदातों को लेकर वांछित रहनेवाले राजू राउत नामक आरोपी को गिरफ्तार करने हेतु अकोला पुलिस के दल ने दो राउंड फायर किये थे. इस मामले में सर्वाधिक हैरतवाली बात यह थी कि, अकोला पुलिस के दल ने अकोला से अमरावती आने और यहां पर कार्रवाई करने के संदर्भ में अमरावती पुलिस आयुक्तालय सहित गाडगेनगर पुलिस थाने को कोई जानकारी या पूर्वसूचना नहीं दी थी. ऐसे में इस पूरे मामले को पुलिस महासंचालक कार्यालय यानी डीजी ऑफिस ने बेहद गंभीरता से लिया है तथा मामले की जांच के आदेश जारी करते हुए जांच के अधिकार व निर्देश अमरावती रेंज के विशेष पुलिस महानिरीक्षक चंद्रकिशोर मीणा को दिये गये है.
बता दें कि, अकोला शहर के डाबकी रोड परिसर में रहनेवाले कुख्यात चोर राजू राउत के खिलाफ चोरी व सेंधमारी के दर्जनों मामले अलग-अलग पुलिस थानों में दर्ज है और उसकी लंबे समय से अकोला पुलिस द्वारा तलाश की जा रही थी. इसी दौरान अकोला पुलिस को पता चला कि, राजू राऊत रविवार की रात अमरावती पहुंचा है. जहां लक्ष्मीनगर में अपने किसी रिश्तेदार के यहां ठहरा हुआ है. ऐसे में सोमवार 15 अगस्त को अकोला पुलिस ने अमरावती पहुंचकर लक्ष्मीनगर इलाके में दबीश दी. किंतु पुलिस के आने की भनक लगते ही राजू राऊत अपनी बेलेनो कार लेकर मौके से भागने लगा. जिसके बाद उसके रूकाने हेतु अकोला पुलिस ने कार के टायर पर दो फायर किये. हालांकि इसमें से एक फायर कार की छत व दरवाजे के बीच जाकर लगा. वहीं दूसरा फायर सटीक निशाने पर लगने से कार का टायर पंक्चर हो गया और यह कार लहराकर सडक किनारे स्थित इलेक्ट्रीक पोल से जा भिडी. जिसके बाद राजू राऊत नामक आरोपी को अकोला पुलिस द्वारा पकडा गया, लेकिन इस पूरी कवायत में सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह सामने आया कि, अकोला पुलिस ने अमरावती पुलिस को अपनी आमद की कोई जानकारी नहीं दी थी. जिसे लेकर आश्चर्य जताया जा रहा है. साथ ही चोरी व सेंधमारी जैसी वारदात में लिप्त रहनेवाले एक अपराधी को पकडने के लिए गये पुलिस पथक द्वारा सीधे फायर खोल देने को लेकर भी हैरत जताई जा रही है. इन दोनों बातों को पुलिस महकमे के आला अधिकारियों द्वारा बेहद गंभीरता से लिया गया है और राज्य के पुलिस महासंचालक कार्यालय ने अमरावती रेंज के आईजी चंद्रकिशोर मीणा को इस मामले की जांच करने के आदेश देते हुए अमरावती शहर पुलिस से इस बारे में विस्तृत जानकारी भी मांगी है. जिसके चलते अमरावती शहर पुलिस आयुक्तालय ने गाडगेनगर पुलिस थाने में अकोला पुलिस की टीम द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत को लेकर डीजी ऑफिस को विस्तृत जानकारी भेज दी है. जिसमें लक्ष्मीनगर फायरिंग कांड की घटना का पूरा ब्यौरा उपलब्ध है. वहीं अब आईजी चंद्रकिशोर मीणा द्वारा इस मामले की अपने स्तर पर सघन जांच की जा रही है. जिसके तहत आईजी मीणा ने आज गाडगेनगर पुलिस स्टेशन को भी भेंट दी. जहां पर उन्होंने गाडगेनगर के थानेदार आसाराम चोरमले से पूरे मामले को लेकर विस्तृत जानकारी हासिल की.

डीजी ऑफिस से प्राप्त दिशा-निर्देशों के चलते लक्ष्मीनगर में पुलिस पार्टी द्वारा की गई फायरिंगवाले मामले की जांच की जा रही है. इसके तहत हम यह जानने का प्रयास कर रहे है कि, आखिर उस समय ऐसी भी क्या मजबूरी थी, जिसके चलते अकोला पुलिस के दल को फायरिंग करने पर मजबूर होना पडा. साथ ही अकोला पुलिस ने निश्चित तौर पर किन उद्देशों के तहत चोरी व सेंधमारी के आरोपी पर गोली चलाई थी.

 

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