अब तक शाला न देखे निरक्षरो ने दी परीक्षा
रविवार को जिले की सभी तहसीलों की जि.प. शाला में 15 से 90 वर्ष की आयु के परीक्षार्थी हुए शामिल
* हंसते-खेलते वातावरण में सभी शालाओं में रही चहल-पहल
अमरावती/दि. 18- जो लोग कभी शाला में नहीं गए और कभी शाला ही नहीं देखी, जिनका किताब से कोई संबंध नहीं था, ऐसे करीबन 15 से 16 हजार लोगों ने अपने गांव के परीक्षा केंद्र पर जाकर रविवार 17 मार्च को परीक्षा दी. 15 वर्ष से लेकर 90 वर्ष की आयु के परीक्षार्थियों का इसमें समावेश था. हंसते-खेलते वातावरण में जिला परिषद की सभी शालाओं में यह परीक्षा हुई. इस कारण रविवार के दिन इन शालाओं में काफी चहल-पहल थी.
देश के प्रत्येक को अक्षर की पहचान सहित व्यवहारिक ज्ञान होने के मकसद से केंद्र शासन की तरफ उल्हास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के तहत मूलभूत साक्षरता व संख्याज्ञान मूल्यामापन प्रक्रिया देश के अनेक राज्यों में रविवार को ली गई. यह परीक्षा लेने के पूर्व गांव के कक्षा पांचवी तक शिक्षा लिए व्यक्तियों को इस उपक्रम के तहत गांव के प्रत्येक निरक्षर व्यक्ति को अक्षर की पहचान सहित व्यवहारिक ज्ञान देनेबाबत वर्षभर मार्गदर्शन किया गया. गांव की जिला परिषद शाला के मुख्याध्यापक के मार्गदर्शन में यह कार्यक्रम चलाया गया. इस परीक्षा में संपूर्ण जिले से 15 से 16 हजार परीक्षार्थी बैठे रहने की जानकारी जि.प. के शिक्षणाधिकारी (प्राथमिक) बुद्धभूषण सोनवणे ने दी.
* 150 अंको की थी परीक्षा
मूलभूत साक्षरता और संख्याज्ञान पर जोर देनेवाली यह परीक्षा कुल 150 अंको की थी. इसमें वाचन पर आधारित 50 अंक, लेखन पर 50 अंक तथा संख्याज्ञान पर आधारित 50 अंक निश्चित किए गए थे. रविवार को ग्रामीण क्षेत्र में हुए इस परीक्षा उत्सव में उत्तीर्ण होने के लिए प्रत्येक भाग के लिए 17 अंक ऐसे 150 में से 51 अंक अनिवार्य थे. रविवार को सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक इस परीक्षा के लिए समय निश्चित किया गया था. तीन घंटे की कालावधि में परीक्षार्थियों को पेपर हल करना पडा.
* पूरा दिन रही शाला में चहल-पहल
अमरावती जिले के सभी तहसीलो में इस परीक्षा में बैठे परीक्षार्थियों ने कोई भी तनाव न रखते हुए हंसते-खेलते वातावरण में परीक्षा दी. इसमें 80 से 90 वर्ष की आयु के वरिष्ठ महिला-पुरुष भी बडे उत्साह के साथ परीक्षा देने के लिए परीक्षा केंद्र पर पहुंचे. परीक्षा में उनपर किसी भी तरह का तनाव न रहने के लिए शिक्षण विभाग की तरफ से काफी ध्यान रखा गया. परीक्षार्थियों के लिए अल्पोहार की व्यवस्था भी परीक्षा केंद्र पर की गई थी.