अमरावती/दि.17- शहर का प्रथम नागरिक यानी महापौर होने के नाते मैंने किसी भी तरह का कोई अपराधिक कृत्य नहीं किया है. शहर के दंगा प्रभावित व्यापारियों एवं भयभीत समाज का आक्रोश सुनकर उन्हें न्याय दिलाने हेतु कंधे से कंधा लगाकर खडे रहना अगर अपराध है, तो ऐसा अपराध करने हेतु मैं हमेशा तैयार हूं. इस आशय का प्रतिपादन यहां जारी प्रेस विज्ञप्ती में महापौर चेतन गावंडे द्वारा किया गया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि, उनके खिलाफ पुलिस द्वारा जो कार्रवाई की गई, वे उसे कोई लांछन या कलंक नहीं, बल्कि अपने लिए गौरवपूर्ण बात मानते है.
इस विज्ञप्ती में महापौर गावंडे ने कहा कि, विगत 12 नवंबर को अमरावती शहर में संगठित अपराध और आतंक का अनुभव किया. शहर को इससे बचाने में पुलिस प्रशासन व खुफिया विभाग भी असफल रहे. ऐसे में बडे व्यापारियों से लेकर छोटी हाथगाडी वालों तक सभी व्यवसायी बेहद भयभीत थे. ऐसे समय शहर का प्रथम नागरिक होने के नाते शहर की जनता के साथ खडे रहना मेरा प्रथम कर्तव्य था. इससे पहले ऐसे कई संवेदनशील मौकों के समय इस पद पर रहनेवाले लोगों ने भले ही अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई होगी, किंतु मैं अपनी जिम्मेदारी से नहीं भाग सकता. महापौर गावंडे के मुताबिक मेरे द्वारा किये गये कामों से जनता पूरी तरह समाधानी है और जनता का आशिर्वाद भी सबसे बडी कमाई है. ऐसे में किसी भी तरह की आलोचना या टीका की फिक्र किये बिना मैं हमेशा जनता के साथ खडा रहूंगा.