अमरावती

ज्ञान के साथ कल्पना शक्ति व कुशाग्रता महत्वपूर्ण

डॉ. श्रीनिवास वरखेडी का प्रतिपादन

* रायसोनी विद्यापीठ का तीसरा दीक्षांत समारोह्
अमरावती/दि.30- धर्म, अर्थ और काम यह जीवन में यश की त्रिसूत्री आहे. आज जग ज्ञान से परे कल्पकता और कुशाग्रता अधिक देखी जाती है. इन्हीं गुणों के आधार पर स्मार्ट वर्क की अपेक्षा स्मार्टली वर्क करें ऐसा आवाहन दिल्ली केंद्रीय संस्कृत विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. श्रीनिवास वरखेडी ने किया है. हाल ही में जी.एच. रायसोनी विद्यापीठ अमरावती के तीसरे दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया था. इस अवसर पर वह बोल रहे थे.
कार्यक्रम के अध्यक्ष पद पर रायसोनी ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूट के एक्सिक्यूटिव्ह डायरेक्टर श्रेयस रायसोनी थे और विशेष अतिथि के रुप में नागपुर के व्हीएनआयटी संस्था के संचालक डॉ. प्रमोद पडोले, जी.एच. रायसोनी विद्यापीठ, अमरावती के कुलगुरु डॉ. विनायक देशपांडे उपस्थित थे. मंच पर रजिस्ट्रार स्नेहिल जयस्वाल, परीक्षा नियंत्रक प्रो. नितिन मांडवगडे, सहित विविध विभाग केक अधिष्ठाता उपस्थित थे.
वर्ष 2018 में अस्तित्व में आए जी.एच. रायसोनी विद्यापीठ का यह तीसरा दीक्षांत समारोह था. विद्यापीठ अंतर्गत स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग, स्कूल ऑफ मेनेजमेंट, स्कूल ऑफ लॉ स्कूल ऑफ फार्मसी, स्कूल ऑफ फॉरेसिंक और स्कूल ऑफ हॉटेल मेनेजमेंट इन सभी विभागों से पदवी की शिक्षा पूर्ण करने वाले 662 विद्यार्थियों को इस समारोह में पदवी प्रदान की गई.
इसके अतिरिक्त विविध शाखा में प्राविण्य प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को सुवर्ण और रौप्य पदक देकर गौरव किया गया. कुलगुरु डॉ. विनायक देशपांडे ने स्वागत पर भाषण में बोलते हुए कहा कि, दीक्षांत समारोह यह विद्यापीठ के लिए ज्ञान का उत्सव है, तो दूसरी ओर यह विद्यार्थियों की स्वप्नपूर्ति करने वाला होता है ऐसा कहा. जी.एच. रायसोनी विद्यापीठ की पार्श्वभूमि विषद की.
इस अवसर पर दीप प्रज्वलन, सरस्वती पूजन और विद्यापीठ गीतों से दीक्षांत समारोह की शुरुआत हुई. मान्यवरों का संस्था की ओर से शाल, श्रीफल, सम्मानचिन्ह व पुष्पगुच्छ देकर देशपांडे के हाथों सत्कार किया गया. समारोह का संचालन प्रो. स्नेहा बोहरा और प्रो. अश्विनी राठी ने किया. आभार प्रो. स्नेहिल जयस्वाल ने माना. राष्ट्रगीत से कार्यक्रम का समापन किया गया. करीबन दो घंटे तक चले इस समारोह में स्टूडंट वेलफेयर डीन प्रो. प्रशांत अवचट सहित विद्यापीठ के सभी विभागों के डी, विभाग प्रमुख, प्राध्यापक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी और विद्यार्थी बडी संख्या में उपस्थित थे.

* डॉ. दिलीप मालखेडे को श्रद्धांजलि
संत गाडगे बाबा अमरावती विद्यापीठ के कुलगुरु डॉ. दिलीप मालखेडे को दो मिनट मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई. वर्ष 2022 में हुए रायसोनी विद्यापीठ दीक्षांत समारोह में डॉ. मालखेडे प्रमुख अतिथि के रुप में उपस्थित थे, ऐसा स्मरण प्रो. स्नेहिल जयस्वाल ने वहां उपस्थित सभी को करवाया.

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