अमरावती

480 करोड का इम्बैलेंस, 536 सोसायटियां दिक्कत में

अवसायद को अस्थायी स्थगिती

* तकनीकी दोष भी संस्थाओं के माथे

अमरावती /दि.19– किसानों के फसल कर्ज की अदायगी जिला बैंक के ब्याज में जमा होने के चलते मुद्दल जस की तस रह जाती है. ऐसी स्थिति में बढती चले जाने वाली अनिष्ट तफावत आज 480 करोड 11 लाख 51 हजार रुपयों के आसपास जा पहुंची है. जिसके चलते ग्रामीण स्तर पर सहकार की सबसे मजबूत कडी रहने वाली सेवा सहकारी सोसायटियों की हालत खराब होने लगी है. जिसकी वजह से जिले की 601 में से करीब 536 सोसायटियां अवसायन की कगार पर है.

इन सभी सेवा सहकारी सोसायटियां को सहकार विभाग द्वारा मार्च 2023 से पहले अवसायन में निकाले जाने को लेकर नोटीस जारी की गई थी. जिसके चलते सहकार क्षेत्र में व्याप्त अस्वस्थ्यता स्थगिनादेश तथा अन्य तकनीकी दोष सहकार मंत्री दिलीप वलसे पाटिल के ध्यान में लाकर दिए गए थे और उनके द्वारा दिए गए मौखिक आदेश के बाद सोसायटियों को अवसायन में निकाले जाने की प्रक्रिया को स्थगिती दी गई. परंतु यह स्थगिती अस्थायी रहने के चलते इसके तकनीकी दोष निवारण के संदर्भ में सरकार कोई पहल नहीं कर रही और बैंक भी कोई पर्याय नहीं खोज रही जिसकी वजह से यह तफावत बढती जा रही है. जिससे इन सोसायटियों की हालात खराब है.
विकास सोसायटियों द्वारा फसल कर्ज की वसूली 100 फीसद नहीं होने के चलते कर्ज का बोझ विकास सोसायटियों पर पडता है और यह रकम प्रतिवर्ष लगातार बढती जाती है. जिससे सोसायटियां दिक्कत में फंस जाती है. जिले में रहने वाली सेवा सहकारी सोसायटियों की तुलना में करीब 87.51 फीसद संस्थाएं इस अनिष्ट तफावत की वजह से दिक्कत में आ गई है. वहीं नेरपिंगलाई सहित कुछ संस्थाएं फायदे में भी चल रही है. जिनसे अन्य संस्थाओं को आदर्श लेने की जरुरत है.

* क्या है अनिष्ट तफावत
विकास सोसायटी का जिला मध्यवर्ती बैंक को देय रहने वाला कर्ज यदि खाताधारक किसान के मुद्दल व ब्याज सहित रहने वाली रकम से अधिक होता है, तो उसे सहकार मेें अनिष्ट तफावत यानि इंबैलेंस फिगर कहा जाता है. जिला बैंक द्वारा सोसायटियों के जरिए किसानों को कर्ज का वितरण किया जाता है तथा जमा होने वाली रकम से ब्याज की कटौति की जाती है. जिसके चलते मुद्दल जस की तस बाकी रहती है.
– अनिष्ट तफावत की रकम – 480.11 करोड
– अनिष्ट तफावत वाली सोसायटी – 536
– जिले की कुल विकास सोसायटियां – 601

 * क्यों बढी सोसायटी में अनिष्ट तफावत?
– जिला बैंक सोसायटियों द्वारा दिए गए फसल कर्ज की वसूली करते समय मुद्दल में मुद्दल और ब्याज में ब्याज जमा नहीं करती. जिसकी वजह से जिला बैंक व सोसायटियों में कर्ज की रकम का फर्क बढ जाता है.
– कर्जमाफी में कट ऑफ की तारीख से ब्याज लगाया जाना बंद हो गया. सरकार द्वारा दी गई सूचना का सोसायटी द्वारा तो पालन किया गया, लेकिन बैंकों द्वारा इस कालावधि में भी ब्याज लगाया गया. जिसकी वजह से दोनों रकमों में फर्क दिखाई दे रहा है.
– गट सचिव का रिकार्ड अपडेट नहीं रहने के चलते कई एंट्रियों की जानकारी बैंलेसशीट में नहीं आती और केंद्र द्वारा दिए गए 3 फीसद के एडवाइज गट सचिव तक नहीं जाने के चलते अब तक हेड दुरुस्त नहीं हुए है.
– कुछ सोसायटियों द्वारा निर्वाचन कर्ज व ऑडिट खर्च सहित अन्य खर्च के लिए रकम का प्रयोग किया जाता है. जिसके चलते मुद्दल व ब्याज में फर्क बढने की बात कही जा रही है.

* जिले में 601 सेवा सहकारी संस्थाए है. जिसमें से 536 संस्थाओं में 480 करोड की अनिष्ट तफावत है. हालांकि फिलहाल इन संस्थाओं पर किसी भी तरह की कार्रवाई प्रस्तावित नहीं की गई है.
– शंकर कुंभार,
जिला उपनिबंधक

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