अमरावती- दि.1 अमरावती महानगर पालिका प्रशासन की ओरसे चालू वर्ष के लिए प्रॉपर्टी टैक्स में 40 से 100 प्रतिशत वृद्धि की है, इस संदर्भ में मनपा आयुक्त प्रवीण आष्टीकर से महानगर चेम्बर अध्यक्ष सुरेश जैन ने मिलकर उन्हें कर वृद्धि रद्द करने निवेदन दिया व उन्हें इसबारे मेंं विस्तार से चर्चा करते हुए अध्यक्ष सुरेश जैन ने बताया कि, नए टैक्स बिल शहर के व्यापारी व नागरिकों को मिले है. बिल की टैक्स वृद्धि दर से शहर अनेक व्यापारी व नागरिक चिंताग्रस्त है, इतना भारी टैक्स अदा करना सभी को कठिन होगा, 2016 में भी प्रॉपर्टी टैक्स वृद्धि हुई थी, लेकिन जनता के भारी विरोध के कारण रद्द हुई.
कोरोना इस अंंतरराष्ट्रीय आपदा से कई व्यक्तियों की मौते हुई, एकमेव कर्ताधर्ता व्यक्ति भी इसके शिकार हुए. कई व्यक्तियों को इस महामारी में लाखों रुपये कर्ज लेकर होस्पिटल बिल देना पड़ा. अनेक व्यवसाय 4 महीने लॉक डाउन से बंद थे, इस हादसे से अभी भी जनता, व्यापारी उभरे नही है, बैंक के लिए कर्ज का ब्याज भी देना अभी उनके लिए मुश्किल है. शासन की ओर से भी कोई मदत इन व्यक्तियों को नहीं ंमिली.
मनपा ने बकाया प्रॉपर्टी टैक्स वसूली के लिए जानेवारी 2022 में अभय योजना लाकर थोड़ी राहत दी थी. ब्याज कम करने से बकाया वसूली भी मनपा की हुई थी. मनपा ने फिर से बकाया वसूली के लिए अभय योजना शुरु करना चाहिए. कोरोना व ऑनलाइन व्यवसाय के कारण शहर के व्यापार की हालत बेहत बिकट है, नाजुक आर्थिक हालात को देखते हुए मनपा संपति कर वृद्धि को रोके. उसी प्रकार किराये पर दी जाने वाली व्यावसायीक प्रॉपर्टी पर अभी 56 प्रतिशत टैक्स लगता है, 18 प्रतिशत जीएसटी, 10 प्रतिशत आयकर टीडीएस, 5 प्रतिशत जीएसटी का टीडीएस, लगता है. करीब 89 प्रतिशत टैक्स प्रॉपर्टी मालिक से वसूला जाता है.
बड़े टैक्स दरो से प्रॉपर्टी किराये से जाती ही नहीं, वो खाली रही, भारी टैक्स के कारण से कई प्रॉपर्टी शहर में खाली पडी है, उससे मनपा व प्रॉपर्टी मालक दोनों का भारी नुकसान होता है, फिर इस भारी टैक्स से बचत के लिए किराए का करार व मेन्टेनेन्स करार ऐसे दो अलग अलग करार मज़बूरी में बनाये जाते है. इसलिए मनपाने औरंगाबाद व नागपुर मनपा जैसी टैक्स प्रणाली अपनानी चाहिए. जिससे प्रॉपर्टी मालिक को रिलीफ तो मिलेगा ही व मनपा की आय भी बढ़ेगी. इस संदर्भ में मनपा को पहले भी हमने व क्रेडाई ने निवेदन देकर औरंगाबाद, नागपुर मनपा की उपयुक्त कर प्रणाली की कॉपी मनपा कार्यालय को दी है. बकाया संपत्तिकर पर लगने वाले टैक्स पर अभी 2 प्रतिशत ब्याज वसूला जाता है, सभी बैंकों ने ब्याज दर कई सालों से प्रतिमाह 1 प्रतिशत से भी कम किया है, मनपा की ब्याज दर प्रतिमाह 1 प्रतिशत करे, जिससे वसूली जल्द होगी व नागरिकों को थोड़ी राहत भी मिलेगी.
महानगर चेम्बर अध्यक्ष सुरेश जैन की ओर से मनपा आयुक्त को निवेदन देते वक़्त प्रकाश बोके, अतुल कलमकर, बकुल कक्कड़, सूदीप जैन, महेश पिंजानी, अर्जुन चांदवानी, ओमप्रकाश खेमचंदानी, शैलेश वानखड़े, सारंग राउत, सुरेंद्र पोफली, पप्पू गगलानी, हरीश सुंदरानी उपस्थित थे. मनपा आयुक्त ने हमारे सभी मुद्दों को ध्यान से सुना, उन्होंने टैक्स वृद्धि क्यों की इस बारे में भी हमें बताया कि, पिछले 20 से 22 साल से टैक्स वृद्धि नहीं की है, मनपा के खर्चे बढ़े, लेकिन आय नहीं बढ़ी जिससे यह वृद्धि करनी पड़ी ऐसा उन्होंने बताया, साथ ही ज्ञापन पर योग्य निर्णय लेने का आश्वासन भी उपस्थितों को दिया.