अमरावती

टीकाकरण केंद्र या संक्रमण केंद्र?

सुबह 4 बजे से लग रही कतार

  • फिजीकल डिस्टंसिंग का सर्वथा अभाव

  • भीड की वजह से बढ रहा संक्रमण का खतरा

अमरावती/दि.13 – इन दिनों जिले के सभी टीकाकरण केंद्रों पर रोजाना सुबह 4 बजे से कोविड वैक्सीन का टीका लगवाने हेतु कतारें लग रही है और अधिकांश केंद्रों पर सैंकडों नागरिकोें द्वारा की जानेवाली भीडभाड की वजह से फिजीकल डिस्टंसिंग के नियम का खुलेआम उल्लंघन हो रहा है. ऐसे में कहा जा सकता है कि, टीकाकरण केंद्र अब कोविड संक्रमण केंद्र बनते जा रहे है.
कोविड संक्रमण पर प्रभावी उपाय के तौर पर 18 वर्ष से अधिक आयुगुटवाले हर एक नागरिक को कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन लगाया जाना बेहद जरूरी है. किंतु विगत कुछ दिनों से सभी वैक्सीनेशन केंद्रों पर नियोजन का बडे पैमाने पर अभाव देखा जा रहा है. जिसकी वजह से इन केंद्रोें पर वैक्सीन लगवाने के इच्छुक नागरिकों की अनावश्यक भीडभाड बढती जा रही है. शहरी केंद्रों पर भीड बढने की वजह से कई लोग अब ग्रामीण क्षेत्र के टीकाकरण केंद्रों की ओर दौड लगा रहे है. ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के केंद्रोें पर भी अच्छीखासी भीडभाड और लंबी-लंबी कतारें देखी जा रही है. जहां पर लोगों द्वारा निश्चित शारीरिक दूरी यानी फिजीकल डिस्टंसिंग के नियम का कतई ध्यान नहीं रखा जा रहा. ऐसे में इस भीडभाड में यदि कोई व्यक्ति एसिम्टोमैटिक कोविड पॉजीटीव रहा, तो उसकी वजह से अन्य लोगों को संक्रमित होने का खतरा हो सकता है.
बता दें कि, इस समय मनपा क्षेत्र में 18 व ग्रामीण क्षेत्र में 117 केंद्रों पर पांच अलग-अलग चरणों में कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन का टीका लगाया जा रहा है. जिसमें अब तक 3 लाख 52 हजार 407 नागरिकों का टीकाकरण हो चुका है. 26 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण अभियान के तहत पहले दो चरणों में हेल्थ केयर वर्कर्स तथा फ्रंट लाईन वर्कर्स को कोविड प्रतिबंधात्मक वैक्सीन का टीका लगाया गया. इस दौरान करीब 62 हजार 315 लाभार्थियों ने यह वैक्सीन लगवायी. उस समय जिले में केवल 20 से 22 टीकाकरण केंद्र शुरू किये गये थे. किंतु इसके बावजूद कहीं पर कोई भीडभाड या कतारवाला दृश्य दिखाई नहीं देता था. पश्चात 60 वर्ष से अधिक आयुवाले नागरिकों सहित 40 वर्ष से अधिक आयुवाले बीमार नागरिकों को कोविड वैक्सीन का प्रतिबंधात्मक टीका लगाये जाने की शुरूआत की गई. इस हेतु जिले में कुछ नये टीकाकरण केंद्र भी शुरू किये गये. साथ ही कुछ समय बाद 45 वर्ष से अधिक आयुवाले सभी नागरिकों को वैक्सीन लगाने का काम शुरू किया गया. जिससे टीकाकरण केंद्रों की संख्या बढाने के बावजूद भी सभी केंद्रों पर भीडभाड बढने लगी. वहीं अब 18 से 44 वर्ष आयुगुटवाले नागरिकों का भी टीकाकरण शुरू किया गया है. हालांकि इस आयुगुट के लिए कुछ स्वतंत्र केंद्र तैयार किये गये है और इस आयुगुट के लिए ऑनलाईन पंजीयन व अपाइंटमेंट को आवश्यक किया गया है. ऐसे में इन केंद्रोें पर कोई खास भीडभाड नहीं है. वहीं ऑनलाईन पंजीयन के लिए कोविन ऍप व पोर्टल पर लिंक भी शुरू नहीं होती. बल्कि केंद्र के पर्याय पर क्लिक करने से पहले ही सभी वैक्सीन बुक दिखाई देती है. वहीं ऑनलाईन पंजीयन दुुबारा कब शुरू होगा, इसकी पूर्व सूचना भी नहीं दी जाती. ऐसे में 18 से 44 वर्ष आयुगुटवाले लाभार्थियों के लिए शुरू किये गये केंद्रों पर कोई विशेष भीड नहीं दिखाई देती, लेकिन इस समय पहले से कार्यरत टीकाकरण केंद्रों पर 45 वर्ष से अधिक आयुवाले नागरिकों की पहला व दूसरा डोज लेने के लिए अच्छीखासी भीडभाड है, क्योंकि इस आयुगुट के नागरिकों की स्पॉट बुकींग करते हुए उन्हेें वैक्सीन लगवायी जा रही है. साथ ही इस समय इस आयुगुट के नागरिकों का वैक्सीनेशन करने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. ऐसे में इस आयुगुट के लोगों की सभी टीकाकरण केंद्रों पर जबर्दस्त भीडभाड है.

रैंडम सर्वे में दो प्रतिशत पॉजीटीव

जिले में इससे पहले चुनावी कार्य में नियुक्त 10 हजार से अधिक कर्मचारियों की कोविड टेस्ट की गई थी. साथ ही संचारबंदी के दौरान रास्तों पर बिना वजह घूमनेवाले नागरिकों को पकडकर कोविड टेस्ट की जा रही है. इन दोनों टेस्टिंग में 2 से 3 प्रतिशत लोगों की रिपोर्ट पॉजीटीव आयी है. ऐसे में टीकाकरण के लिए जमा होनेवाले सैंकडों नागरिकों में से कुछ लोग निश्चित तौर पर कोविड संक्रमित हो सकते है. इस बात को ध्यान में रखते हुए सभी टीकाकरण केंद्रों पर फिजीकल डिस्टंसिंग का पालन करना बेहद अनिवार्य है. किंतु किसी भी टीकाकरण केंद्र पर इस नियम का पालन होता दिखाई नहीं दे रहा.

दिव्यांगों सहित बुजुर्गों को हो रही परेशानी

सभी टीकाकरण केंद्रों पर दिव्यांगों सहित वयोवृध्द नागरिकों को काफी परेशानियों व दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. अधिकांश केंद्रों पर प्रसाधन गृह, पेयजल व छाव की सुविधा नहीं है. ऐसे में लोगबाग खुले आसमान के नीचे कडी धूप में कतार लगाकर खडे रहते है और यदि कहीं थोडी सी छाव मिलती है, तो वहां एक-दूसरे के एकदम पास खडे रहकर छाव में रहने का प्रयास करते है. टीकाकरण केंद्रों पर भीड कुछ अधिक हो जाने के बाद व्यवस्था संभालने हेतु पुलिस को बुलाया जाता है. इसके अलावा सभी टीकाकरण केंद्रों पर महिलाओं को भी अच्छीखासी दिक्कतों का सामना करना पडता है.

भीड कम होने के बाद टोकन वितरण

टीकाकरण केंद्रों पर भीड कम करने के लिए उपलब्ध वैक्सीन के प्रमाण में नागरिकों को टोकन का वितरण किया जाता है. ऐसे में वैक्सीन खत्म हो गई, ऐसा मानकर कई नागरिक टीकाकरण केंद्रों से अपने घर लौट जाते है. पश्चात भीड कम होने पर दुबारा टोकन वितरित करने के मामले कई केंद्रों पर सामने आये है. यह एक तरह से कई घंटों तक कतार में खडे रहने के बाद निराश होकर घर लौटनेवाले नागरिकों के साथ अन्याय है. साथ ही अब यह सवाल भी पूछा जा रहा है कि, भीड छटने के बाद दुबारा वितरित किये जानेवाले टोकन किन लोगों के लिए होते है.

  • इस समय दोनों आयुगुटवाले लोगोें के लिए पहला डोज तथा 45 वर्ष से अधिक आयुवाले लाभार्थियों हेतु पहले के साथ ही दूसरा डोज लगाने का नियोजन किया गया है. जिन लोगों का पंजीयन नहीं हुआ है, उन्होंने बिना वजह टीकाकरण केंद्रों पर भीडभाड नहीं करनी चाहिए. इससे भी कोविड संक्रमण फैलने का खतरा होता है.
    – शैलेश नवाल
    जिलाधीश, अमरावती

अब तक हुआ टीकाकरण

हेल्थ केयर वर्कर्स – 30,557
फ्रंट लाईन वर्कर्स – 31,719
18 से 44 वर्ष – 18,380
45 से 59 वर्ष – 1,09,280
60 वर्ष से अधिक – 1,62,499

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