अमरावती / दि. 20-आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर जिले में ‘चला जानु या नदिला’अभियान चलाया जा रहा है. निवासी उपजिलाधीश विवेक घोड़के ने सोमवार को यहां निर्देशित किया कि यह अभियान नदियों के पुनर्जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है और सभी विभाग इस अभियान को समन्वित एवं प्रभावी ढंग से चलायें.
वे अभियान के अनुरूप योजना व कार्यों की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में बोल रहे थे. बैठक में डॉ. सुमंत पाण्डेय, नरेंद्र चुग, डॉ. प्रवीण महाजन, रमाकांत कुलकर्णी राज्य समिति के गैर सरकारी सदस्य हैं, साथ ही समन्वयक अरविंद नलकंडे, सुनील रहाणे, ब्रम्हानंद कुलकर्णी, गजानन काले, अभियान के सदस्य सचिव सहायक वन संरक्षक लीना आदे, जिला योजना अधिकारी अभिजीत म्हस्के, जिला जल संरक्षण अधिकारी दिलीप निपाने, जिला सूचना अधिकारी हर्षवर्धन पवार आदि मौजूद रहे. विवेक घोडके ने कहा कि जिले की खोलाड, पिंगलाई और चंद्रभागा इन तीन नदियों को इसमें शामिल किया गया है. आवश्यकता के अनुसार अन्य नदियों को भी सम्मिलित किया जाना चाहिए. मिशन के अनुरूप प्रशासनिक स्तर पर आवश्यक कार्यों की स्वीकृति एवं आगे की योजना पूर्ण की जाए. तकनीकी दिक्कतों को दूर करने के प्रयास किए जाएं और काम कैसे आगे बढ़ेगा. चूंकि नदियों में प्रदूषण, अतिक्रमण, बाढ़ आदि को रोककर पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए यह कार्य बहुत महत्वपूर्ण है, इस संबंध में कार्रवाई में तेजी लाई जानी चाहिए.
इस मौके पर राज्य समिति के विभिन्न सदस्यों ने अभियान के संबंध में अधिकारियों से चर्चा की. अभियान में नदी संवाद यात्रा, नदी साक्षरता में वृद्धि, नदी तट, प्रवाह, जैव विविधता के बारे में जागरूकता, नदी तल मानचित्र, बाढ़ रेखा, वाटरशेड मानचित्र, मिट्टी का कटाव, बाढ़ और सूखा, साथ ही अतिक्रमण के तीन मुख्य कारणों का अध्ययन, शोषण और प्रदूषण और उसके प्रभाव आदि कार्यों की अपेक्षा है. इस संबंध में विभिन्न सदस्यों ने सुझाव दिया कि सिस्टम को इन कार्यों में तेजी लानी चाहिए.