भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण पारंपरिक साडियों का चलन बढा
दीपावली पर्व पर पारंपरिक वस्त्र बने पहली पंसद
अमरावती/दि.१७ – भारतीय संस्कृति में महत्वपूर्ण स्थान रखने वाली व संस्कृति और पंरपरा का प्रदर्शन करने वाली साडी का महत्वपूर्ण स्थान है. दशहरा, दीपावली के पर्व पर विविध वस्त्रों की मांग ग्राहकों द्वारा की जाती है. जिसमें ग्राहकों में पारंपरिक पोषाकों को अपनी पहली पसंद बनाया. महिलाओं ने फैशन के साथ पारंपरिक पोषकों को भी प्राध्यन्यता दी.
उसी प्रकार युवतियों ने गाउन, कुर्ती, ब्लाउज, वनपीस तथा आधुनिक फैशन की टीशर्ट, जीन्स पसंद की साथ ही परंपरागत वस्त्रों को भी प्राधन्यता दी. पारंपरिक साडियों के साथ महिलाओं ने आधुनिक पद्धति से कृत्रिम धागों से बनी विदेशी डिजाइनर साडियां, ड्रेस मटेरियल, सलवारसूट, अनारकली, गाउन, कुर्ती, लेगिज, प्लाजो, स्कर्ट, फ्रॉक स्टाइल व जैकेट स्टाइल कुर्ता आदि की जमकर खरीदी की. अनलॉक के पश्चात दीपावली में नई फैशन का माल आने की वजह से ग्राहकों की भीड बढी. जिसमें साडियों से लेकर अन्य पारंपरिक वस्त्रों को भी ग्राहकों ने पसंद किया.