* अमरावती मध्यवर्ति बस स्थानक की इमारत हुई जर्जर
अमरावती/दि.21– अमरावती बसस्थानक की इमारत जर्जर हो गई है. इमारत के निर्माण को 49 साल होने से इसकी डेडलाइन खत्म हो गई है. दिन ब दिन यात्रियों की बढती संख्या और अन्य दिक्कतों को देखते हुए रापनि के विभागीय नियंत्रक कार्यालय ने यहां पर नई इमारत के निर्माण के लिए करीब 15 करोड 21 लाख रुपए की निधि को प्रशासकीय मंजूरी दी है. लेकिन इस निधि से बसस्थानक का नए से निर्माणकार्य पूरा नहीं हो सकता. इसलिए विभाग नियंत्रक कार्यालय ने वरिष्ठ सतर पर 25 करोड रुपए का सुधारित प्रस्ताव पेश किया है.
वर्तमान में एक हेक्टेयर जगह पर बसस्थानक का कामकाज चल रहा है. इसमें बसस्थानक में छोटे काम के लिए कार्यशाला तथा डिपो प्रबंधक का कार्यालय, डिजल पंप, चालक-वाहकों के लिए विश्रामगृह का समावेश है. इनमें से बसस्थानक के लिए 60 हजार स्क्वेअर फूट जगह है. इसमें केवल 10 प्लेटफार्म है. वह भी अपर्याप्त है.
परिणामस्वरूप यात्रियों को भीड के समय असुविधा का सामना करना पडता है. इसके अलावा बसस्थानक के छत की भी बार-बार मरम्मत करना पड रहा है. इस स्थिति को देखते हुए साल 2023-24 में राज्य के अन्य कुछ बसस्थानकों के साथ अमरावती बसस्थानक के निर्माणकार्य के लिए 15.21 करोड रुपए की निधि को प्रशासकीय मंजूरी मिली है. लेकिन फिलहाल उपलब्ध उतनी ही जगह पर नया बसस्थानक तैयार कर विशेष लाभ नहीं होगा. इसलिए 15.21 करोड के बजाय 25 करोड रुपए निधि मिलने पर उसी स्थान पर संपूर्ण जगह बसस्थानक के लिए उपयोग में लाकर भव्य बसस्थानक साकार हो सकता है. इसके तहत सुधारित प्रस्ताव भेजा है. इस प्रस्ताव नुसार बसस्थानक के सामने से 10, पिछले साइड से तथा ग्रामीण क्षेत्र में जानेवाली बसों के लिए स्वतंत्र पांच ऐसे कुल 25 फलाट प्रस्तावित किए है. यह प्रस्ताव भेजा गया है. जिसे अब तक मंजूरी नहीं मिली है. प्रस्ताव को शासन स्तर पर मंजूरी मिलने पर अमरावती बसस्थानक का कायाकल्प बदलेगा.
1 लाख स्क्वेअर फूट जगह
मध्यवर्ति बसस्थानक एक लाख स्क्वेअर फूट जगह में साकार किया जाएगा. इसलिए वर्तमान में वहां पर स्थित डिपो प्रबंधक कार्यालय तथा अस्थायी कार्यशाला मध्यवर्ति बसस्थानक के बजाय तपोवन कार्यशाला परिसर में स्थलांतरित करनी होगी. इस वर्कशॉप में निर्माण कार्य करना पडेगा. संपूर्ण निर्माण कार्य का खर्च तथा निर्माणकार्य दौरान अस्थाई बसस्थानक जिस स्थान पर रहेगा, वहां के काम के लिए लगनेवाले खर्च को देखते हुए 25 करोड रुपए का सुधारित प्रस्ताव भेजा गया है, यह जानकारी विभाग नियंत्रक नीलेश बेलसरे ने दी.