अमरावती

हवा की गुणवत्ता में हुआ सुधार

एएक्यूएम की रिपोर्ट

प्रतिनिधि/दि.२३
अमरावती-कोविड-१९ की वजह से घोषित किए गए लॉकडाउन का असर हवा की गुणवत्ता पर हुआ है. इस लॉकडाउन की वजह से औद्योगिक व वाणिज्य क्षेत्रों में होने वाले प्रदुषण का स्तर भी घट गया है. एनओएक्स, एसओटू व आरएसपीएम के स्तर में भी बडे पैमाने पर सुधारणा होने की रिपोर्ट एएक्यूएम ने दी है. यहां बता दे कि हाल की घडी में शहर में मूलभूत सुविधाओं पर काम चल रहा है. जिसे आरएसपीएम (रेस्पिरेटरी सस्पेंडेड पर्टीक्यूलेट मेटर) में कुछ प्रमाण में बढोत्तरी होते हुए दिखायी दे रही है. बावजूद इसके भविष्य में यह काम पूरा होने पर यह प्रमाण पुन: कम होने की जानकारी रिपोर्ट में दी गई है. मनपा के पर्यावरण विभाग ने श्रीशिवाजी विज्ञान महाविद्यालय को प्रदूषण नियामक मंडल की ओर से यह आंकडेवारी प्राप्त की है. जिसके अनुसार एक रिपोर्ट तैयार कर सभागृह के सामने रखी गई थी. एएक्यूएम के सालाना वायू प्रदूषण की रिपोर्ट के अनुसार आवासीय क्षेत्र का एनओएक्स का प्रमाण १३.५ व एसओटू ११.१८ पाया गया है. यह प्रमण प्रदूषण स्तर से ८० फीसदी से भी कम है व आरएसपीएम का प्रमाण ६९.६४ है. यह प्रमाण १०० से कम पाया गया है. वर्ष २०१८-१९ में यह प्रमाण ७४.७१ था. औद्योगिक क्षेत्र में एमओएक्स का प्रमाण १३.८३ व एसओटू का प्रमाण १२.२८ था. प्रदूषण स्तर से यह प्रमाण कम है. आरएसपीएम का प्रमाण ८५.८३ पाया गया है. यह ज्यादा होने पर भी बीते वर्ष का प्रमाण १०८.९१ था. व्यापारी क्षेत्र में एनओएक्स का प्रमाण १४.७१ व एसओटू का प्रमाण १३.४१ है. यह प्रदूषण स्तर से कम है. आरएसपीएम का प्रमाण ९३.३० है. जबकि बीते वर्ष यह प्रमाण ११८.७६ से भी कम था.

पुलिस को कार्रवाई करने के अधिकार
शहर में ध्वनी प्रदूषण के संदर्भ में शिकायत मिलने पर कार्रवाई करने का अधिकार पुलिस विभाग को दिया गया है. शैक्षणिक संस्था, अस्पताल, न्यायालय कुल ५८१ क्षेत्रों को शांतता क्षेत्र घोषित किया गया है. यह जानकारी मनपा के पर्यावरण अधिकारी महेश देशमुख ने दी.

आवासीय क्षेत्र में आरएसपीएम का प्रमाण औसतन ६५.५०यानि निर्धारित स्तर से भी कम के अलावा एनओएक्स १२.७० व एसओटी का प्रमाण १२.१५ यानि अनुज्ञेय प्रमाण ८० से भी कम है.
बॉक्स
औद्योगिक क्षेत्र में आरएसपीएम का प्रमाण ८७.७ यानि अनुज्ञेय स्तर से कम के अलावा एबओएक्स १२.४० व एसओटू का प्रमाण १२.६८ यह अनुज्ञेय स्तर से ८० फीसदी कम है.

व्यापारी क्षेत्र में आरएसपीएम का प्रमाण ८९.१५ से ज्यादा है. इसके अलावा एनओएक्स ११.९० व एसओटू काप्रमाण १२.५ अनुज्ञेय स्तर से ८० फीसदी से कम है.

घन कचरे का किया जा रहा प्रबंधन
सूकली कंपोस्ट डेपा, अकोली बायपास व कौंण्डेश्वर मार्ग पर बडनेरा में घनकचरा प्रबंध प्रकल्प तैयार किया गया है. इसके लिए ३८ करोड रुपयों का निधी अपेक्षित है. शहर के दैनिक घनकचरे पर यहां पर विकेंद्रीत पद्धति से प्रक्रिया की जाएगी.

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