अमरावती

महावितरण बिल प्रक्रिया में हो रहा सुधार

मीटर के अस्पष्ट फोटो का प्रमाण केवल डेढ प्रतिशत

अमरावती/दि.23- ग्राहकों को बिजली का बिल समय पर मिले इसलिए महावितरण व्दारा चलाए गए अभियान को सफलता मिल रही है. पिछले 6 महिने से बिजली मीटर के फोटो अस्पष्ट रुप से दिखाई देने का प्रमाण 2 प्रतिशत से कम हुआ है. जनवरी माह में वह डेढ प्रतिशत तक पहुंच गया है. परिणामस्वरुप ग्राहकों की बिजली बिल बाबत शिकायतें भी कमी हो गई है, ऐसी जानकारी महावितरण के अध्यक्ष व व्यवस्थापकीय संचालक विजय सिंघल ने दी.
महाविरतण व्दारा ग्राहकों के मीटर की प्रति माह फोटो निकाले जाते है और उस आधार पर बिजली इस्तेमाल की आंकडेवारी दर्ज की जाती है. उसी के मुताबिक ग्राहकों को बिजली के बिल दिए जाते है. मीटर सदोष रहा अथवा बंद रहा और इसके अलावा घर को ताला रहने पर मीटर रिडिंग करते नहीं आ सकेगा. मीटर का पैनल स्पष्ट दिखाई नहीं दिया अथवा मीटर का फोटो अस्पष्ट रहा तो औसतन बिजली बिल दिया जाता है. मीटर के फोटो अस्पष्ट रहने से ग्राहकों को अचूक बिजली बिल दिए जाते है. इस कारण उनकी शिकायतें कम होती है और महावितरण के राजस्व में भी बढोतरी होती है. इसीलिए कंपनी ने अभियान चलाया है. इसी वजह से एक समय 46 प्रतिशत पर रहे मीटर के अस्पष्ट फोेटो का प्रमाण काफी कम हो गया है. गत अगस्त माह में यह प्रमाण 2.3 प्रतिशत था. लेकिन महावितरण के कर्मियों व्दारा किए गए प्रयासों के कारण जनवरी माह में यह प्रमाण डेढ प्रतिशत हुआ है. राज्य में सामान्य बिजली बिल का प्रमाण 89.8 प्रतिशत अधिक हुआ है. मीटर के अस्पष्ट फोेटो के बाबत भी परिमंडल का काम अच्छा है. पुणे, बारामती, अमरावती, जलगांव व नांदेड परिमंडल में बिजली मीटर के अस्पष्ट फोटो का प्रमाण एक से डेढ प्रतिशत है. मीटर के अस्पष्ट फोटो का प्रमाण कम करने में विविध परिमंडल के काम अलग-अलग है. बिजली ग्राहकों को अचूक बिजली बिल मिले और उनके बिल की कोई शिकायत न रहे इसके लिए महावितरण लगातार प्रयास कर रहा है. बिजली ग्राहकों को भी समय पर व नियमित बिल अदा कर सहयोग करने का आवाहन किया गया है.

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