* अगली सुनवाई 16 मार्च को
* 10 दिन के भीतर पुलिस को देना होगा ‘से’
अमरावती/दि.4– दंगा भडकाने व जानलेवा हमला करने जैसे मामलों को लेकर संगीन धाराओं के तहत नामजद मुस्लिम यूथ लीग के प्रदेशाध्यक्ष व पूर्व पार्षद इमरान अशरफी को विगत बुधवार को अमरावती शहर व जिले से दो वर्ष के लिए तडीपार कर दिया गया था. पश्चात नागपुरी गेट पुलिस थाने के पथक द्वारा इमरान अशरफी को अकोला ले जाकर छोडा गया था. जिसके तुरंत बाद इमरान अशरफी की ओर से संभागीय राजस्व आयुक्त के समक्ष अपील दायर की गई. जहां पर हुई सुनवाई के बाद संभागीय राजस्व आयुक्त ने इमरान अशरफी को राहत प्रदान करते हुए इस तडीपारी पर स्थगनादेश जारी किया. साथ ही मामले की अगली सुनवाई हेतु 16 मार्च की तारीख मुकर्रर करते हुए इस संदर्भ में अमरावती शहर पुलिस को आगामी 10 दिनों के भीतर अपना जवाब पेश करने हेतु कहा गया है.
बता दें कि, पूर्व पार्षद इमरान अशरफी के खिलाफ विगत वर्ष 12 नवंबर को अमरावती शहर में बिना किसी पूर्व अनुमति के मुस्लिम समाज का मोर्चा निकालने तथा लोगों की धार्मिक भावनाओं को भडकाने के संदर्भ में तीन मामले दर्ज किये गये थे. इसके साथ ही एक व्यक्ति पर हुए जानलेवा हमले को लेकर इमरान अशरफी के खिलाफ धारा 307 के तहत हत्या के प्रयास का मामला भी दर्ज किया गया था. चूंकि चारों ही मामले बेहद संगीन धाराओं के तहत दर्ज हुए थे और आगामी समय में होनेवाले मनपा चुनाव को देखते हुए शहर पुलिस ने पूर्व पार्षद इमरान अशरफी की तडीपारी का प्रस्ताव तैयार करते हुए उसे मंजूरी दी, ताकि इमरान अशरफी द्वारा चुनाव प्रक्रिया के दौरान कानून व व्यवस्था को लेकर किसी तरह की कोई दिक्कत पैदा न की जा सके. किंतु इसके खिलाफ दायर याचिका में संभागीय आयुक्त को बताया गया कि, शहर में 12 नवंबर को निकाले गये मोर्चे से इमरान अशरफी का कोई संबंध नहीं था. साथ ही जिस व्यक्ति पर हुए जानलेवा हमले को लेकर धारा 307 के तहत अपराध दर्ज किया गया है. खुद उस व्यक्ति ने पुलिस को दिये गये अपने बयान में साफ तौर पर कहा है कि, उस पर हुए हमले में इमरान अशरफी का कोई संबंध नहीं है. ऐसे में इमरान अशरफी को तडीपार किये जाने की कार्रवाई गलत है. इस मामले को लेकर इमरान अशरफी की ओर से संभागीय आयुक्त के समक्ष एड. नासीर शाह, एड. शोएब खान, एड. शब्बीर हुसैन व एड. जावेद आलम ने पैरवी की.