गुस्से में उसने जहर गटका, डॉक्टरों ने उसे मौत से बाहर निकाला
इर्विन के डॉक्टरों के अथक प्रयास, 8 दिन वेंटिलेटर का सपोर्ट
अमरावती /दि. 15– जिला अस्पताल में बेहोशी की हालत में भर्ती हुए 32 वर्षीय युवक को नया जीवनदान मिला है. भर्ती हुए मरीज की हालत किस कारण बिगडी यह पता न रहते डॉक्टरों ने इस युवक को बचाने के लिए अथक प्रयास किए. करीबन 8 दिन तक यह युवक आईसीयू में वेंटिलेटर के सपोर्ट पर था. लेकिन आखिरकार संबंधित मरीज को मौत के मुंह से बाहर निकालने में डॉक्टरों को सफलता मिली. मरीज होश में आने के बाद उसने गुस्से में जहर गटका रहने की जानकारी डॉक्टरों को दी.
जिला अस्पताल में हर दिन सैकडों मरीज गंभीर अवस्था में भर्ती होते रहते है. उन्हें बचाने के लिए स्वास्थ विभाग अथक प्रयास करता है. इसी तरह 6 जनवरी को जिला अस्पताल में आर्वी उपजिला अस्पताल से गंभीर अवस्था में खडकी ग्राम निवासी राजकुमार भेलावे 32 नामक युवक को भर्ती किया गया था. इर्विन में यह युवक बेहोशी हालत में भर्ती हुआ था. डॉक्टरों के कहे मुताबिक उसके पल्स नहीं चल रहे थे. सांस लेना भी बंद हो गया था. ऐसे समय उसे सीपीआर दिया गया. साथ ही उसे तत्काल आईसीयू विभाग में वेंटिलेटर सपोर्ट दिया गया. लेकिन मरीज की हालत किस कारण खराब हुई, इसकी जानकारी युवक के माता-पिता को भी नहीं थी. इस कारण डॉक्टरों को भी उपचार करने में दुविधा आ रही थी. ऐसी परिस्थिति में भी डॉ. स्वप्नील चव्हाण ने अपना उपचार शुरु रखा. आठ दिन यह युवक आईसीयू में भर्ती रहा. आखिरकार रविवार को यह मरीज होश में आने से डॉक्टरों के प्रयास सफल हुए. सीएस डॉ. दिलीप सौंदले, फिजिशियन डॉ. प्रीति मोरे के मार्गदर्शन में राजकुमार भेलावे पर उपचार जारी है.
* डॉक्टर मेरे लिए देवदूत
मैने गुस्से में 6 जनवरी को घर पर कोई सदस्य न रहते जहर गटक लिया था. कुछ समय बाद मेरे पिता जब घर लौटे तब मैं दरवाजे के सामने गिरा पडा था. उन्होंने मुझे आर्वी के अस्पताल में भर्ती किया. लेकिन वहां से जिला अस्पताल रेफर किया गया. इर्विन के डॉक्टरों ने मुझे बचाने के लिए किए अथक प्रयासो के कारण ही मुझे नया जीवनदान मिला है. डॉक्टर मेरे लिए देवदूत साबित होने की जानकारी राजकुमार भेलावे ने दी.