नागरिकों का स्वास्थ्य धोखे में
अंजनगांव सुर्जी/दि.24- तहसील सहित शहर के अनेक भागों में बिना परवाना मिनरल वॉचर के नाम पर साधे पानी की बिक्री शुरु है. जिसके चलते नागरिक पैसे गिनकर बीमारी तो खरीद नहीं रहे ना? ऐसा प्रश्न निर्माण हुआ है. सिर्फ नफा कमाने के लिए शहर में शुद्ध पानी के नाम पर काला धंधा तेजी से शुरु है.
शहर व ग्रामीण में अनेक भागों में बगैर परवाना विक्रेता मिनरल वॉठर के नाम पर साधा पानी बेच रहे हैं. अन्न व औषधि प्रशासन विभाग इससे अनभिज्ञ होने की बात कहकर कार्रवाई के लिए आगे नहीं आ रहे. इस बात का ही गैर फायदा यह पानी विक्रेता ले रहे हैं. 90 प्रतिशत बीमारी यह अशुद्ध पानी से होती है. ऐसा डॉक्टरों का कहना है. इसलिए घर से बाहर,वहीं यात्रा करते समय प्रत्येक लोग पानी की तलाश में रहते हैं. इसके लिए बोतल के लिए 20 से 30 रुपए गिनने पड़ते है.लेकिन पैसे देने के बावदूद उसे अशुद्ध पानी पीना पड़ रहा है. परिसर में अनेक स्थानों पर बोतल बंद व कैन से पीने का पानी देने वाले प्रतिष्ठान गली-गली में शुरु किए गए हैं. शहर व ग्रामीण भाग में करीबन 50 से अधिक बिना परवाना पानी विक्रेता है. इस व्यवसाय में कम निवेश कर मिलने वाले प्रचंड नफे के कारण अनधिकृत कंपनियों क संख्या हर रोज बढ़ रही है. सीधे 20 रुपए प्रलि बोतल दर से पानी बेचने वाली यह कंपनियां एक बोतल के पीछे सिर्फ एकसे दो रुपए खर्च कती है. 20 लीटर की पानी की कैन 25 रुपए में बेच रहे हैं. जिसके पीछे 20 रुपए का सीधा नफा वे कमाते है. बावजूद एक लीटर पानी की बोतल की प्लास्टिक की जांच न किए जाने से पानी की शुद्धता पर भी प्रश्न कायम है. इस पानी की जांच नियमित नहीं होने से वह जानलेवा साबित होने की संभावना को नकारा नहीं जा सकता.
* जन्मदिन, विवाह समारोह में सीधे इस्तेमाल
जन्मदिन व विवाह समारोह में कैन का ठंडा पानी रखने की नई प्रथा शुरु हुई है. केवल 25 रुपए में 20 लिटर की पानी की कैन सहज उपलब्ध होने के कारण नागरिक यही पर्याय का इस्तेमाल करते हैं. ठंडा पानी मिलने के कोई भी उसीक शुद्धता के बारे में विचार नहीं करता. मात्र आरओ प्लांट की अनुमति लेकर वह पानी बेचा जाता है. इस पानी की किसी भी प्रकार की जांच न होने से नागरिकों के स्वास्थ्य को धोखा निर्माण हो सकता है.