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पिछडी बस्तियों व ग्रामीण क्षेत्रों में धडल्ले से होती है ब्राण्डेड के नाम पर नकली उत्पादों की बिक्री

ईनो की नकली खेप पकडे जाने से उजागर हुआ मामला

* अन्न व औषधी प्रशासन का मामले की ओर कोई ध्यान ही नहीं
अमरावती/दि.23- गत रोज अमरावती शहर में करीब ढाई लाख रूपये मूल्य का नकली ईनो पकडा गया. जब ईनो का उत्पादन करनेवाली जीएसके कंपनी की कॉपीराईट विंग ने स्थानीय अपराध शाखा पुलिस के साथ शहर के लक्ष्मीनगर परिसर में स्थित साक्षी ट्रेडर्स नामक दुकान पर छापा मारा और घनश्याम लालवानी नामक व्यापारी को पूछताछ हेतु अपनी हिरासत में लिया. मामले की जांच के दौरान पता चला कि, नकली ईनो का उत्पादन गुजरात में होता था. जहां से इसे बिक्री हेतु अमरावती लाया जाता था और साक्षी ट्रेडर्स नामक प्रतिष्ठान से शहर की पिछडी बस्तियों सहित ग्रामीण इलाकों में रहनेवाली छोटी-मोटी किराणा दुकानों में इस नकली ईनो की आपूर्ति की जाती थी. उल्लेखनीय है कि, ईनो का समावेश एक तरह से औषध उत्पादों में होता है, लेकिन इसकी बिक्री मेडिकल स्टोर्स के साथ-साथ किराणा दुकानों के जरिये भी होती है. इस बात का फायदा उठाते हुए हुबहू दिखाई देनेवाली पैकिंग में भरकर नकली ईनो की बिक्री करने का गोरखधंधा धडल्ले के साथ चल रहा था. जिसकी अन्न व औषधी प्रशासन को आज तक कभी कानोकान खबर भी नहीं लगी. जिसके चलते शहर में लाखों रूपये के ईनो की आवक चलती रहने के बावजूद भी अन्न व औषधी प्रशासन इससे पूरी तरह अनजान रहा.
यहां यह विशेष उल्लेखनीय है कि, इन दिनों शहर सहित जिले की कई फुटकर किराणा दुकानों में विक्स, बाम, आयोडेक्स जैसे औषधी गुणोंवाले उत्पादों की बेधडक बिक्री होती है. साथ ही ऐसे दुकानों के जरिये कई ब्राण्डेड कंपनियों के टूथपेस्ट, टूथपाउडर, हेअर ऑईल, शैम्पू, फेअरनेस क्रीम व चायपत्ती जैसे उत्पाद भी छोटी पैकिंग में बेचे जाते है. जिन्हें समाज के गरीब तबके से वास्ता रखनेवाले लोगों द्वारा खरीदा जाता है, लेकिन इन लोगों को किसी भी उत्पाद की क्वॉलीटी या गुणवत्ता के बारे में कोई खास जानकारी नहीं होती, बल्कि उन्हें केवल उत्पादों का नाम ही पता होता है. इस बात का फायदा उठाते हुए कई लोगों द्वारा ब्राण्डेड कंपनियों के नाम पर हुबहू पैकिंग के साथ नकली उत्पाद तैयार कियेे जाते है. जिन्हेें निचली व पिछडी बस्तियोें के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रहनेवाली फूटकर किराणा दुकानों के जरिये बेचा जाता है. चूंकि ऐसे दुकानदारों को भी इस तरह के उत्पादों पर असली उत्पादों की तुलना में मार्जीन ज्यादा मिलती है, तो वे भी नकली उत्पादों के वितरकों से ही माल खरीदते है. इस जरिये ग्राहकों तक नकली उत्पाद पहुंचते है, लेकिन आये दिन नियमों व निर्देशों के उल्लंघन को लेकर मेडिकल स्टोर्स पर छापामार कार्रवाई करनेवाले अन्न व औषधी प्रशासन विभाग का ध्यान आज तक इस बात की ओर गया ही नहीं. जिसे लेकर आश्चर्य जताया जा रहा है.

* लालवानी को समझपत्र पर मिली रिहाई
वही गत रोज ढाई लाख रूपये के नकली ईनो की खेप के साथ पूछताछ हेतु हिरासत में लिये गये घनश्याम लालवानी को गाडगेनगर पुलिस द्वारा देर रात समझ पत्र देते हुए रिहा कर दिया गया. साथ ही लालवानी से मिली जानकारी के आधार पर अब इस बात को लेकर जांच-पडताल चल रही है कि, शहर में और किन-किन नकली उत्पादों की बिक्री का गोरखधंधा चल रहा है.

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