लोकतंत्र में हमें बोलने और विचार व्यक्त करने का अधिकार प्राप्त
पत्रकार, लेखक संजय आवटे का प्रतिपादन
अमरावती प्रतिनिधि/ दि.११ – लोकतंत्र में हमें बोलने और विचार व्यक्त करने का अधिकार प्राप्त होता है. लेकिन कुछ वर्षो से लोकतंत्र की परिभाषा बदलती जा रही है. ऐसा प्रतिपादन पत्रकार लेखक संजय आवटे ने व्यक्त किया. वे स्थानीय शेगांव नाका स्थित अभियंता भवन में रविवार को शरद क्रीडा व सांस्कृतिक प्रतिष्ठान पुणे व युवा सांसद प्रतिष्ठान की ओर से जिजाउ महोत्सव के अवसर पर लोकतंत्र के सामने की चुनौतिया इस विषय पर आयोजित व्याख्यान माला में बोल रहे थे. इस उपलक्ष्य में किसान संगठन के वरिष्ठ कार्यकर्ता विजय विल्हेकर द्बारा लिखित आत्मकथा फकीर चे वैभव का मान्यवरों के हस्ते विमोचन किया गया.
पत्रकार संजय आवटे ने आगे कहा कि जिसे खोने का डर नहीं होता वह खुद में कुछ हटके करने की चाहत रखता है. देश के संविधान का निर्माण करते समय उसे किसी राजनीतिक दल को नहीं बल्कि देश की जनता को समर्पित किया गया. इस कारण संविधान में पहली लाइन हम भारतीय इस शब्द से शुरू होती है. खेती, शिक्षा और स्वास्थ्य यह बुनियादी जरूरते है. इस संबंध में अगर कोई कानून बनते है और हम उस पर मौन रहते है तो वह लोकतंत्र की नींव को हिलाता है. हमें लोकतंत्र में अपने विचार रखने की सहूलियत का इस्तेमाल करना ही चाहिए. विचारों के विरोधियों को विचारों का महत्व समझा है. लेकिन इनके अनुयायी आज भी विचारों से अनभिज्ञ है.
जिस प्रकार से हम कोरोना काल में लोकतंत्र को महसूस कर रहे है. आनेवाले समय में हमारे लिए विचारों की यह शिक्षा महंगी होेनेवाली है. जनता को सामूहिक सामंजस्य का इस्तेमाल करना होगा. मीडिया फिलहाल ऐसी गहरी नींद में जो जिसे ऐनेस्थितिया दिया हो इस प्रकार वह सुन हो चुकी है. लोकतंत्र में फेक न्यूज एक बडी चुनौती है. जिसके माध्यम से हम युवा वर्ग को उत्तेजित कर समाज की शांति भंग कर सकते है. इस प्रकार का प्रयास भविष्य में लोकतंत्र के लिए घातक साबित होगा. हमें समकालीन चुनौतियों को ध्यान मे ंरखते हुए काम करना होगा और उनसे लडने की तैयारी करनी होगी. यह देश गांधीजी का हो या गांधीजी के हत्यारे का. यह फैसला जनता को करना होगा. क्योंकि इसमें भी राजनीति है. समाज में गठित हर कार्य एक राजनीति है. केवल उसका इस्तेमाल लोकतंत्र में हो रहा है या नहीं. इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है.
अब लोकतंत्र को बचाने के लिए राजनीतिक अखाडा खुला होना चाहिए. राजनेता व जनप्रतिनिधि हमारे नौकर है. उन्हें इस बात का ऐहसास दिलाना होगा अन्यथा जिस प्रकार हम नेताओं को सिर पर चढा रहे है.आनेवाले समय में लोकतंत्र का देश में गला घोटा जायेगा और हुकुमत की सत्ता स्थापित होगी. इससे बचना है तो हमें बोलना होगा. अपने विचारों को व्यक्त कर उस पर अमल करने मजबूत करना होगा.
कार्यक्रम में पालकमंत्री एड. यशोमती ठाकुर की अध्यक्षता में प्रमुख वक्ता संजय आवटे, पूर्व महापौर विलास इंगोले, पूर्व मंत्री जगदीश गुप्ता, मनपा के नेता प्रतिपक्ष तथा कांग्रेस के शहराध्यक्ष बबलू शेखावत, पूर्व पार्षद प्रदीप बाजड, राजेन्द्र पाटिल, लेखक विजय विल्हेकर, डॉ. रवि भूषण, नानासाहब बोके, नितिन डहाके, दिलीप निंभोरकर, वामन जवंजाल, आनंद जवंजाल आदि प्रमुखता से उपस्थित थे.
कार्यक्रम की शुरूआत दीप प्रज्वलन तथा मां जिजाउ के प्रतिमा पूजन से की गई. इस अवसर पर सुपर स्पेशालिटी के के कोविड वार्ड की जिम्मेदारी संभालनेवाले डॉ. रवि भूषण का विशेष रूप से सत्कार किया गया. साथ ही शिवटेकडी की जिम्मेदारी संभालने वाले राजेन्द्र पाटिल को मां जिजाउ भूषण से सम्मानित किया. कांग्रेस के नवनियुक्त अध्यक्ष बबलू शेखावत तथा अभियंता भवन के संचालक वामन जवंजाल का शाल, श्रीफल व पुष्पगुच्छ देकर सत्कार किया गया.
कार्यक्रम की अध्यक्षा पालकमंत्री एड.यशोमती ठाकुर ने कहा कि हमारे आसपास क्या हो रहा है. इस पर ध्यान न दे. हमेशा देशहित में कार्य करते रहना चाहिए. क्योंकि कोई भी रंग आपके कर्मो का आकलन नहीं कर सकता. वह आपके जाने के लिए बाद भी जीवित रहते है. इसलिए समाज हित में कार्य करने का आवाहन उन्होंने किया. इस अवसर पर मान्यवरों ने समयोचित विचार व्यक्त किए. कार्यक्रम का संचालन व प्रस्तावना नितिन पत्रकार ने रखी. कार्यक्रम में बडी संख्या में नागरिक उपस्थित थे.