धारणी में महिला ने दिया एकसाथ 4 बेटियों को जन्म
मेलघाट के इतिहास में अपनी तरह की पहली घटना
धारणी/दि.12 – आदिवासी बहुल मेलघाट क्षेत्र में आज एक महिला ने अपनी तीसरी प्रसूति के दौरान एकसाथ 4 बच्चियों को जन्म दिया. जच्चा महिला सहित चारों नवजात बच्चियों का स्वास्थ्य पूरी तरह से ठीकठाक बताया गया है. साथ ही इस खबर के मिलते ही इस पर्वतीय क्षेत्र में एकसाथ जन्मी चारों बच्चियों को देखने की उत्सुकता भी चल रही है.
जानकारी के मुताबिक दुनीगांव निवासी मेहनत मजदूरी का काम करने वाले बलवंतसिंह उईके (34) की 24 वर्षीय पत्नी पपिता उईके को आज सुबह 9 बजे प्रसव पीडा होने के चलते उपजिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां पर सुबह 10.30 बजे उसकी सामान्य यानि नॉर्मल तरीके से प्रसूति हुई और इस महिला ने एक के बाद एक चार बच्चियों को जन्म दिया. यह देखकर प्रसूति करवाने वाले डॉक्टर व मेडिकल स्टॉफ भी हैरत में पड गए. क्योंकि यह उनके वैद्यकीय जीवन के लिहाज से भी पहला अनुभव था. इस संदर्भ में डॉ. दयाराम जावरकर ने बताया कि, जच्चा सहित चारों बच्चियां पूरी तरह स्वस्थ्य है. हालांकि यह डिलेवरी 9 माह का समय पूरा होने से एक सप्ताह पूर्व ही हुई है और बच्चियों का वजन भी कुछ हद तक कम है. ऐसे में चारों बच्चियों को चाईल्ड केयर यूनिट में रखकर उनका इलाज किया जा रहा है और चारों बच्चियां डॉ. शैलेश जिराफे व डॉ. प्रीति शेंद्रे की देखरेख में है. साथ ही पपिता उईके की डिलेवरी में आशा वर्कर वनमाला गिरी, एएनएम सुरेखा अडागले व जीएनएम अश्विरी गोरे ने सहयोग किया.
* 2 बार हुई थी सोनोग्राफी, दोनों बार बच्चे जुडवा रहने की बात आयी थी सामने
विशेष उल्लेखनीय है कि, एक साथ चार बच्चियों को जन्म देने वाली पपिता उईके की गर्भवती होने के बाद दो बार सोनोग्राफी करवाई गई थी. जिसके तहत 29 अप्रैल को वरुड में तथा 28 जून को धारणी के उपजिला अस्पताल में पपिता उईके की सोनोग्राफी की गई थी और दोनों ही बार उसकी सोनोग्राफी रिपोर्ट में बताया गया था कि, उसके गर्भ मेें दो यानि जुडवा बच्चे है. खास बात यह है कि, 28 जून को सोनोग्राफी करते समय पपिता उईके 8 माह की गर्भवती हो चुकी थी. परंतु उस समय भी सोनोग्राफी रिपोर्ट के जरिए यह नहीं पता चला था कि, उसके गर्भ में दो नहीं, बल्कि चार बच्चे है. ऐसे में जुडवा बच्चों के जन्म की बात को ध्यान में रखते हुए डिलेवरी कराने की तैयारी में जुटे डॉक्टर व मेडिकल स्टॉफ उस समय हैरत में पड गए. जब दो की बजाय 4 बच्चों ने जन्म लिया. वहीं अब इस बात को लेकर भी सवाल उठाया जा रहा है कि, सरकारी अस्पतालों में की गई सोनोग्राफी के जरिए पपिता उईके के गर्भ में रहने वाले बच्चों की निश्चित संख्या क्यों पता नहीं चल पायी थी.