अंजनगांव सुर्जी/दि.10– गत रोज तहसील के ग्रामीण अस्पताल में दिव्यांग प्रमाणपत्र वितरण शिबिर का आयोजन किया गया था. जिसमें प्रमाणपत्र प्राप्त करने हेतु तहसील क्षेत्र के करीब 2 से 3 हजार दिव्यांग लाभार्थी आये थे. ऐसे में कोविड संक्रमण के खतरे के बीच यहां पर जबर्दस्त भीड-भाड रहने की वजह से भगदड और भागमभाग वाली स्थिति बनी. साथ ही कोविड संक्रमण फैलने का खतरा भी बना रहा. इन्हीं तमाम स्थितियों के बीच हजारों दिव्यांगों में से केवल 450 दिव्यांगों को ही इस शिबिर का लाभ मिला.
जानकारी के मुताबिक खुद प्रशासन को भी इस शिबिर में इतनी अधिक भीड-भाड होने की उम्मीद नहीं थी. साथ ही ग्रामीण अस्पताल, तहसील चिकित्सा कार्यालय व पंचायत समिति के बीच भी कोई समन्वय नहीं था. ऐसे मेें शिबिर को लेकर कोई पुख्ता नियोजन नहीं रहने के कारण कई दिव्यांग लाभार्थी इस शिबिर का लाभ नहीं ले पाये. यहां यह विशेष उल्लेखनिय है कि, इस शिबिर का लाभ लेने हेतु ऑनलाइन पंजीयन करवाना अनिवार्य था. जिसके चलते कुछ सेतू संचालकों ने ऑनलाइन पंजीकरण के नाम पर दिव्यांगों से अनाप-शनाप रक्कम वसूल की. किंतु पंजीकरण करने के बावजूद भी दिव्यांगों को इस शिबिर का लाभ नहीं मिल पाया.
* कोविड टेस्ट में एक व्यक्ति निकला कोविड पॉजिटिव
– आयोजन स्थल पर मचा हडकंप
इस शिबिर में कोविड टेस्टिंग की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई गई थी. जहां पर 24 लोगों की कोविड टेस्ट की गई. जिसमें से 1 व्यक्ति की कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई. इससे पहले यह व्यक्ति इस शिबिर में खूले आम घूम रहा था. ऐसे में इस व्यक्ति की कोविड टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आते ही उसके संपर्क में आये सभी लोगों में जबर्दस्त भय व हडकंप व्याप्त हो गया.
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* हमने पूरा सहयोग किया
ग्रामीण अस्पताल में जगह की कमी के कारण नागरिकों को असुविधा हो सकती है, लेकिन हमने सभी कर्मचारियों को उपलब्ध कराया था. ग्रामीण अस्पताल व जांच के लिए अलग कक्ष व हर तरह का सहयोग किया.
– डॉ. अमोल नालट,
स्वास्थ्य अधीक्षक, ग्रामीण अस्पताल
* सेतु संचालकों को ताकीद
इस शिबिर का लाभ लेने के लिए दिव्यांगों को ऑनलाइन पंजीयन करना अनिवार्य था, लेकिन इस पंजीयन के लिए सेतु केंद्र द्बारा 250 रुपए लिए जा रहे थे. जिस पर सेतु संचालकों को सख्त ताकीद देकर केवल 50 रुपए में पंजीयन करा देने के निर्देश दिए गए.
– अभिजीत जगताप, तहसीलदार
* समाज कल्याण विभाग का आयोजन
अंजनगांव पंचायत समिति के समूह विकास अधिकारी विनोद खेडकर से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि, शिबिर का आयोजन समाज कल्याण विभाग द्बारा किया गया था. हमारे जिम्मे डॉक्टर व कर्मचारियों के चाय, नाश्तें की जिम्मेदारी थी. जो हमने पूरी की. पंचायत समिति से स्वास्थ्य कर्मचारी भी उपलब्ध कराए गए.