अमरावती

सरकारी कार्यालयों में ‘बत्ती चालू’, कर्मचारी गुल

बिजली बचाने की ओर जमकर हो रही अनदेखी

* खुद विद्युत कार्यालय में हो रही बिजली की बर्बादी
अमरावती/दि.29– जिले में इन दिनों महावितरण द्वारा विद्युत बिल वसूली के लिए अभियान चलाया जा रहा है और बिल बकाया रहनेवाले निजी ग्राहकों सहित सभी सरकारी कार्यालयों की विद्युत आपूर्ति खंडित की जा रही है. साथ ही साथ गर्मी के मौसम दौरान बिजली की बढनेवाली मांग को देखते हुए बिजली की एक-एक यूनिट का सही ढंग से सदुपयोग करने का आवाहन भी विद्युत विभाग द्वारा किया जा रहा है. लेकिन इसके बावजूद प्रमुख सरकारी कार्यालयों में बडे धडल्ले के साथ बिजली की बर्बादी हो रही है. जिसमें खुद विद्युत विभाग के कार्यालय भी पीछे नहीं है. इन कार्यालयों में कोई भी अधिकारी या कर्मचारी हाजीर नहीं रहते समय भी लाईट और पंखे चलते रहते है. ऐसे में यह बेहद जरूरी है कि, महावितरण द्वारा जिस तरह से बकाया विद्युत बिलों की वसूली हेतु अभियान चलाया जा रहा है, ठीक उसी तरह बिजली की बर्बादी को रोकने के लिए भी अभियान चलाया जाये.
बता दें कि, यदि बिजली का अतिरिक्त प्रयोग टाला जाता है, तो इससे होनेवाली बचत की रकम को अन्य विकास कामों में खर्च किया जा सकता है. इसी बचत के माध्यम से कई अन्य विकास कामों को गति भी दी जा सकती है. लेकिन इस ओर खुद सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा ही ध्यान नहीं दिया जाता. ऐसे में बेहद जरूरी है कि, विकास कामों की फाईलों को आगे बढाने वाले सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को बिजली की बर्बादी रोकने के लिए जागरूक करने हेतु अभियान चलाया जाये.

* गर्मी में मांग अधिक, आपूर्ति कम
उल्लेखनीय है कि, गर्मी के मौसम दौरान बिजली की मांग अधिक रहती है. जिसकी तुलना में आपूर्ति कुछ हद तक कम रहती है. गर्मी के दिनों के दौरान पंखे, एसी व कूलर का प्रयोग काफी अधिक होता है. साथ ही ठंडे पानी और अलग-अलग शीतपेयों के लिए फ्रीज व डीप फ्रीजर जैसे उपकरणों का भी जमकर प्रयोग किया जाता है. साथ ही साथ बिजली पर चलनेवाली रसवंतियां भी जगह-जगह लगायी जाती है. ऐसे में इस दौरान बिजली की जरूरत काफी अधिक रहती है. वहीं दूसरी ओर आपूर्ति कम रहने के चलते कई बार लोडशेडिंग करने की नौबत भी आन पडती है.

* जिले में लोडशेडिंग हुई शुरू
मांग और आपूर्ति का समीकरण गडबडा जाने की वजह से इन दिनों जिले के कई हिस्सों में महावितरण द्वारा लोडशेडिंग करनी शुरू कर दी गई है. जिसके तहत जिन फिडरों पर महावितरण को काफी अधिक नुकसान का सामना करना पड रहा है, उन फिडरों पर फिलहाल आंशिक रूप से लोडशेडिंग का दौर शुरू हो गया है. इसके साथ ही यदि मांग व आपूर्ति का नियोजन गडबडाता है, तो अन्य फिडरों पर भी लोडशेडिंग शुरू की जा सकती है. साथ ही साथ महावितरण द्वारा विद्युत बिलों का भुगतान बकाया रहनेवाले विद्युत ग्राहकोें के विद्युत कनेक्शन काटे जा रहे है, ताकि मुफ्त व बेवजहवाली बिजली की खपत को रोका जा सके.

* इन कार्यालयों में हो रही बिजली की बर्बादी
* जिला परिषद – जिले का मिनी मंत्रालय कही जाती जिला परिषद में सोमवार की दोपहर 1 बजे के आसपास कोई भी कर्मचारी अपने स्थान पर उपस्थित नहीं था, लेकिन बावजूद इसके कार्यालय में लाईट व पंखे चल रहे थे. यह सीधे-सीधे बिजली की खुले तौर पर होनेवाली बर्बादी है.

* अभ्यागत कक्ष – जिला परिषद में अपने कामों के लिए आनेवाले अभ्यागतों के बैठने हेतु बनाये गये स्थान पर दोपहर के वक्त कोई भी नहीं रहने के बावजूद लाईट व पंखे शुरू थे. साथ ही पोर्च में कई स्थानों पर बेवजह ही कूलर भी चलाये जा रहे थे. जिसके चलते कहा जा सकता है कि, जिला परिषद में बिजली का संभालकर उपयोग करने की ओर अनदेखी की जा रही है.

* जिलाधीश कार्यालय – जिले का सबसे प्रमुख कार्यालय रहनेवाले जिलाधीश कार्यालय के सभी कर्मचारी गत रोज देशव्यापी हडताल में शामिल थे और कार्यालय में कोई भी उपस्थित नहीं था, लेकिन इसके बावजूद आस्थापना, गृह व लेखा विभाग में लाईट व पंखे चल रहे थे. चूंकि इस पर खर्च होनेवाली बिजली का पैसा अपनी जेब से नहीं भरना पडता है. अत: बिजली की इस बर्बादी को लेकर किसी को कोई फिक्र भी नहीं है.

 

 

 

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