चने में किसानों को प्रति क्विंटल 600 रु. का नुकसान

गारंटी मूल्य 5335, निजी मार्केट में मात्र 4400

अमरावती/दि.17- जिले में चने का रकबा बढने से पैदावार बढी, किंतु सरकार की चना खरीदी की तैयारी नहीं होने से उत्पादक किसान निजी मार्केट में बेचने मजबूर हो रहे है. जिसके कारण उन्हें प्रति क्विंटल कम से कम 600 रुपए का नुकसान झेलना पड रहा है. दूसरी तरफ बाजार में चने की आवक बढी है. अतिवृष्टि के कारण मूंग की फसल खराब हो गई थी. उसके बाद खरीफ की तुअर, सोयाबीन और कपास पर भी असर पडा था. ऐसे में सरकार ने चने के लिए प्रति क्विंटल दाम 5335 रुपए तय किया है. मगर सरकारी खरीदी नहीं होने से किसानों का काफी नुकसान हो रहा है.
आवक बढी
फसल मंडी सूत्रों ने बताया कि, गत पखवाडे भर में चने की आवक बडे प्रमाण में हो रही है. गत चार दिनों में ही 10 हजार बोरे चने की मंडी में बिक्री हुई है.
किसान निराश
रामापुर बेलज के युवा किसान समीर जवंजाल ने कहा कि चने की शासकीय खरीदी की नोंदणी अपेक्षित थी. किंतु अब तक सरकार की तरफ से कोई हलचल नहीं है. किसानों को पैसे की आवश्यकता होने से वे मजबूरी में चना मार्केट में लाकर निजी व्यापारियों को बेच रहे है. जिसमें उनका काफी नुकसान हो रहा है.
अभी तक निर्देश नहीं
जिला मार्केटिंग अधिकारी कल्पना धोपे ने कहा कि, चने की शासकीय खरीदी केंद्र शुरु करने के बारे में अभी तक निर्देश प्राप्त नहीं हुए है. जिससे केंद्र कब प्रारंभ होंगे, कहा नहीं जा सकता. नाम दर्ज करने के बाद भी प्रत्यक्ष खरीदी को 15 दिनों का वक्त लगता है.

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