अमरावती

करवसुली के अभाव में मनपा का आर्थिक संतुलन बिगडा

कोरोना की वजह से संपत्ति कर की वसूली प्रभावित

  • अब तक केवल १२ प्रतिशत वसूली हो पायी

अमरावती प्रतिनिधि/दि.१२ – शहरवासियों द्वारा यदि संपत्ति कर भरने में पूरा सहयोग किया जाता है तो आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रही महानगरपालिका को अपनी वित्तीय व्यवस्था संभालने में सहायता मिलेगी. ऐसा मनपा प्रशासन का कहना है, क्योंकि कोरोना ने मनपा के आर्थिक चक्र की रफ्तार को लगभग पूरी तरह से रोक दिया है. जिसके मद्देनजर मनपा द्वारा फिलहाल अपनी आर्थिक दिक्कतोें को कम करने के लिए कुछ उपाययोजनाएं शुरू की गई है. जिसके तहत आय के मुख्यस्त्रोत संपत्ति कर की वसूली को सही ढंग से चलाने के साथ ही बाजार व परवाना विभाग को भी सक्रिय ढंग से काम करने के निर्देश दिये गये है. लेकिन लोगबाग कोरोना की आड लेते हुए संपत्ति कर भरने से टालमटोल कर रहे है. उसी तरह इस समय शहर बस परिवहन सेवा भी बंद है और व्यापारी संकूलों की दूकानों का किराया बढाने का प्रस्ताव भी सरकार के पास प्रलंबित है. ऐसे में मनपा को चारों ओर से आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड रहा है. जानकारी के मुताबिक विगत दस माह में केवल १२ प्रतिशत संपत्ति कर की वसूली हो पायी है. अमरावती मनपा की आय के स्त्रोत पहले ही काफी मर्यादित है और इसमें भी कुछ स्त्रोतों को लेकर स्थानीय स्तर पर गंभीरता का अभाव देखा जाता है. विज्ञापनवाले होर्डिंग्ज के जरिये होनेवाली आय विगत कुछ वर्षों से ठप्प पडी है. जारी वर्ष में संपत्ति कर की ऐवज में ४८ करोड ७५ लाख रूपयों की आय होना अपेक्षित है, लेकिन प्रत्यक्ष में केवल ६ करोड १२ लाख रूपये यानी मात्र १२ प्रतिशत की वसूली ही हो पायी है.

  • ठेकेदारों को फिलहाल १० प्रतिशत भूगतान होगा

मनपा की ओर विभिन्न ठेकेदारों के ८० करोड रूपये बकाया है. ऐसे में उन्हें दीपावली पर्व के मुहाने पर राहत देने हेतु कुल बकाया राशि का दस प्रतिशत भुगतान मनपा द्वारा किया जा रहा है. हालांकि जिन लोगों की बकाया राशि ५० हजार रूपये है, उन्हेें उनकी पूरी रकम का भुगतान किया जायेगा, लेकिन जिनके बकाया बिलों की राशि काफी अधिक है, उन्हें फिलहाल केवल दस प्रतिशत रकम ही दी जायेगी. ऐसी जानकारी निगमायुक्त प्रशांत रोडे द्वारा दी गई है.

  • संपत्ति कर भरने में सहयोग करे

सभी सभी नागरिकों ने संपत्ति कर भरने में मनपा के साथ सहयोग करना चाहिए, क्योंकि यहीं मनपा की आय का मुख्य स्त्रोत है. इस समय बाजार परवाना विभाग द्वारा भी वसूली अभियान शुरू किया गया है.

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