बिजली बिल विरोधी आंदोलन में डॉ. अलीम पटेल, एड. गायकवाड और किरण गुडधे बरी
कोरोनाकाल में किया गया था आंदोलन
अमरावती/दि.20- कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन की वजह से ठप पडी वित्तिय व्यवस्था के कारण समस्त नागरिक हलाकान हो गए थे. हजारों लोगों को अपना रोजगार गंवाना पडा था, इस कारण उन पर भूखमरी की नौबत आ गई थी. ऐसे में नागरिकों को दिए गए बिजली बिल माफ करने की मांग को लेकर विद्युत बिल विरोधी मंच की ओर से महावितरण की अधीक्षक अभियंता सुचित्रा गुजर को ज्ञापन सौंपा गया था और बिजली बिल कम करने की मांग को लेकर आंदोलन किया गया था. कोरोनाकाल में आंदोलन करने से गाडगेनगर पुलिस ने आपदा व्यवस्थापन कानून के तहत और कानून व सुव्यवस्था का प्रश्न सामने रख आंदोलकों पर विविध धाराओं के तहत मामले दर्ज किए थे. स्थानीय मुख्य न्याय दंडाधिकारी एस. ए. जमादार की अदालत में इस प्रकरण की हुई सुनवाई के बाद सभी को सबूतो के अभाव में बरी कर दिया गया.
एड. सुनील डोंगरदीवे, एड. पंकज थोरात, एड. संघपाल अढाउ, एड. रवि गायकवाड, एड. ठाकुर आदि वकीलों ने आरोपियों की तरफ से सफल पैरवी की. कोरोनाकाल में महावितरण ने बिजली ग्राहकों को हजारों रुपए के बिल दिए थे. जिससे नागरिक संतप्त हो गए थे. अनेक विद्युत ग्राहक शिकायत लेकर महावितरण के विभिन्न इलाकों के कार्यालय में पहुंचकर भीड करते रहने से कोरोना संक्रमण का खतरा निर्माण हो गया था. एड. सिद्धार्थ गायकवाड, डॉ. अलीम पटेल, किरण गुडधे के नेतृत्व में बिजली बिल कम करने की मांग को लेकर आंदोलन किया गया था. उस समय दिल्ली सरकार व्दारा 200 यूनिट तक बिजली बिल माफ किया गया था. दिल्ली सरकार की तरह महाराष्ट्र में भी 200 यूनिट तक बिजली बिल माफ करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया था. इस आंदोलन के समय पुलिस ने मामला दर्ज किया था. आंदोलन में शामिल सभी लोगों को बरी कर दिया गया.