वन्य प्राणियोें के हमले में मृत व्यक्ति के परिवार को अब 15 की बजाय 20 लाख रूपये मिलेंगे
विधायक प्रवीण पोटे के प्रयास रहे सफल
* वन मंत्री मुनगंटीवार ने जारी किया आदेश
अमरावती/दि.15- जिले के पूर्व पालकमंत्री तथा विधायक प्रवीण पोटे पाटील ने वन्य प्राणियों के हमले में मृत अथवा घायल होनेवाले नागरिकों को दी जानेवाली सरकारी सहायता राशि तथा पशुधन के मृत या जख्मी होने के मामलों में दी जानेवाली मुआवजा राशि को बढाये जाने की मांग राज्य सरकार से की थी. जिसके चलते राज्य के वन एवं सांस्कृतिक कार्य मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने पिछले माह ही इस मांग को सकारात्मक ढंग से पूर्ण करते हुए वन्यप्राणियों के हमले में मृत होनेवाले व्यक्ति के परिजनों को अब 15 लाख की बजाय 20 लाख रूपये की सहायता राशि दिये जाने की घोषणा की और इसे लेकर वन मंत्रालय के जरिये सरकारी आदेश भी जारी किया. जिसकी जानकारी खुद वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार द्वारा पूर्व पालकमंत्री व विधायक प्रवीण पोटे पाटील को पत्र भेजकर दी गई है.
इस पत्र में बताया गया है कि, अगर किसी भी वन्यप्राणी द्वारा किये गये हमले में किसी व्यक्ति की मौत होती है, तो उसके परिजनों को तुरंत ही 10 लाख रूपये की राशि का धनादेश प्रदान किया जायेगा और शेष 10 लाख रूपये की रकम उसके किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में रहनेवाले संयुक्त खाते में फिक्स डीपॉझिट के रूप में जमा कराये जायेंगे, ताकि संबंधित परिवार को प्रति माह कुछ ब्याज प्राप्त हो सके. इसके अलावा वन्यजीवों द्वारा किये गये हमले में स्थायी रूप से अपंग होने पर पांच लाख रूपये तथा गंभीर रूप से घायल होने पर 1.25 लाख रूपये की सहायता राशि प्रदान की जायेगी और मामूली तौर पर घायल होने पर अधिकतम 20 हजार रूपये इलाज हेतु सहायता प्रदान की जायेगी. इसके साथ ही वन्यजीवों द्वारा किये गये हमले में गाय, भैस व बैल जैसे पालतु जानवरों की मौत होने पर उनके बाजार मूल्य की तुलना में 75 फीसद रकम या 70 हजार रूपये नकद इसमें से जो न्यूनतम होगा वह सहायता प्रदान की जायेगी. वही भेड-बकरी सहित अन्य पशुधन की मृत्यु होने पर बाजारमूल्य का 75 फीसद या 15 हजार रूपये में से न्यूनतम राशि प्रदान की जायेगी और जानवरों के स्थायी रूप से अपंग होने पर बाजारमूल्य का 50 फीसद या 15 हजार रूपये नकद में से न्यूनतम और घायल होने पर औषधोपचार के खर्च सहित बाजार मूल्य की 25 फीसद राशि या पांच हजार रूपये नकद में से न्यूनतम राशि सहायता के तौर पर प्रदान की जायेगी.
उपरोक्त जानकारी के साथ ही इस पत्र में बताया गया है कि, राज्य के वनविभाग द्वारा वन संवर्धन का काम बेहद शानदार ढंग से किया जा रहा है. जिससे वन्यप्राणियों की संख्या अच्छी-खासी बढ गई है. ऐसे में इंसानों और वन्यजीवों के बीच संघर्ष कम करने की दृष्टि से वन क्षेत्र के आसपास रहनेवाले नागरिकों का वनविभाग के जरिये प्रबोधन किया जा रहा है. साथ ही डॉ. श्यामाप्रसाद मुखर्जी जन-वन विकास योेजना के मार्फत स्थानीय जनता की जंगलों पर निर्भरता को कम किया जा रहा है.