अंजनगांव सुर्जी में जाली दस्तावेजों के जरिए जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के मामले में
6 लोगों के प्रमाणपत्र फर्जी, अपराधिक मामला दर्ज
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* तहसील कार्यालय ने 2 व पुलिस ने 4 के खिलाफ दर्ज कराई शिकायत
अमरावती/दि. 12 – जिले की अंजनगांव सुर्जी तहसील कार्यालय से जाली दस्तावेजों के आधार पर गलत तरीके से जन्म प्रमाणपत्र बनवाने के मामले में 6 लोगों के खिलाफ अंजनगांव सुर्जी पुलिस थाने में अपराधिक मामले दर्ज किए गए है. इस मामले की जांच-पडताल के बाद अंजनगांव सुर्जी तहसील कार्यालय ने 2 तथा अंजनगांव सुर्जी पुलिस ने 4 लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें स्पष्ट तौर पर कहा गया है कि, आरोपियों ने अपने खुद के फायदे के लिए जन्म प्रमाणपत्र हासिल करने हेतु फर्जी दस्तावेज तैयार कर उन्हें असली दिखाते हुए सरकार के साथ जालसाजी की गई. इस मामले में नामजद 6 आरोपियों में एक महिला का भी समावेश है.
इसे लेकर सामने आई जानकारी के मुताबिक अंजनगांव सुर्जी पुलिस के एपीआई भास्कर द्वारा एक महिला सहित सैयद करामत अली सैयद नूर, शेख नजीर शेख रशीद व रशीद खान अयान खान तथा तहसील कार्यालय द्वारा अब्दुल सलीम अब्दुल सत्तार (73, मोट मार्केट काझीपुरा) व किसनराव रामजी नेवाडे (शिवाजी चौक) के खिलाफ फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग करते हुए अंजनगांव सुर्जी तहसील कार्यालय से जन्म प्रमाणपत्र हासिल करने को लेकर शिकायत दर्ज कराई गई है. जिसके आधार पर अंजनगांव सुर्जी पुलिस ने सभी 6 आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 318 (2), 336 (2), 336 (3), 337 व 340 (32) के तहत अपराधिक मामला दर्ज करते हुए जांच शुरु कर दी है.
बता दें कि, अंजनगांव सुर्जी तहसील क्षेत्र में अवैध तरीके से बांग्लादेशियों व रोहिंग्याओं के रहने और इन लोगों द्वारा फर्जी दस्तावेजों के जरिए तहसील कार्यालय से जन्म प्रमाणपत्र हासिल किए जाने को लेकर भाजपा नेता व पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने आरोप लगाया था. जिसके बाद जिला प्रशासन ने इस मामले की जांच हेतु तीन सदस्यीय समिति गठित की थी और मामले की जांच के बाद 6 लोगों के जन्म प्रमाणपत्रों को सदोष पाते हुए उनके खिलाफ अपराधिक मामले दर्ज किए गए.
1100 नहीं, मात्र 3 दाखिले सदोष
* जिलाधीश सौरभ कटियार ने किया दावा
वहीं इस बीच इस मामले को लेकर जिलाधीश सौरभ कटियार की ओर से जारी स्पष्टीकरण में कहा गया है कि, जांच के दौरान केवल तीन लोगों द्वारा गलत दस्तावेजों के जरिए जन्म प्रमाणपत्र हासिल किए जाने के मामले सामने आए हैं. वहीं शेष सभी प्रमाणपत्र नियमानुसार जारी हुए है. जिला प्रशासन की ओर से किए गए इस दावे के चलते अब किरीट सोमैया द्वारा की गई शिकायत तथ्यहिन साबित होने की चर्चा चल रही है. इसके साथ ही जिलाधीश कटियार ने यह भी स्पष्ट किया कि, तहसीलदार व उपविभागीय पुलिस अधिकारी द्वारा इस संदर्भ में और भी अधिक जांच की जा रही है. वहीं दूसरी ओर सदोष पाए गए जन्म प्रमाणपत्र निश्चित रुप से किन लोगों के नाम पर जारी किए गए है, इससे संबंधित जानकारी फिलहाल प्राप्त नहीं हुई है.
* क्या था पूरा मामला
बता दें कि, भाजपा नेता व पूर्व सांसद किरीट सोमैया ने कुछ दिन पहले आरोप लगाया था कि, अंजनगांव सुर्जी तहसील कार्यालय द्वारा फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बिना कोई जांच-पडताल किए बांग्लादेशियों व रोहिंग्याओं को जन्म प्रमाणपत्र जारी किए गए. इसके साथ ही पूर्व सांसद सोमैया ने दो बार अमरावती व अंजनगांव सुर्जी का दौरा करते हुए इस मामले की जानकारी ली थी. साथ ही अंजनगांव पुलिस थाने पहुंचकर शिकायत भी दर्ज कराई थी. इस मामले की जांच के लिए जिलाधीश ने तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था और समिति ने पूरे मामले की जांच करते हुए जिलाधीश कटियार को अपनी रिपोर्ट सौंपी. जिसके बाद जिलाधीश कटियार ने दावा किया कि, जांच के दौरान केवल तीन मामलों में ही गलत दस्तावेजों के आधार पर जन्म प्रमाणपत्र जारी किए जाने की बात सामने आई है. वहीं शेष सभी दाखिले नियमानुसार ही जारी किए गए हैं.
* अपनी राजनीति चमकाने अमरावती को बदनाम न करें सोमैया
– पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख ने साधा निशाना
वहीं इस मामले में जिला प्रशासन की ओर से स्पष्टीकरण सामने आते ही कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक डॉ. सुनील देशमुख ने कहा कि, किरीट सोमैया खुद ही बेहद विवादास्पद व बडबोले नेता है. जो आए दिन प्रसिद्ध में बने रहने हेतु किसी न किसी पर आरोप लगाते हुए अनर्गल बयान देते रहते है. लेकिन अपनी राजनीति चमकाने के चक्कर में किरीट सोमैया ने मुंबई से यहां आकर अमरावती जिले का नाम बदनाम नहीं करना चाहिए. डॉ. सुनील देशमुख के मुताबिक किरीट सोमैया द्वारा लगाए जानेवाले आरोपों के चलते मीडिया के जरिए ऐसा माहौल बन रहा है मानो, अमरावती जिले में बडे पैमाने पर बाहर से आए बांग्लादेशियों व रोहिंग्याओं की भरमार हो गई है. जबकि इसका हकिकत से कोई वास्ता नहीं है. ऐसे में अमरावती जिले की बिना वजह होनेवाली बदनामी के चलते आगे चलकर उद्योग व व्यवसाय के क्षेत्र में अमरावती जिला पिछड भी सकता है. इसके साथ ही डॉ. सुनील देशमुख ने यह सवाल भी दागा कि, यदि बांग्लादेशी व रोहिंग्या सीमा पार करते हुए देश के इतने भीतर अमरावती तक सहज तरीके से पहुंच गए है तो वे देश के गृह मंत्री व रक्षा मंत्री की विफलता है तथा इस तरह के आरोप लगाकर किरीट सोमैया अपनी ही पार्टी की सरकार और अपनी ही सरकार के मंत्रियों को सवालों के घेरे में खडा कर रहे है.