अमरावती

अंगणवाड़ी केंद्रों में पकाकर दिया जाता है पोषण आहार

बालक, गर्भवती व स्तनदा माता को लाभ

* कन्झ्युमर को.ऑप. फेडरेशन द्वारा की जाती है आपूर्ति
अमरावती/दि.5-जिले की अंगणवाड़ियों को पोषण आहार की आपूर्ति महाराष्ट्र राय कझ्युमर को-ऑपरेटिव फेडरेशन मुंबई मार्फत की जाती है.
जिले में 2,646 अंगणवाड़ी केंद्र होकर इन केंद्रों में 2,404 सेविका एवं 2,185 मदतनीस कार्यरत है. इनमें शून्य से 6 वर्ष आयु समूह के बालकों की संख्या 1 लाख 50 हजार होकर 6 महीने से तीन वर्ष आयु समूह के बालकों को अंगणवाड़ी केंद्र में आहार दिया जाता है. इसके लिए अंगणवाड़ी केंद्र की मदतनीस बालकों को आहार पकाकर देती है. अंगणवाड़ियों को दिये जाने वाले आहार में गेहूं, चावल, दाल, शक्कर, हल्दी, चटनी का समावेश होता है व अंगणवाड़ी केंद्र में दिये जाने वाले आहार में गेहूं, चावल, चौलाई, मोट, शक्कर, तेल, नमक का समावेश होता है. अंगणवाड़ी केंद्रों में 6 महीने से 3 वर्ष आयु समुह के बच्चों को, स्तनदा व गर्भवती माता को पोषण आहार की सीधे आपूर्ति की जाती है. मेलघाट की 478 अंगणवाड़ी केंद्रों में किसी को भी घरपहुंच आहार नहीं दिया जाता.
कोरोना काल से पूर्व व कोरोना के बाद पोषण आहार की नियमित आपूर्ति की जा रही है. कोरोना काल में लाभार्थियों को कच्चा आहार दिया जाता था. 3 से 6 वर्ष आयु के बच्चों को पकाकर आहार दिया जाता है.
इस बारे में अंगणवाड़ी सेविकाओं का कहना है कि शासन के नियोजननुसार पोषण आहार का वितरण अंगणवाड़ी मार्फत किया जाता है. बावजूद इसके बालकों की बौद्धिक, शैक्षणिक विकार पर जोर दिया जाता है. कोरोना महामारी खत्म होने के बाद 3 से 6 आयु समूह के बच्चों को पकाकर तो गर्भवती,स्तनदा माताओं को नियमानुसार पोषण आहार का कच्ची आपूर्ति घरपहुंच की जाती है.
बॉक्स
अंगणवाड़ी केंद्र में गर्म ताजा दिये जाने से बालकों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए व बालकों को पोषण युक्त आहार मिलने के लिए मदद होती है. जिसके चलते बालक अंगणवाड़ी केंद्र के आहार को पसंद करते हैं.
– डॉ. कैलास घोडके, उपमुख्य कार्यकारी अधिकारी

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