अमरावतीविदर्भ

विभाग में ४५० एसटी बस से घाटे में दौड रही

प्रति किलोमीटर हो रहा २५ रुपए नुकसान

  • कोरोना ने बिगाडा नियोजन, यात्रियों का बहूत कम प्रतिसाद

अमरावती/दि.१० – कोविड-१९ की वहज से काफी लंबे अरसे से बंद राज्य परिवहन निगम की आंतरजिला यात्री सेवा २० अगस्त से शुरु की गई है, लेकिन कोरोना महामारी की काली छाया महामंडल पर आज भी मंडरा रही है. विभाग में आंतरजिला के तहत दौडाई जा रही ४५० एसटी बस २५ रुपए प्रति किलोमीटर घाटे से दौड रही है. एसटी बस शुरु होने से यात्रियों को राहत मिली है फिर भी यात्रियों का बहुत कम प्रतिसाद मिल रहा है. बीते ११ दिनों में एसटी महामंडल को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है.

संभाग में एसटी महामंडल व्दारा ४५० बसों की फेरियां शुरु की गई है. इसमें नागपुर, नांदेड, पुणे, यवतमाल, बुलढाणा,अकोला, वाशिम, औरंगाबाद, नाशिक समेत अन्य जिलों के लिए बसें छोडी जा रही है. कोरोना महामारी के कारण बिगडी एसटी की सेवा को धीरे-धीरे सूचारु करने का प्रयास किया जा रहा है.अनलॉक ४ के बाद महामंडल ने आंतर जिला बस सेवा आरंभ की. २० से ३१ अगस्त तक संभाग में ४५० बस शुरु की गई. जिसके माध्यम से २ लाख २४ हजार ८७५ किलोमीटर का सफर तय किया गया. इसके माध्यम से ४८ लाख ९८ हजार १४१ रुपए की आय प्राप्त हुई. यह प्रतिकिलोमीटर २१ रुपए ७८ पैसे के मुताबिक मिला है. ११ दिनों के भीतर एसटी निगम को ५६ लाख २२ हजार रुपए का नुकसान होने की जानकारी सूत्रों व्दारा दी गई. सितंबर के ८ दिनों में एसटी बस ने ३ लाख २ हजार १९२ किलोमीटर का सफर तय किया. इससे ६३ लाख ४० हजार २३ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है. जो कि २० रुपए ९८ पैसे प्रति किलोमीटर के मुताबिक पडा है. कुल फेरियों में प्रति किलोमीटर के अनुसार एसटी महामंडल को २५ रुपए प्रति किलोमीटर नुकसान उठाना पड रहा है.

करीब १५ हजार यात्री कर रहे सफर

संभाग में फिलहाल की स्थिति में दौडाई जा रही ४५० बसों से करीब १४-१५ हजार यात्री सफर कर रहे है. संभाग में नागपुर, अकोला, परतवाडा मार्ग पर यात्रियों का अच्छा प्रतिसाद मिलने की जानकारी एसटी महामंडल के अधिकारियों ने दी है. ग्रामीण क्षेत्रों में दर्यापुर, मोर्शी, चांदुर बाजार के लिए यात्रियों का प्रतिसाद बहूत कम मिल रहा है. कोरोना का आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में असर दिखाई दें रहा है.

पास योजना को भी कम प्रतिसाद

राज्य मार्ग परिवहन निगम व्दारा फिलहाल की स्थिति को सूचारु करने के लिए प्रयास किये जा रहे है. फिलहाल यात्रियों की मासिक, त्रीमासिक पास और पसंदीदा स्थान पर सफर योजना का लाभ यात्रियों को दिया जा रहा है. मगर इसे बहुत कम प्रतिसाद मिल रहा है. कोरोना का काला साया आज भी एसटी बस सेवा पर मंडराता दिख रहा है.बस में भी सोशल डिस्टन्स का पालन किया जा रहा है. एसटी बस में केवल २२ यात्रियों को ही अनुमति है. इसके कारण प्रति किलोमीटर एसटी बस का खर्च लगभग ४६ रुपए हो रहा है.

घाटे में चल रही एसटी बस

एसटी महामंडल के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एसटी बस का खर्च महामंडल को प्रति किलोमीटर ४६ रुपए के करीब आता है, लेकिन कोरोना की वजह से सोशल डिस्टेन्स के साथ एसटी बस में केवल २२ यात्रियों को सफर कराया जा रहा है. इसके कारण एसटी महामंडल को प्रति किलोमीटर २५ रुपए नुकसान हो रहा है. अब तक बीते ११ दिनों में एसटी महामंडल को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पडा.

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