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पहले विधानसभा चुनाव में जिले से कांग्रेस व निर्दलीयों ने मारी थी बाजी

जिले की 7 विधानसभा सीटों पर सन 1962 में हुआ था पहला विधानसभा चुनाव

* 3-3 सीटों पर कांग्रेस व निर्दलीय प्रत्याशी हुए थे विजयी, 1 सीट पर रिपाई को मिली थी सफलता
* हर सीट पर 60 से 65 हजार मतदाताओं ने किया था मतदान
* 25 से 30 हजार वोट पाकर विजेता हुए थे प्रत्याशी, महज हजार-डेढ हजार की थी लीड
* पी. के. देशमुख ने बनाया था हैट्रीक जीत का रिकॉर्ड, कृषि मंत्री बने थे
अमरावती/दि.12 – 1 मई 1960 को महाराष्ट्र राज्य का गठन होने के बाद सन 1962 में पहली बार महाराष्ट्र विधानसभा हेतु चुनाव कराये गये थे. जिसके लिए अमरावती जिले में 7 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों का परिसीमन किया गया था और इन सातों विधानसभा सीटों के लिए सन 1962 के चुनाव में पहली बार मतदान कराया गया था. उस चुनाव में 3-3 सीटों पर कांग्रेस व निर्दलीय प्रत्याशियों ने बाजी मारी थी. वहीं पहले ही चुनाव में दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल करते हुए रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया यानि रिपाई ने भी अपना खाता खोला था. खास बात यह थी कि, उस चुनाव में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में महज 75 से 85 हजार मतदाता पंजीकृत थे. जिनमें से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 55 से 65 हजार मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. चूंकि उस जमाने में मतपत्रिकाओं के जरिए मतदान कराया जाता था. ऐसे में गलत तरीके से मतदान करने या मतपत्रिका पर कोई कांट-छाट करने के चलते कई वोट अवैध भी करार दिये जाते थे. जिसकी वजह से मतदान करने वाले मतदाताओं में से लगभग 93 फीसद मतदाताओं के वोट ही वैध पाये गये थे और 7 फीसद वोटों को अवैध करार दे दिया गया था. जिसके चलते सभी विधानसभा क्षेत्रों में 55 से 60 हजार वोट ही वैध पाये गये थे. जिनकी गिनती करने के उपरान्त विजेता प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की गई थी.
बता दें कि, पहले विधानसभा चुनाव हेतु अमरावती जिले की सातों विधानसभा सीटों से कुल 5 लाख 59 हजार 864 मतदाता पंजीकृत हुए थे. जिनमें से 4 लाख 23 हजार 695 यानि 75.66 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था और इसमें से 3 लाख 97 हजार 999 वोट वैध पाये गये थे. यह कुल मतदाताओं की तुलना में 71.08 फीसद तथा प्रत्यक्ष मतदान की तुलना में 93.93 फीसद का प्रमाण था. जिसके बाद हुई मतगणना और घोषित नतीजों के बाद जिले की 3 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशी विजयी हुए. जिनमें अमरावती से उमरलाल केडिया, बडनेरा से पुरुषोत्तम देशमुख व चांदूर रेल्वे से भाउराव जाधव का समावेश रहा. वहीं 3 सीटों पर निर्दलीयों ने बाजी मारी. जिनमें मेलघाट से मामराज खंडेलवाल, अचलपुर से अंबादास वाटाणे व मोर्शी से प्रतापसिंह देशमुख ने जीत हासिल की. इसके अलावा दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र से रिपाई के जगन्नाथ पाटिल ने चुनाव जीता था.

* अमरावती से जीते थे कांग्रेस से उमरलाल जी केडिया
वर्ष 1962 में हुए विधानसभा चुनाव को लेकर यदि जिले के सातों निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव परिणाम को देखा जाये, तो उस चुनाव में अमरावती विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से कांग्रेस के उमरलाल मथुरादास केडिया ने 27,838 यानि 52.21 फीसद वोट हासिल करते हुए जीत दर्ज की थी. वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी एवं निर्दलीय प्रत्याशी गोपाल दत्तात्रय कलोती ने 20,878 यानि 39.16 फीसद वोट हासिल किये थे. उस चुनाव में अमरावती निर्वाचन क्षेत्र हेतु 79,098 मतदाता पंजीकृत थे और 55,842 यानि 70.60 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. जिसमें से 53,381 वोट वैध पाये गये थे.

* पी. के. देशमुख ने लगातार तीसरी बार जीता था चुनाव
– तीसरी बार भी देशमुख को मिला था मंत्री पद
विशेष उल्लेखनीय है कि, सन 1952 में वलगांव तथा सन 1957 में बडनेरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लडते हुए जीत हासिल करने के साथ ही शिक्षा मंत्री व कानून मंत्री बनने वाले पुरुषोत्तम काशीराव उर्फ पी. के. देशमुख ने अपना तीसरा चुनाव बडनेरा विधानसभा क्षेत्र से लडा था और वे लगातार तीसरी बार जीत हासिल करते हुए हैट्रीक लगाने में कामयाब हुए थे. पहली बार चुने जाने के बाद पी. के. देशमुख को शिक्षा मंत्री व दूसरी बार चुने जाने के बाद कानून मंत्री का पद मिला था. वहीं तीसरी बार विधायक निर्वाचित होकर विधानसभा में पहुंचे पी. के. देशमुख को राज्य का कृषि मंत्री बनाया गया था. ऐसे में पी. के. देशमुख लगातार 15 वर्षों तक विधायक और मंत्री रहे थे. बडनेरा निर्वाचन क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 80,567 थी. जिनमें से 55,645 यानि 69.07 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था और इसमें से 51,731 वोट वैध पाये गये थे. उस चुनाव में बडनेरा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी पुरुषोत्तम काशीराव देशमुख ने 21,025 यानि 40.64 फीसद वोट हासिल करते हुए जीत हासिल की थी. वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी व रिपाई प्रत्याशी सुखदेवराव फागोजी तिडके को 15,941 यानि 30.82 फीसद वोट हासिल हुए थे.

* दर्यापुर में रिपाई के जगन्नाथ गावंडे पाटिल जीते थे
– पूर्व विधायक कोकिलाबाई गावंडे के पति थे जे. डी. पाटिल
दर्यापुर विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया ने पहले ही विधानसभा चुनाव में अपना खाता खोला था. दर्यापुर में कुल 71,008 मतदाता पंजीकृत थे और 61,281 यानि 86.30 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. जिसमें से 58,989 मतदाताओं के वोट वैध पाये गये थे. इसमें से रिपाई के जगन्नाथ गावंडे पाटिल उर्फ बाबासाहब सांगलुदकर को 32,181 यानि 54.55 फीसद वोट मिले थे. वहीं उनके निकततम प्रतिद्वंदी व कांग्रेस प्रत्याशी नारायणराव देशमुख ने 25,208 यानि 42.73 फीसद वोट हासिल किये थे. बता दें कि, जगन्नाथ गावंडे पाटिल की पत्नी कोकिलाबाई गावंडे इससे पहले वर्ष 1952 में दर्यापुर विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुई थी. जिसके बाद उन्होंने वर्ष 1957 का विधानसभा चुनाव मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र से लडते हुए जीत हासिल की थी. वहीं इसके उपरान्त कोकिलाबाई गावंडे के पति जे. डी. पाटिल उर्फ बाबासाहब सांगलुदकर ने दर्यापुर निर्वाचन क्षेत्र से रिपाई प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल की थी.

* दूसरे प्रयास में मेलघाट से जीते थे मामराज खंडलेवाल
आदिवासी बहुल मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र में विधानसभा के पहले चुनाव हेतु 83,858 मतदाता पंजीकृत थे. जिनमें से 57,164 यानि 68.17 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था और 53,064 वोट वैध पाये गये थे. मेलघाट में निर्दलीय प्रत्याशी मामराज खंडेलवाल व कांग्रेस प्रत्याशी गिरीजाबाई वाटाणे के बीच सीधी टक्कर हुई थी. जिसमें से 29,403 यानि 55.41 फीसद वोट हासिल करते हुए निर्दलीय प्रत्याशी मामराज खंडेलवाल ने बाजी मारी थी. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी गिरीजाबाई वाटाणे को 23,661 यानि 44.59 फीसद वोट मिले थे. उस चुनाव में मेलघाट निर्वाचन क्षेत्र से केवल यह दो प्रत्याशी ही मैदान में थे. बता दें कि, इससे पहले मामराज खंडेलवाल ने सन 1957 का विधानसभा चुनाव भी निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लडा था. लेकिन उस समय उन्हें कांग्रेस प्रत्याशी कोकिलाबाई गावंडे के हाथों हार का सामना करना पडा था.

* चांदूर में कांग्रेस के भाउराव जाधव हुए थे विजयी
चांदूर रेल्वे विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में पहले चुनाव हेतु 84,380 मतदाता पंजीकृत हुए थे. जिनमें से 64,122 यानि 75.99 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था तथा 60,688 वोट वैध पाये गये थे. इसमें से कांग्रेस प्रत्याशी भाउराव गुलाबराव जाधव ने 21,025 यानि 40.64 फीसद वोट हासिल करते हुए जीत हासिल की थी. वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी व भाकपा प्रत्याशी वामनराव देशमुख को 19,052 यानि 31.39 फीसद वोट हासिल हुए थे.

* अचलपुर में निर्दलीय आप्पासाहेब वाटाणे ने जीता था चुनाव
अचलपुर विधानसभा क्षेत्र में पहला चुनाव निर्दलीय प्रत्याशी आप्पासाहेब सदाशिवराव वाटाणे ने जीता था. जिन्हें 30,184 यानि 50.52 फीसद वोट हासिल हुए थे. वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी व कांग्रेस प्रत्याशी कृष्णराव गुलाबराव देशमुख को 28,056 यानि 46.96 फीसद वोट मिले थे. पहले विधानसभा चुनाव में अचलपुर क्षेत्र से 79,805 मतदाता पंजीकृत हुए थे. जिसमें से 63,644 यानि 79.75 फीसद मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था और 59,744 वोट वैध पाये गये थे.

* मोर्शी में निर्दलीय प्रत्याशी प्रतापसिंह देशमुख हुए थे विजयी
मोर्शी विधानसभा क्षेत्र से पहले विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी प्रतापसिंह शंकरराव देशमुख ने 35,464 यानि 58.66 फीसद वोट हासिल करते हुए जीत हासिल की थी. वहीं उनके निकटतम प्रतिद्वंदी व कांग्रेस प्रत्याशी लक्ष्मणराव रघुनाथराव तरार को 21,677 यानि 35.85 फीसद वोट हासिल हुए थे. उस चुनाव के वक्त मोर्शी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र हेतु 81,148 मतदाता पंजीकृत थे. जिनमें से 65,547 यानि 80.77 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था और 60,462 वोट वैध पाये गये थे.

* विधानसभा निहाय हुए मतदान तथा वैध मतदान व प्रतिशत की स्थिति
विधानसभा क्षेत्र      कुल मतदाता      प्रत्यक्ष मतदान     वैध वोट मतदान प्रतिशत
अमरावती            79,098             55,842                53,381 70.60
बडनेरा               80,567              55,645                51,731 69.07
दर्यापुर              71,008               61,281                58,989 86.30
मेलघाट             83,858               57,614                53,064 68.17
चांदूर रेल्वे         84,380               64,122                 60,688 75.99
अचलपुर          79,805                63,644                59,744 79.75
मोर्शी               81,148                65,547                60,662 80.77
कुल                5,59,864              4,23,695            3,97,999 75.80

* सन 62 के चुनाव में विजयी प्रत्याशी व उनके हासिल वोट
निर्वाचन क्षेत्र विजयी प्रत्याशी प्राप्त वोट वोट प्रतिशत
अमरावती उमरलाल मथुरादास केडिया (कांग्रेस) 27,838 52.21
बडनेरा पुरुषोत्तम काशीराव देशमुख (कांग्रेस) 21,025 40.64
दर्यापुर जगन्नाथ देवराव पाटिल (रिपाई) 32,181 54.55
मेलघाट मामराज जगन्नाथ खंडेलवाल (निर्दलीय) 29,403 55.41
चांदूर रेल्वे भाउराव गुलाबराव जाधव (कांग्रेस) 31,025 51.12
अचलपुर आप्पासाहेब सदाशिवराव वाटाणे (निर्दलीय) 30,184 50.52
मोर्शी प्रतापसिंह शंकरराव देशमुख (निर्दलीय) 35,464 58.66

* विधानसभा क्षेत्र निहाय प्रमुख प्रत्याशियों की स्थिति (हासिल वोट व प्रतिशत)
– अमरावती
उमरलाल केडिया (कांग्रेस) 27,838 52.21%
गोपाल कलोती (निर्दलीय) 20,878 29.16%
देवीदास खेडकर (जनसंघ) 2,791 5.23%
श्रीराम मालवीय (निर्दलीय) 1,309 2.45%
सीताराम पोतदार (आरआरपी) 311 0.58%
शे. हसन मुस्कील (निर्दलीय) 194 0.36%

– बडनेरा
पुरुषोत्तम देशमुख (कांग्रेस) 21,025 40.64%
सुखदेवराव तिडके (रिपाई) 15,941 30.82%
पुडलिक एपुकर (निर्दलीय) 7,855 15.18%
जयकुमार सहारकर (निर्दलीय) 2,783 5.38%
श्रीराम उमेकर (जनसंघ) 2,181 4.22%
एन. के. हरजरे (निर्दलीय) 1,262 2.44%
हरिशचंद कनोडिया (निर्दलीय) 391 0.76%
एकनाथ जाधव (निर्दलीय) 293 0.57%

– चांदूर रेल्वे
भाउराव जाधव (कांग्रेस) 31,025 51.12%
वामनराव देशुमख (भाकपा) 19,052 31.39%
जनार्दन अडसड (जनसंघ) 6,908 11.38%
लक्ष्मण देशमुख (निर्दलीय) 2,261 3.73%
पांडुरंग ताजने (निर्दलीय) 1,442 2.38%

– अचलपुर
आप्पासाहेब वाटाणे (निर्दलीय) 30,184 50.52%
कृष्णराव देशमुख (कांग्रेस) 28,056 46.96%
देवीदास वंजोरी (निर्दलीय) 913 1.53%
भीमराव अघम (निर्दलीय) 591 0.99%

– मेलघाट
मामराज खंडेलवाल (निर्दलीय) 29,403 55.41%
गिरीजाबाई वाटाणे (कांग्रेस) 23,661 44.59%

– मोर्शी
प्रतापसिंह देशमुख (निर्दलीय) 35,464 58.66%
लक्ष्मणराव तरार (कांग्रेस) 21,677 35.85%
सर्जेराव गावंडे (निर्दलीय) 2,114 3.50%
रामभाउ घारपुरे (निर्दलीय) 609 1.01%
वासंतीबाई मालवीय (निर्दलीय) 598 0.99%

– दर्यापुर
जगन्नाथ देवराव पाटिल (रिपाई) 32,181 54.55
नारायणराव उत्तमराव देशमुख (कांग्रेस) 25,208 42.73%
गुलाबराव चंद्रभान जवंजाल (निर्दलीय) 1,143 1.94%
जगदेव सोनाजी चोरपगार (निर्दलीय) 457 0.77%

* सन 1962 से वर्ष 2019 तक विधानसभा चुनाव का सफरनामा
महाराष्ट्र विधानसभा के लिए अमरावती विधानसभा क्षेत्र में पहली बार सन 1962 में चुनाव कराया गया था और इसके बाद से लेकर अब तक महाराष्ट्र में तेरह बार विधानसभा चुनाव हो चुके है. वहीं अब महाराष्ट्र विधानसभा का चौदहवां चुनाव आगामी 3-4 माह में होने जा रहा है. ऐसे में दैनिक अमरावती मंडल द्वारा अमरावती जिले में अब तक हुए विधानसभा चुनावों की स्थिति व नतीजों को लेकर अपने पाठकों हेतु विशेष रुप से चुनाव दर चुनाव की खबरे आंकडों के साथ प्रकाशित की जा रही है. जिसकी पहली कडी के तहत आज के अंक में वर्ष 1962 में हुए पहले चुनाव से संबंधित खबर प्रकाशित की गई है. यह एक तरह से अमरावती विधानसभा क्षेत्र में अब तक हुए विधानसभा चुनावों का सिंहावलोकन है.

* सन 52 से सन 62 तक ऐसे बदले विधानसभा क्षेत्र
सन 1952 में सीपी एण्ड बेरार प्रांत की विधानसभा हेतु कराये गये विधानसभा चुनाव में अमरावती जिले के अंतर्गत कुल 10 विधानसभा सीटें तय की गई थी. जिनमें अमरावती, दर्यापुर, वलगांव, अचलपुर, मेलघाट, नांदगांव खंडेश्वर, तलेगांव, जरुड, मोर्शी व चांदूर रेल्वे विधानसभा क्षेत्रों का समावेश था. इसमें से अमरावती व दर्यापुर सीट हेतु द्विसदस्यीय प्रणाली अमल में लायी गई थी. वहीं सन 1957 के आते-आते अमरावती जिले को तत्कालीन बॉम्बे प्रोविन्स यानि मुंबई प्रांत के साथ नागपुर डिविजन अंतर्गत जोड दिया था और अमरावती जिले की विधानसभा सीटों का नये सिरे से परिसीमन करते हुए 7 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र तय किये गये थे. जिनमें दर्यापुर, अमरावती, मेलघाट, बडनेरा, चांदूर रेल्वे, अचलपुर व मोर्शी विधानसभा क्षेत्रों का समावेश था. इसके लिए सन 1952 के चुनाव दौरान अस्तित्व में रहने वाले वलगांव, नांदगांव खंडेश्वर, तलेगांव व जरुड विधानसभा सीटों को रद्द किया गया था तथा जरुड क्षेत्र को मोर्शी व चांदूर रेल्वे में आधा-आधा विभाजीत किया गया था. वहीं वलगांव एवं नांदगांव खंडेश्वर विधानसभा क्षेत्रों को रद्द करते हुए इन दोनों क्षेत्रों में शामिल मतदाताओं को अमरावती तथा नये सिरे से गठित किये गये बडनेरा विधानसभा क्षेत्र में शामिल किया गया था. साथ ही नांदगांव खंडेश्वर क्षेत्र के कई गांवों को चांदूर रेल्वे विधानसभा क्षेत्र के साथ जोडा गया था. इसके अलावा तलेगांव विधानसभा क्षेत्र को रद्द करते हुए इस क्षेत्र में शामिल मतदाताओं को मोर्शी व चांदूर रेल्वे विधानसभा क्षेत्रों में विभाजीत कर समाविष्ट किया गया था. विशेष उल्लेखनीय है कि, सन 1957 के चुनाव में दर्यापुर सीट हेतु द्विसदस्यीय प्रणाली अमल में लायी गई थी. जिसके चलते 7 विधानसभा सीटों से 8 सदस्य चुनकर विधानसभा में पहुंचे थे. वहीं सन 1960 में संयुक्त महाराष्ट्र का गठन होने के उपरान्त द्विसदस्यीय प्रणाली को पूरी तरह से रद्द कर दिया गया. साथ ही अमरावती जिले में सन 1957 में घटित 7 विधानसभा क्षेत्रों को ही कायम रखा गया. जिसके चलते सन 1962 में हुए विधानसभा चुनाव में अमरावती जिले की 7 सीटों से 7 विधायक निर्वाचित हुए.

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